December 24, 2024

बेरोजगारी भत्ता योजना और सामाजिक-आर्थिक सर्वेक्षण 1 अप्रैल से होगा शुरू

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मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की घोषणा के अनुसार प्रदेश में बेरोजगारी भत्ता योजना और सामाजिक-आर्थिक सर्वेक्षण 1 अप्रैल से शुरू होगा।

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मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की घोषणा के अनुसार प्रदेश में बेरोजगारी भत्ता योजना और सामाजिक-आर्थिक सर्वेक्षण 1 अप्रैल से शुरू होगा। कलेक्टर प्रियंका ऋषि महोबिया ने आज कलेक्ट्रेट के अरपा सभाकक्ष में विभिन्न विभागों की बैठक लेकर दोनों योजनाओं के सफलतापूर्वक क्रियान्वयन के लिए समय पूर्व संपूर्ण तैयारी सुनिश्चित करने आवश्यक दिशा निर्देश दिए।

कलेक्टर ने बताया कि राज्य शासन द्वारा शिक्षित बेरोजगारों को 1 अप्रैल 2023 से 2500 रुपये प्रतिमाह बेरोजगारी भत्ता देने की योजना की स्वीकृति प्रदान कर दी गई है। उन्होने बेरोजगारी भत्ता योजना के मापदंड, पात्रता, भत्ते की स्वीकृति की प्रक्रिया आदि की विस्तृत जानकारी दी। उन्होने 1 अप्रैल से प्रारंभ किए जाने वाले सामाजिक-आर्थिक सर्वेक्षण 2023 के लिए जिला स्तर पर समन्वय, क्रियान्वयन, पर्यवेक्षण एवं संचालन के संबंध में भी विस्तृत जानकारी दी। बैठक में राजस्व, पंचायत, शिक्षा, महिला एवं बाल विकास, कृषि और कौशल विकास एवं तकनीकी शिक्षा विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।

बेरोजगारी भत्ता योजना के तहत केवल ऑनलाइन आवेदन लिए जाएंगे। इसके लिए एनआईसी द्वारा वेब पोर्टल तैयार किया जा रहा है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल शीघ्र ही इस बेवपोर्टल का लोकार्पण करेंगे। बेरोजगारी भत्ता का भुगतान आवेदक के बैंक खाते में डीबीटी के माध्यम से किया जाएगा। बेरोजगारी भत्ता के लिए पात्र शिक्षित युवा को प्रथमतः एक वर्ष के लिए बेरोजगारी भत्ता देय होगा। यदि व्यक्ति विशेष को एक वर्ष की उक्त अवधि में लाभकारी नियोजन नहीं हो पाता है तो बेरोजगारी भत्ते की अवधि एक वर्ष के लिए और बढ़ाई जा सकेगी। किसी भी प्रकरण में यह अवधि दो वर्ष से अधिक नहीं होगी। आवेदक छत्तीसगढ़ का मूल निवासी हो। आवेदन किये जाने वाले वित्तीय वर्ष के 1 अप्रेल को आवेदक की आयु 18 से 35 वर्ष के मध्य हो। आवेदक मान्यता प्राप्त बोर्ड से न्यूनतम हायर सेकेंडरी (12वीं उत्तीर्ण) शैक्षणिक योग्यता धारी हो। जिला रोजगार एवं स्वरोजगार मार्गदर्शन केन्द्र में पंजीकृत हो एवं आवेदन के वर्ष के 1 अप्रैल को हायर सेकेण्डरी अथवा उससे अधिक योग्यता में उसका रोजगार पंजीयन न्यूनतम दो वर्ष पुराना हो। आवेदक के आय का कोई स्त्रोत न हों एवं आवेदक के परिवार की समस्त स्रोतों से आय रुपये 2 लाख 50 हजार वार्षिक से अधिक न हो। परिवार से तात्पर्य है पति, पत्नी एवं आश्रित बच्चे एवं आश्रित माता-पिता है।

कलेक्टर ने बैठक में सामाजिक आर्थिक सर्वेक्षण 2023 के लिए विभिन्न विभागों से समन्वय कर प्रत्येक ग्राम पंचायत के लिए प्रगणक दल का गठन करने, प्रशिक्षण हेतु मास्टर ट्रेनर्स चयनित करने सहित संपूर्ण तैयारी समय पूर्व सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।

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