December 23, 2024

चीन ने पैंगोंग झील के उत्तर में जो किया, भारत ने दक्षिण में उसी गेम से ड्रैगन को दी मात

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चीन ने पैंगोंग झील के उत्तर में जो किया, भारत ने दक्षिण में उसी गेम से ड्रैगन को दी मात

नई दिल्लीईस्टर्न लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुल कंट्रोल (LAC) पर पैंगोंग लेक (Pangong Lake Dispute) के उत्तरी किनारे पर चीन ने जो किया भारत (India And China Border News) ने उसे उसी के गेम में दक्षिण किनारे में मात दी है। अब चीन कह रहा है कि भारत ने LAC पार कर उसके इलाके में कब्जा किया है और उसे वापस जाना चाहिए। दिलचस्प है कि पैंगोंग लेक के उत्तरी किनारे यानी फिंगर एरिया में चीन इसी तरह भारत के इलाके में डटा है और पिछले चार महीने से इसी पर बातचीत चल रही है कि चीन को वापस जाकर अप्रैल वाली स्थिति बहाल करनी चाहिए। अभी चुशूल में भारत और चीन सेना के बीच ब्रिगेड कमांडर लेवल की मीटिंग चल रही है और मीटिंग में अब चीन की तरफ से पैंगोंग लेक के दक्षिण किनारे की पहाड़ियों पर भारतीय सेना की मौजूदगी को लेकर ऐतराज जताया जा रहा है। भारतीय सेना के एक सीनियर अधिकारी ने कहा कि जब तक चीन अप्रैल वाली स्थिति बहाल नहीं करता भारतीय सेना भी हर जगह पर डटी रहेगी जहां वह तैनात है।

पैंगोंग के उत्तरी किनारे और दक्षिणी किनारे का फर्क
पैंगोंग लेक (Pangong Lake News) के उत्तरी किनारे में फिंगर एरिया हैं। फिंगर 1 से लेकर फिंगर-8 तक। भारत मानता है कि फिंगर-8 तक उसका इलाका है। फिंगर- 4 की एरिया पहले से ही भारत के कंट्रोल में रही है लेकिन मई में चीनी सैनिक फिंगर-4 तक आ गए और वहां से लेकर फिंगर-8 तक कई स्ट्रक्चर बना लिए। भारतीय सेना भी फिंगर-4 पर चीनी सैनिकों के (India-China Border Issue Latest News) आमने सामने डटी है। दो दिन पहले तक गतिरोध का सबसे बड़ा पॉइंट यह फिंगर एरिया ही था। कई राउंड की मिलिट्री और डिप्लोमेटिक स्तर की बातचीत के बाद चीनी सैनिक जुलाई के पहले हफ्ते में फिंगर-4 एरिया से पीछे तो हटे लेकिन इसकी चोटी पर वह अब भी मौजूद हैं।

इन इलाकों में चोटियों का है बड़ा महत्व
इन इलाकों में चोटियों का इसलिए महत्व है क्योंकि जो चोटी पर रहेगा वह पूरे इलाके पर नजर रख सकता है और दूसरे देश के सैनिकों के हर मूवमेंट को देख सकता है। फिंगर एरिया में जहां करीब करीब लाइन से ये चोटियां हैं जिन्हें फिंगर कहते हैं, वहीं पैंगोंग लेक के दक्षिण के किनारे में पहाड़ियों का कलस्टर है। एक सीनियर अधिकारी के मुताबिक यहां करीब 4-5 पहाड़ियां हैं जो बेहद अहम और डोमिनेटिंग हैं। पैंगोंग लेक के साउथ में स्पांगुर लेक है जो अक्सर सूखी ही रहती है। स्पांगुर और पैंगोंग के बीच में पहाड़ियां हैं। स्पांगुर पर करीब ढाई किलोमीटर का गैप बनता है। इस गैप से मूवमेंट हो सकती है। जब 29 अगस्त की रात को चीनी सैनिकों ने इन हाइट्स पर कब्जा करने कि लिए मूवमेंट शुरू की तो भारतीय सैनिक उसे रोकते हुए करीब तीन पहाड़ियों पर पहुंच गए।

भारतीय सेना को मिल गई बड़ी बढ़त
अब भारतीय सैनिक इन तीन चोटियों (हाइट्स )से चीन की उस इलाके पर हर हरकत पर नजर रख सकते हैं। इन चोटियों पर भारत भी अपना दावा जताता है और चीन भी। समझौते के मुताबिक इन जगहों पर दोनों देश सैनिकों की तैनाती नहीं करते थे और बस पट्रो्लिंग करते थे। लेकिन चीन जिस तरह फिंगर एरिया में आकर बैठ गया अब उसे वैसे ही जवाब पैंगोंग लेक के दक्षिण किनारे पर दिया जा रहा है। भारतीय सेना के एक अधिकारी ने कहा कि हमने तो बस डिफेंसिव कदम उठाया है। उन्होंने कहा हम यथास्थिति नहीं बदलना चाहते, हम चाहते है कि अप्रैल से पहले वाली स्थिति बहाल हो। हम तनाव बढ़ाना नहीं चाहते।

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