जेल में मच्छरों से परेशान रहे निलंबित आइपीएस जीपी सिंह
घर के मखमली बिस्तर पर सोने वाले निलंबित आइपीएसी अधिकारी जीपी सिंह की रायपुर सेंट्रल जेल के विशेष सेल में मंगलवार को पहली रात काफी कष्टप्रद तरीके से बीती।
रायपुर। घर के मखमली बिस्तर पर सोने वाले निलंबित आइपीएसी अधिकारी जीपी सिंह की रायपुर सेंट्रल जेल के विशेष सेल में मंगलवार को पहली रात काफी कष्टप्रद तरीके से बीती। मच्छरों ने पूरी रात उन्हें सोने नहीं दिया।बिना तकिया के चादर और कंबल के भरोसे जमीन पर ही सोना पड़ा। जेल प्रशासन से उन्होंने मच्छर काटने की शिकायत की, इसके बाद बुधवार रात को जेल प्रशासन ने मच्छर अगरबत्ती उपलब्ध कराया।
दलिया खाया, टोस्ट-बिस्किट की मांगा
जीपी सिंह ने पहले दिन दलिया खाकर रात गुजारी। बुधवार सुबह उन्होंने टोस्ट-बिस्किट की मांग की। जेल प्रबंधन ने जेल मैन्युअल में बीमार बंदियों के लिए टोस्ट-बिस्किट उपलब्ध कराने का प्रविधान होने पर उन्हें दिया गया। इस बीच जीपी ने अपने घर से धार्मिक ग्रंथ मंगवाने को कहा। इस पर उन्हें जेल में ही उपलब्ध धार्मिक ग्रंथ दिया गया।
सायरन बजने से पहले उठे, प्रार्थना की फिर पी चाय
जेल के सूत्रों ने बताया कि बुधवार सुबह परिसर में दियों को उठाने के लिए सायरन बजने से पहले जीपी की नींद खुल चुकी थी। चादर,कंबल समेटने के बाद उन्होंने प्रार्थना किया। उसके बाद सुबह पौने सात बजे उन्हें चाय के साथ टोस्ट-बिस्किट दी गई। फिर 11.30 बजे दिन का पहला खाना चावल, दाल और सब्जी दिया गया।
स्वास्थ्य और सुरक्षा की जिम्मेदारी कोर्ट ने जेल अधीक्षक को दी है लिहाजा दोपहर दो बजे तीन सदस्यीय डाक्टरों की टीम ने उनका स्वास्थ्य परीक्षण किया। बीपी, शुगर, हार्ट बीट के साथ शरीर का तापमान जांचने के बाद डाक्टरों ने उनकी हालत सामान्य होना बताया। देर शाम सवा सात बजे उन्हें रात का भोजन के रूप में रोटी, दाल, सब्जी आदि दिया गया।
सामान्य बंदियों की तरह जीपी सिंह को जेल मैन्युअल के अनुसार सारी सुविधाएं दी जा रही है। उन्होंने टोस्ट, बिस्किट और धार्मिक ग्रंथ की मांग की थी, तीनों नियमानुसार उपलब्ध कराया गया। रात में मच्छर काटने की शिकायत की थी, मच्छर तो सब जगह पर है। इसके लिए साफ-सफाई कराई जाती है। कोर्ट के आदेश पर जीपी सिंह की सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए है। 24 घंटे सेल के बाहर हथियार बंद प्रहरी को तैनात किया गया है। उनके सेल के पीछे स्थित दूसरे ब्लाक में दो बैरक के बाद कालीचरण को रखा गया है।