राजधानी रायपुर में पिछले एक साल में सायबर ठगों ने खातों से उड़ाए 6.20 करोड़
रायपुर के पॉश इलाकों से लेकर आउटर की काॅलोनियों में जहां चोरी की वारदातें बढ़ी हैं।
रायपुर। रायपुर के पॉश इलाकों से लेकर आउटर की काॅलोनियों में जहां चोरी की वारदातें बढ़ी हैं। वहीं, ऑनलाइन ठगी की घटनाएं भी रिकार्ड तोड़ रही हैं। ऑनलाइन ठगों ने घरों में सेंधमारी करने वालों को पीछे छोड़ दिया है। राजधानी में पिछले एक साल में जहां 2000 मकानों और दुकानों के ताले तोड़कर चोर 9.23 करोड़ के कैश और जेवर चुराकर ले गए, वहीं ऑनलाइन ठगों ने 23 सौ लोगों से ठगी की। सैकड़ों किलोमीटर दूर बैठे ऑनलाइन ठगों ने 6.20 करोड़ रूपए लोगों के खातों से उड़ा लिए। पुलिस घरों में चोरियां करने वालों का तो क्लू जुटाकर उनसे रिकवरी कर रही है, लेकिन ऑन लाइन ठगी की अधिकतर वारदातों में पता ही नहीं चल पा रहा है कौन? कहां से? पैसे निकाल रहा है। पुलिस के लिए घरों में चोरी रोकने से ज्यादा मुश्किल ऑनलाइन जालसाजी की घटनाओं को रोकना हो गया है। लगातार जागरुकता अभियान के बावजूद लोग अनजाने में खुद ही अपनी व्यक्तिगत जानकारी के साथ बैंक खातें का ब्योरा जालसाजों को देखकर अपने खातों में चोरी करवा रहे हैं
पुलिस के पास मुखबिर के साथ सीसीटीवी कैमरे का ऐसा नेटवर्क है कि घरों में चोरी करने वालों न सिर्फ क्लू बल्कि उनका सीसीटीवी कैमरे का फुटेज भी मिल जाता है, लेकिन ऑनलाइन ठगी करने वालों का ब्योरा जुटाने में काफी मशक्कत करनी पड़ रही है। पुलिस अधिकारी खुद मानते हैं कि सायबर फ्रॉड की घटनाएं ज्यादा होने लगी है। 6 तेजी से सायबर क्राइम बढ़ रहा है। इसमें पढ़े-लिखे लोग भी शिकार हो रहे है।
पुलिस की आकड़ों के अनुसार मकान, दुकान, शो रूम से लेकर बाइक-मोपेड समेत छोटी-बड़ी चोरियां मिलाकर केवल रायपुर शहर पिछले साल 1980 घटनाएं हुई हैं। इतनी वारदातों में चोरों ने 9 करोड़ 23 लाख से ज्यादा का जेवर, कैश और बाकी कीमती सामान पार किया। इसमें से 365 चोरी के मामले में पुलिस ने 615 चोरों को पकड़ा है।उनसे 2 करोड़ 31 लाख का माल जब्त किया गया है, जबकि 1599 चोरी के मामले में चोर अब तक पकड़े नहीं गए है। हालांकि पुलिस ने जिन्हें गिरफ्तार किया है, उनसे भी 40-45 फीसदी माल ही बरामद हो पाया है। बाकी पैसा या जेवर पुलिस जब्त नहीं कर पाई है। पुलिस के अनुसार चोरी के मामले में चोर 24 घंटे के भीतर पकड़े गए तो चोरी का पूरा माल जब्त होने की संभवना रहती है।
अब बना पुलिस का सेटअप
सायबर अपराध की जांच और रोकथाम के लिए पुलिस मुख्यालय में अलग से सेटअप तैयार किया जा रहा है। अभी सायबर में दो टीआई और कुछ स्टाफ है। नए सेटअप में सायबर लैब में एसपी के साथ दो-दो एएसपी व डीएसपी मिलाकर 20 का स्टाफ होंगे। इसमें इंस्पेक्टर के 6 और सब इंस्पेक्टर के 9 पद मांगे गए हैं। इसके अलावा राज्य के सभी आईजी रेंज में एक सायबर थाना खोला जाएगा। इसके लिए राज्य सरकार को प्रस्ताव दिया गया है।