December 24, 2024

चरणदास महंत और पत्नी ने निभाया माता-पिता का धर्म, दत्तक पुत्री सरस्वती का कन्यादान कर धूमधाम से की शादी…

0

पाली ब्लॉक के लाफा गांव में गुरुवार को एक विशेष शादी समारोह का आयोजन किया गया.

WhatsApp-Image-2022-02-11-at-12.42.49-PM-780x405

कोरबा– पाली ब्लॉक के लाफा गांव में गुरुवार को एक विशेष शादी समारोह का आयोजन किया गया. जहां विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत और उनकी पत्नी ज्योत्सना महंत भी शामिल हुए.इस शादी में पूरे गाँव के साथ-साथ एसपी से लेकर कलेक्टर भी पहुंचे…उनमे जिला पुलिस अधीक्षक भोजराम पटेल, जिला कलेक्टर रानू साहू, एसडीएम नंदजी पांडे, डीएफओ समा फारुकी सहित जिले के तमाम आला अधिकारी कर्मचारी और कांग्रेस के जिला पदाधिकारी भी इस शुभ विवाह में शामिल हुए

खास बात यह है कि, इस शादी को कराने वाले स्वयं विधानसभा अध्यक्ष महंत चरणदास महंत है. दरअसल, यह शादी विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत की दत्तक पुत्री सरस्वती की थी. जी हां, दत्तक पुत्री सरस्वती की शादी बड़े धूम धाम से हुई. विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत और उनकी पत्नी ज्योत्सना महंत ने अपने माता-पिता होने का धर्म निभाया. दोनों ने अपनी दत्तक बेटी के हाथ पीले किये.इस दौरान महंत दम्पति के चेहरे पर भावुकता देखने को मिली. राजनीती से हटके यह सबसे अलग और मानवीय रूप शायद बहुत ही कम लोगों को पता होगा।.इस विवाह का साक्षी पूरा गांव लाफा नहीं बल्कि पूरे ब्लॉक और जिला बना।

पुत्री सरस्वती के लिए महंत दंपत्ति ने अपनी जिम्मेदारियों को बाखूबी निभाया.वहीं, माता-पिता होने का धर्म निभाया. उन्होंने अब सरस्वती के हाथ भी पीले कर दिए. उसका कन्यादान किया और बड़े धूमधाम से दत्तक पुत्री सरस्वती की शादी हुई। दोनों ने बेटी को मंच मे आशीर्वाद दिया।पूरा मामला…डॉ महंत वर्ष 1996 में लोकसभा चुनाव के दौरान जनसंपर्क पर पाली ब्लाक के ग्राम लाफा पहुंचे थे. जब लोगों से वोट मांग रहे थे और गांव की चौपाल पर बैठकर ग्रामीणों से चर्चा कर रहे थे, उसी दौरान एक ग्रामीण महज कुछ महीने की अबोध दुधमुंही बच्ची को डॉ महंत की गोद में लाकर सौंपा और कहा कि आज से इसकी सम्पूर्ण जवाबदारी आपकी है, क्योंकि मैं बहुत गरीब हूं और परिवार के लिए दो वक्त की रोटी भी बमुश्किल जुटा पाता हूं।

अचानक हुए इस पूरे घटनाक्रम से हतप्रभ महंत ने पूरी तन्मयता से बात सुनते हुए बच्ची के माथे पर स्नेह भरा हाथ फेरा और उसे गोदी में भरते हुए कहा कि आज से यह मेरी बेटी हुई और इसके लालन-पालन सहित शिक्षा- दीक्षा, शादी ब्याह की पूरी जवाबदारी भी मेरी होगी। तब से डॉ महंत दंपति ने सरस्वती के पालन-पोषण और शिक्षा-दीक्षा में कोई कमी नहीं की। उन्होंने अपनी जिम्मेदारी निभाई और मां-बाप की कमी कभी महसूस नहीं होने दी और अब उन्होंने सरस्वती का कन्यादान कर अपने माता-पिता होने का धर्म भी पूरा कर लिया है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed