केंद्रीय बजट को लेकर शासकीय कर्मचारियों में गुस्सा, बताया शून्य बटा सन्नाटा
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की केन्द्र सरकार के 10 वें बजट एवं केन्द्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमन के चौथे पेपर लेस केन्द्रीय बजट में देश के करोड़ों शासकीय सेवकों के लिए कोई ठोस प्रावधान नही किया गया है।
रायपुर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की केन्द्र सरकार के 10 वें बजट एवं केन्द्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमन के चौथे पेपर लेस केन्द्रीय बजट में देश के करोड़ों शासकीय सेवकों के लिए कोई ठोस प्रावधान नही किया गया है।जिसके बाद छत्तीसगढ़ राज्य के नाराज कर्मचारियों ने कलेक्टोरेट रायपुर में केन्द्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर नाराजगी व्यक्त की।
छत्तीसगढ़ प्रदेश तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के प्रांतीय अध्यक्ष विजय कुमार झा एवं जिला शाखा अध्यक्ष इदरीश खान ने बताया कि एक मालिक अपने नौकर से कोई पैसा नहीं लेता लेकिन केन्द्र सरकार अपने नौकर से आयकर के रूप में राशि लेती है, इससे लज्जा को भी लज्जा आती है। संघ ने देश के शासकीय सेवकों से आयकर न लेने, 5 लाख तक कर देय आय को मुक्त रखने, विशेष कटौती को 50 हजार से बढ़ाकर 1.50 लाख करने, 2004 के बाद नियुक्त शासकीय सेवकों को पुरानी पेंशन योजना लागू करने की मांग की है।
संघ के मुताबिक एक देश, एक कानून, एक संविधान तथा सबका साथ सबका विकास की दुहाई देने वालों के कथनी व करनी में अंतर स्पष्ट दृष्टिगोचर हो रहा है। केन्द्रीय कर्मचारी 31 प्रतिशत् मंहगाई भत्ता, राज्य सरकार के कर्मचारी मात्र 17 प्रतिशत् मंहगाई भत्ता प्राप्त कर रहे है। इसी प्रकार छत्तीसगढ़ राज्य केन्द्रीय कर्मचारी 7 वें वेतनमान में 20 प्रतिशत् गृहभाड़ा प्राप्त कर रहे है, वहीं राज्य सरकार के कर्मचारी 6 वें वेतनमान् में मात्र 10 प्रतिशत् गृहभाड़ा भत्ता प्राप्त कर रहे है। देश एक, प्रदेश एक, शहर एक, बाजार एक, मंहगाई एक, फिर मंहगाई भत्ता व गृहभाड़ा भत्ता में केन्द्र और राज्य में भेदभाव क्यों किया जा रहा है। देश और प्रदेश के लाखों कर्मचारी जिनके स्वयं के भूमि भवन नहीं है, वे गृह निर्माण अग्रिम लिए है, उनकी सब्सिडी 2.50 लाख से बढ़ाकर बढ़ते रेत, सीमेंट सहित मंहगें निर्माण सामग्री के कारण वृद्वि कर समय सीमा में प्रदान करने की अपेक्षा बजट में थीं। किंतु न ही सब्सिडी बढ़ाया गया और न भुगतान हेतु कोई समय सीमा निर्धारित किया गया।
पेंशनरों को आयकर में छूट एक बड़ा लालीपॉप है, क्योंकि सिनीयर सिटीजन स्वयमेंव इससे मुक्त है। इस प्रकार संपूर्ण बजट शासकीय सेवकों की दृष्टि से ‘‘शून्य बटा सन्नाटा है‘‘। इससे नाराज प्रदेश के कर्मचारियों ने कलेक्टोरेट रायपुर में विजय कुमार झा, इदरीश खान, कार्यकारी प्रांताध्यक्ष अजय तिवारी, आर.के.ध्रुव, एसपी.यदु, प्रदीप उपाध्याय, के.आर.वर्मा, भजन बाध, नीलकंठ साहू, विजय कुमार डागा, दिनेश साहू, दिनेश गोस्वामी के नेतृत्व में केन्द्र सरकार के कर्मचारी विरोधी बजट के विरोध में प्रदर्शन किया गया