Raipur: उज्जवल दिवान समेत 10 लोगों की गिरफ्तारी पर भड़की महिलाएं, झुंड बनाकर सब इंस्पेक्टर को पीटा, IPS अधिकारी के साथ खींचतान, सरकार ने मांग पूरा करने का दिलाया भरोसा
सहायक आरक्षक, होमगार्ड स्तर के जवानों के परिजन उनके वेतन और प्रमोशन के नियमों में बदलाव को लेकर पिछले महीने से विरोध प्रदर्शन कर रही है।
रायपुर। सहायक आरक्षक, होमगार्ड स्तर के जवानों के परिजन उनके वेतन और प्रमोशन के नियमों में बदलाव को लेकर पिछले महीने से विरोध प्रदर्शन कर रही है। लेकिन प्रदर्शन का नेतृत्व करने वाले उज्जवल दिवान और उनके साथियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। इधर पुलिस परिवार से जुड़ी महिलाएं उज्जवल दिवान की गिरफ्तारी पर भड़क गई। नाराज महिलाओं ने सब इंस्पेक्टर दिव्या शर्मा से मारपीट की। यहां तक की महिलाओं ने आईपीएस रत्ना सिंह का कॉलर खींचा, खबर है कि इस खींचतान में उनका बैच भी टूट गया। देर रात इस मामले में रायपुर के डीडी नगर थाने में दिव्या शर्मा ने पहुंचकर शिकायत की। अज्ञात महिलाओं के खिलाफ केस दर्ज किया गया।
जानकारी के मुताबिक पुलिस परिवार के अधिकारों की लड़ाई लड़ने वाले सामाजिक कार्यकर्ता राकेश यादव और दूसरे प्रदर्शनकारियों के खिलाफ सरकारी काम में बाधा और बलवा का केस दर्ज किया गया है। सोमवार को हुए हाईवे जाम के प्रदर्शन में राकेश यादव भी शामिल थे। पुलिस परिजनों का नेतृत्व करने वाले उज्जवल दीवान, नवीन राय समेत 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया। खबर यह भी है कि प्रदर्शन से जुड़ी महिलाओं को भी सोमवार को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। जिसका सोशल मीडिया पर जमकर आलोचना हो रही है।
दिव्या शर्मा पर प्रदर्शनकारी महिलाओं का झुंड टूट पड़ा
गुस्से में आई इन महिलाओं ने सब इंस्पेक्टर दिव्या शर्मा के साथ मारपीट की। दिव्या शर्मा पर प्रदर्शनकारी महिलाओं का झुंड टूट पड़ा और उन्हें पीटने लगा। यह घटना मीडिया के कैमरे में भी कैद हुई। इसी दौरान महिलाओं ने आईपीएस रत्ना सिंह का कॉलर खींचा, खबर है कि इस खींचतान में उनका बैच भी टूट गया।
गुस्से में आई इन महिलाओं ने सब इंस्पेक्टर दिव्या शर्मा के साथ मारपीट की। दिव्या शर्मा पर प्रदर्शनकारी महिलाओं का झुंड टूट पड़ा और उन्हें पीटने लगा। यह घटना मीडिया के कैमरे में भी कैद हुई। इसी दौरान महिलाओं ने आईपीएस रत्ना सिंह का कॉलर खींचा, खबर है कि इस खींचतान में उनका बैच भी टूट गया।
सरकार ने दिलाया भरोसा- पूरी होंगी मांगे
इस मामले में छत्तीसगढ़ के डीजीपी अशोक जुनेजा ने एक रिपोर्ट भी सरकार को सौंप दी है, जिस पर जल्द फैसला लिया जाना है। सरकार की तरफ से कहा गया है कि सहायक आरक्षकों की तरह ही वेतन मिलेगा।
DGP की तरफ से मिली रिपोर्ट की समीक्षा की जा रही है, जिसके बाद मुख्यमंत्री इस मामले में घोषणा कर सकते हैं। मगर इससे पहले ही विरोध प्रदर्शन के दौरान हुए बवाल ने नया विवाद खड़ा कर दिया है।