December 23, 2024

 प्रदेश स्वास्थ्य कर्मचारी संघ ने की मेडिकल कॉलेज रायपुर डीन डॉ. तृप्ति नगरिया को हटाने की मांग, स्वास्थ्य मंत्री को सौंपा ज्ञापन

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छत्तीसगढ़ प्रदेश स्वास्थ्य कर्मचारी संघ द्वारा 02 फरवरी 2024 को लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा चिकित्सा मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल को ज्ञापन सौंपकर मांग की है कि प. ज. नेहरु स्मृति चिकित्सा महाविद्ध्यालय रायपुर की अधिष्ठाता डॉ. तृप्ती नागरिया को अधिष्ठाता पद से हटाया जाय और किसी अन्य वरिष्ठ चिकित्सा शिक्षक को मेडिकल कॉलेज रायपुर का डीन बनाया जाय।

छत्तीसगढ़ प्रदेश स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के प्रांताध्यक्ष आलोक मिश्रा ने स्वास्थ्य मंत्री को बताया है कि मेडिकल कॉलेज रायपुर में अधिष्ठाता के प्रभार में कार्यरत डॉ. तृप्ति नागरिया द्वारा मेडिकल कॉलेज रायपुर तथा सम्बद्ध चिकित्सालय डॉ. भीमराव आंबेडकर स्मृति चिकित्सालय रायपुर के रूटीन कार्यों तथा नीतिगत निर्णयों में जानबूझकर अत्यंत विलम्ब किया जाता है उनके इन कृत्यों के कारण सिम्स बिलासपुर में कर्मचारी लम्बी हड़ताल पर चले गए थे तथा शासन को अंततः उन्हें अधिष्ठाता पद से हटाया गया था, किन्तु कांग्रेस सरकार में इन्हें पुनः मेडिकल कॉलेज रायपुर में अधिष्ठाता का प्रभार दे दिया गया है, इससे अस्पताल एवं कॉलेज के विभिन्न कार्य प्रभावित हो रहे हैं।

जैसे कैंसर विभाग की सी.टी.स्कैन, मेमोग्राफी, कोबाल्ट एवं सिंकाई मशीन आज दिनांक तक चालू नहीं हुई है, नेत्र रोग विभाग की विट्रोक्टोमी मचिन वर्षों से बंद है सुधर नहीं किया जा रहा है, आंबेडकर अस्पताल अधीक्षक के बदले अधिष्ठाता मेडिकल कॉलेज रायपुर जिनमें डीन को अपने अधिकार अनुसार कार्य सञ्चालन की आवश्यकता है उक्त में इनके द्वारा अत्यंत विलम्ब किये जाने से मरीजों को प्राप्त हो रही सुविधा में विलम्ब होता है, क्योकि अधीक्षक के बदले डीन के वित्तिय पॉवर अधिक हैं, किन्तु अपने अधिकारों का उचित प्रयोग इनके द्वारा नहीं किया जाता है जिससे मरीजों को समय पर होने वाली सुविधा से वे वंचित हो जाते हैं।

डॉ. तृप्ति नगरिया की अकर्मण्यता के कारण वर्ष 2017 से अस्पताल में स्थापित पेट स्कैन मशीन आज दिनांक तक चालू नहीं हो सकी है तथा इस संबंद्ध में डीन द्वारा कोई भी सकारात्मक कार्यवाही नहीं किये जाने से मरीजों को पेट स्कैन सुविधा का लाभ नहीं मिला है परिणामस्वरूप मरीजों को प्राइवेट सुविधा पर ही निर्भर रहना पड़ रहा है, पैथोलॉजी विभाग, बायोकेमिस्ट्री विभाग, माइक्रोबायोलॉजी विभाग में मरीजों के रक्त परिक्षण के लिए केमिकल उपलब्ध नहीं होने के कारण मेडिकल टेस्ट बाधित हैं किन्तुविभागों से मांग आने पर भी अधिष्ठाता द्वारा व्यवस्था कराने में रूचि नहीं ली जाती है।

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राज्य के एकमात्र हृदय रोग संस्थान एडवांस कार्डियक इंस्टिट्यूट आंबेडकर अस्पताल में इको, टीएमटी सम्बन्धी मशीन व अन्य उपकरण वर्षों से बंद पड़े हैं किन्तु ACI की मांग पर भी अधिष्ठाता द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की जाती है, चिकित्सा महाविद्ध्यालय रायपुर में चतुर्थ श्रेणी के पदों पर वर्ष 2002 से 2015 के बीच हुई पदोन्नति को नियम विरुद्ध बताते हुए शासन से बिना कोई निर्देश प्राप्त हुए उनकी वेतन वृद्धि रोक दी गयी है इससे महाविद्ध्यालय के कर्मचारियों एवं अधिकारियों में अत्यधिक आक्रोश व्याप्त हो गया है जिसका प्रभाव अस्पताल एवं कॉलेज की कार्य प्रणाली पर पड़ रहा है।

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चिकित्सा महाविद्ध्यालय रायपुर के शैक्षणिक पदों पर भर्ती के लिये विभाग स्तर पर पदों का आरक्षण जारी कर पदों की भर्ती की जा रही है जबकि संचालनालय स्तर पर एकजाई करके आरक्षण जारी करके भर्ती करने का नियम है, वर्तमान में विभागीय चिकित्सकों पर इनका नियंत्रण नहीं है परिणाम स्वरुप चिकित्सकों की अस्पताल में उपस्थिति कम होने से NMC द्वारा कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है और भविष्य में ऐसा होने पर MBBS की सीटों को कम भी किया जा सकता है।

वर्तमान में सर्जरी विभाग में उपस्थिति कम होने पर सीट कम की गयी है, इस तरह अगर यही स्थिति भविष्य में भी विद्धमान रही तो राज्य के सबसे पुराने संस्थान की स्थिति बिगड़ने में देरी नहीं लगेगी क्यूंकि इनकी प्रथम दिवस से ही उपस्थिति विवादास्पस्द है l चूँकि ये संस्था की सर्वोच्च पद पर हैं तथा कोई भी फेकल्टी या स्टाफ इनके विरुद्ध कुछ कहना नहीं चाहता है क्यूंकि सबकी सी आर इनके हाथ में हैं।

इन समस्त बिन्दुओं को बताते हुए डॉ. तृप्ति नागरिया को अधिष्ठाता के प्रभार से हटाते हुए किसी अन्य वरिष्ट अनुभवी व योग्य चिकित्सा शिक्षक को अधिष्ठाता का प्रभार प्रदान करने की मांग की गयी है l इस अवसर पर प्रदेश स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के प्रांताध्यक्ष आलोक मिश्रा संरक्षक ओ पी शर्मा, एस. पी. देवांगन, एस.एस.सोनी, राजेंद्र यादव, चेतन सिन्हा, सुभाष सहारे, संतोष गिरी तथा अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।

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