December 23, 2024

छत्तीसगढ़ में पुरानी पेंशन योजना लागू करने की मांग, सीएम भूपेश से कर्मचारी संघ ने लगाई गुहार

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छत्तीसगढ़ में कर्मचारी संगठन पुरानी पेंशन योजना लागू करने की मांग कर रहे हैं।

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छत्तीसगढ़ में कर्मचारी संगठन पुरानी पेंशन योजना लागू करने की मांग कर रहे हैं।आपको बता दें कि केन्द्र सरकार ने 2004 के बाद नियुक्त शासकीय सेवकों की पुरानी पेंशन योजना को बंद कर नवीन अंशदायी पेंशन योजना लागू की है। जिससे कर्मचारियों का भविष्य अंधकारमय हो गया है। पश्चिम बंगाल के बाद राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार और झारखण्ड की हेमंत सोरेन सरकार ने पुरानी पेंशन लागू कर केन्द्र सरकार को ढेंगा दिखा दिया है।

छत्तीसगढ़ प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बधेल से मांग की है कि पुरानी पेंशन योजना प्रदेश में भी तत्काल लागू की जाए। यह एक ऐसी मांग है जिसके पूर्ण होने पर सरकार के राजकोष में कोई आर्थिक बोझ नही पड़ेगा। अपितु सरकार और कर्मचारी दोनों को आर्थिक लाभ होगा । संघ के प्रांतीय अध्यक्ष विजय कुमार झा एवं जिला शाखा अध्यक्ष इदरीश खान ने बताया है कि 2004 के बाद नियुक्त प्रदेश के शासकीय सेवकों के वेतन से मूल वेतन और मंहगाई भत्ता पर 14 प्रतिशत् अंशदान सरकार को देना पड़ रहा है। दूसरी तरफ पुरानी पेंशन वाले शासकीय सेवक जो 2004 के पूर्व नियुक्त हुए है वे अपने मूल वेतन औऱ मंहगाई भत्ता पर 12 प्रतिशत कटौती कर भविष्य निधि खाते में जमा कर रहे है। इस प्रकार नवीन अशदायी पेंशन योजना में सरकार को नगद जमा करना पड़ रहा है, पुरानी पेंशन योजना में शासन के खजाने में कर्मचारी जमा करेगें। इसके अतिरिक्त 2004 के बाद पेंशन लागू करने पर आगामी 20-30 वर्षो तक सरकार को पेंशन नहीं देना है, बल्कि भविष्य निधि खाते में कर्मचारियों से राशि जमा कराना है। कर्मचारियों और उनके परिजनों के वृद्वावस्था में बुढ़ापे का सहारा पेंशन है। अभी एक 2004 के बाद नियुक्त डिप्टी कलेक्टर के मूल वेतन 56000/- व उस पर 17 प्रतिशत् मंहगाई भत्ता 9520/-रू. इस राशि पर सरकार को 14 प्रतिशत् अंशदान देना पड़ रहा है, जो लगभग8-9 हजार रूपये होता है। इस गणना के आधार पर प्रदेश सरकार को प्रतिमाह लाखों शासकीय सेवकों को अंशदान देना पड़ रहा है। इससे जो राशि बचेगी उससे सरकार कर्मचारियों को लंबित 14 प्रतिशत् मंहगाई भत्ता तथा केन्द्रीय कर्मचारियों के समान 20 प्रतिशत् 7 वें वेतनमान् में गृहभाड़ा भत्ता प्रदान कर सकती है। इसलिए इस पुरानी पेंशन योजना को लागू कर केन्द्र सरकार को एक सीख देने की मांग मुख्यमंत्री भूपेश बधेल से कर्मचारी संघ ने की है।

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