December 24, 2024

RSS के सह कार्यवाहक मोहन वैद्य ने राहुल गांधी की पदभार यात्रा पर कसा तंज

0

आरएसएस के सह सर कार्यवाह डॉ. मनमोहन वैद्य ने राहुल गांधी की भारत यात्रा पर तंज किया है।

manmohan-vaidh

रायपुर। आरएसएस के सह सर कार्यवाह डॉ. मनमोहन वैद्य ने राहुल गांधी की भारत यात्रा पर तंज किया है। उन्होंने कहा कि भारत जोड़ने का काम कोई भी करेगा, अच्छी बात है, लेकिन प्रेम से जोड़ेंगे या नफरत से? डॉ. वैद्य ने कहा कि संघ के खिलाफ आप (राहुल गांधी) पहले ही नफरत पाल कर रखे हैं। उनके बाप-दादा ने संघ का बहुत तिरस्कार किया। इसके बाद भी संघ रुका नहीं।

लगातार बढ़ता रहा है। वे जो बोल रहे हैं, उससे भी उनकी नफरत ही सामने आती है। संघ का गणवेश बदला यह भी उन्हें ध्यान नहीं है। जनसंख्या कानून के संबंध में सह सर कार्यवाह ने कहा कि इस संबंध में संघ ने पहले ही नीति तय कर ली है। आने वाले 50 वर्ष की जरूरतों को ध्यान में रखकर कानून लागू करना चाहिए। यह सभी पर एक समान लागू होना चाहिए। सीएम भूपेश बघेल द्वारा निमंत्रण देने के संबंध में जब सवाल आया तो प्रति प्रश्न किया कि निमंत्रण कैसे दिया जाता है? मुझे तो नहीं मिला। इससे पहले तीन दिवसीय समन्वय बैठक के संबंध में जानकारी देते हुए डॉ. वैद्य ने बताया कि स्वतंत्रता संग्राम में सभी जाति-वर्ग की सहभागिता रही है। केवल कुछ के ही नाम की चर्चा होती है।

भारत की अनेक भाषा, अनेक जाति, अनेक उपासना का लोग पालन करते हैं, इन सभी को जोड़ने वाला भारत का स्व है। यह स्व कैसे प्रकट होगा, इसकी भी चर्चा हुई। भारत का स्व यहां की आध्यात्मिकता है। ईश्वर एक है, उसे बुलाने के नाम अनेक हो सकते हैं। 11 सितंबर 1893 शिकागो स्पीच में इसी बात का उल्लेख किया था। भारत का राष्ट्र पश्चिम के नेशन से अलग है। भगवान राम ने उत्तर से दक्षिण को बांधकर रखा है। कृष्ण ने पूर्व पश्चिम भारत को बांधकर रखा। शिव सर्वत्र हैं। भारत के जोड़ने वाले तत्व को जोड़ना मुख्य है। भारत में स्व को नकारा गया। अनदेखी की गई।

भारत का स्व जितनी मात्रा में प्रकट होना था, नहीं हुआ। उस पर कैसे बढ़ सकते हैं, उस पर भी चर्चा हुई। ब्रांडेड चीजें अच्छी हैं, यह चलन बढ़ा है। स्थानीय को बढ़ावा देने पर जोर देंगे। जीडीपी के आधार पर आर्थिक आधार मापने के बदले नए भारतीय मानक इंडेक्स की बात उठी। कृषि शिक्षा में परिवर्तन आवश्यक है। एग्रीकल्चर ग्रेजुएट खेती नहीं करते, नौकरी करते हैं। जो खेती करते हैं, उन्हें शिक्षा देने पर बात की गई। हिंदुत्व की पढ़ाई पर बात हुई है। न्यायालयों में भारतीय भाषाओं पर बात हो, जिससे लोगों को समझ में आए, यह भी चर्चा की गई है। जनजातीय का माइग्रेशन रोकने के विषय पर चर्चा की गई।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed