प्रधानमंत्री के लिए असभ्य भाषा पर बोले डा. रमन सिंह, सरपंच की मानसिकता से बाहर नहीं निकल पाए हैं भूपेश बघेल
पंजाब की घटना को लेकर प्रधानमंत्री पर लगातार हमले कर रहे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह ने पलटवार किया।
रायपुर। पंजाब की घटना को लेकर प्रधानमंत्री पर लगातार हमले कर रहे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह ने पलटवार किया। डा. रमन सिंह ने कहा कि किसी मुख्यमंत्री से ऐसे भाषा की उम्मीद नहीं की जा सकती। एक सरपंच की भाषा जब मुख्यमंत्री बोलने लगता है तो समझ में आ जाता है कि उसके अंदर आज भी वही भाव है। पूर्व मुख्यमंत्री ने सीएम बघेल की मानसिकता पर भी सवाल खड़ा किया है।
पूर्व सीएम डा. रमन के नेतृत्व में भाजपा के नेताओं ने शनिवार को राजभवन जाकर राज्यपाल अनुसुईया उइके को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा। इसमें पार्टी ने पंजाब में प्रधानमंत्री की सुरक्षा में हुई चूक की उच्चस्तरीय जांच के लिए समिति बनाने और जिम्मेदारों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है। राजभवन पहुंचे भाजपा के प्रतिनिधिमंडल प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय, पूर्व मंत्री व विधायक बृजमोहन, अजय चंद्राकर, सांसद सुनील सोनी, पूर्व विधायक राजेश मूणत और प्रदेश प्रवक्ता संजय श्रीवास्तव आदि शामिल थे।
राजभवन के बाहर पत्रकारों से चर्चा करते हुए डा. रमन ने मुख्यमंत्री बघेल जिस तरह के प्रधानमंत्री के लिए भाषा का प्रयोग कर रहे हैं वह न केवल अनैतिक और असभ्य है बल्कि यह यह कांग्रेस की घटिया सोच को भी दिखाता है। पीएम के साथ हुई घटना को नौटंकी बताए जाने को डा. रमन ने छोटी मानसिकता करार दिया। उन्होंने कहा कि ऐसे शब्दों का प्रयोग करके मुख्यमंत्री ने अपने आप को छोटा कर लिया। उन्होंने कहा कि एक तरफ सोनिया जी ने पंजाब के अपने मुख्यमंत्री को दोषियों पर सख्त कार्रवाई करने के लिए निर्देर्शित करती हैं। दूसरी तरफ पंजाब के मुख्यमंत्री इसे साधारण घटना मानकर मजाक में उड़ाते हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का इस्तीफा मांगें जाने को लेकर भी डा. रमन ने सीएम और प्रदेश कांग्रेस की आलोचना की।
जो हुआ षड्यंत्र था
पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमन ने पंजाब की घटना को षड्यंत्र करार देते हुए कहा कि प्रोटोकाल के हिसाब से पीएम के साथ राज्य के मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव और डीजीपी को होना चाहिए था, लेकिन तीनों ही नहीं थे। इसी से षड्यंत्र की बू आ रही है। उन्होंने कहा कि यह संवैधानिक ढांचा पर आक्रमण्ा है। यह लोकतंत्र की हत्या का प्रयास है। राष्ट्र शर्मसार है।