December 26, 2024

झूठी शिकायत करने वाले पर होगी सख्त कार्रवाई-अध्यक्ष डॉ किरणमयी नायक

0
झूठी शिकायत करने वाले पर होगी सख्त कार्रवाई-अध्यक्ष डॉ किरणमयी नायक

दुर्ग:छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ किरणमयी नायक ने आज दुर्ग जिले के पंजीकृत प्रकरणों की सुनवाई की। सुनवाई नोवेल कोरोना वायरस के संक्रमण के आलोक में राज्य शासन द्वारा समय-समय पर जारी किये गए निर्देशों का पालन करते हुए की गयी।

आज की सुनवाई में टोनही प्रताड़ना संबंधित प्रकरण में आवेदिका के द्वारा अपनी सास एवं ससुर के विरुद्ध अपने पति के साथ मिलकर टोनही प्रताड़ना की शिकायत की गई थी।जिसमें दोनों पक्षों को सुना गया।सुनवाई के दौरान यह पाया गया कि नौकरी पेशा बहू और बेटे के द्वारा अपने ही वृद्ध माता-पिता के विरुद्ध जानबूझकर प्रताड़ित किए जाने की झूठी शिकायत मकान हड़पने के लिए की गई है।जिस पर आयोग ने आवेदिका और उनके पति को यह निर्देशित किया कि उस घर में लगाए चार लाख रुपये देकर घर को खाली करें तथा मकान के एक भाग में जहां ताला लगा कर कब्जा रखा गया है उसे खोला जाए।मकान को पैसा मिलने के पश्चात खाली कर दें ।

इसी तरह अन्य प्रकरण में आवेदिका के द्वारा अपने सास-ससुर और ननंद के विरुद्ध पति की मृत्यु के पश्चात 3 बच्चों सहित घर से निकाल देने की शिकायत की गई थी।आवेदिका ने यह भी बताया कि उसका पति दुबई में कार्यरत था जहाँ से लाखों रुपए घर भेजता था। मई 2020 में कोरोना से उसके पति की अचानक मृत्यु हो गई तब उसके सास-ससुर और ननद के द्वारा आवेदिका और उसके 3 बच्चों सहित उसे घर से निकाल दिया गया है।इस प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए आयोग के अध्यक्ष के द्वारा तत्काल कार्यवाही किया जा कर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक को प्रकरण में तुरंत संज्ञान लेकर आयोग को सूचित करने निर्देशित किया गया।

इसी तरह पैसे के लेनदेन के एक अन्य प्रकरण में उभय पक्षों को सुना जा कर समस्त दस्तावेज को लेकर आयोग के समक्ष हाजिर होने का निर्देश दिया गया।इस प्रकरण में आवेदिका की यह शिकायत थी कि उसके स्वर्गवासी पति के द्वारा आवेदक ने अपनी पत्नी के साथ मिलकर लाखों रुपए उधार लेकर हड़प कर लिए हैं।रकम वापसी नहीं किए जाने के कारण ही उसके पति की हार्ट अटैक से मृत्यु हुई है।जिससे आयोग ने दोनों पक्षों को सुना और यह पाया गया कि अनावेदकगणों के द्वारा राजनीतिक दबाव एवं पार्षद के साथ मिलकर रकम वापसी हेतु डराया धमकाया गया। जिसे आयोग ने गंभीरता से लेते हुए आगामी तिथि पर आयोग में हाजिर होने हेतु निर्देशित किया।

अन्य प्रकरण में माता-पिता के घरेलू झगड़े में उसके 13 वर्षीय पुत्र की उपस्थिति में उभय पक्षों को निर्देशित किया कि भविष्य में बच्चे के भविष्य को देखते हुए अपनी पुरानी बातों को भुलाकर दाम्पत्य जीवन का अच्छे से निर्वहन करें। एक दूसरे के परिवारिक मान सम्मान का ध्यान रखें।

इसी तरह अन्य प्रकरण में आवेदिका ने पति द्वारा धोखे से दूसरी शादी अपनी पहली पत्नी को बिना तलाक दिए किये जाने पर की। शादी के बाद पत्नी को घर से निकाल कर प्रताड़ित किया जा रहा है।आवेदिका ने यह भी कहा कि अनावेदक अपने माता-पिता के साथ मिलकर उसे प्रताड़ित कर रहा है जिसे आयोग ने गंभीरता से लेते हुए उक्त प्रकरण मय दस्तावेज के आगामी तिथि पर सभी पक्षकारों को उपस्थित होने का निर्देश दिया

आयोग में 21 और 22 अक्टूबर को इन दो दिनों में सुनवाई हेतु कुल 57 प्रकरण रखे गये थे,जिसमे 47 प्रकरणों में ही पक्षकार उपस्थित हुए और 22 प्रकरणों का सुनवाई पश्चात् निराकरण किया गया। जिन प्रकरणों में पक्षकार उपस्थिति नहीं हो पाए उनके लिए अगली सुनवाई की तिथि निर्धारित की गई है। आयोग द्वारा पति-पत्नी विवाद, दैहिक शोषण, मारपीट, प्रताड़ना, दहेज प्रताड़ना, कार्यस्थल पर प्रताड़ना, घरेलू हिंसा से सम्बंधित प्रकरणों की सुनवाई की गई।

आज की सुनवाई में प्रस्तुत प्रकरण में सुनवाई के दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता श्रीमती तुलसी साहू, नीलू ठाकुर, शासकीय अधिवक्ता कु शमीम रहमान, पूजा मोगरी तथा महिला बाल विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारी, पुलिस प्रशासन भी उपस्थित रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *