December 25, 2024

CM भूपेश बघेल दुर्ग के लिए हुए रवाना, इशारों-इशारों में कैबिनेट मंत्री पर निशाना साधते हुए कहा- चर्चा करके ड्राफ्ट तैयार करना था, उन्होंने अब तक दस्तावेज़ नहीं सौंपे, ये कौन लोग हैं आप जानते हैं?

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मुख्यमंत्री (CM) भूपेश बघेल आज दुर्ग के लिए रवाना हुए हैं।

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दुर्ग। मुख्यमंत्री (CM) भूपेश बघेल आज दुर्ग के लिए रवाना हुए हैं। उन्होंने हसदेव अरण्य पर कहा कि कोई अपना ध्यान आकर्षित करने के लिए पदयात्रा कर रहे हैं, उसमें कोई मनाही नहीं है, भारत सरकार की तरफ से लिखित में कोई दस्तावेज़ नहीं है, आदिवासियों की लड़ाई भारत सरकार से हैं, जहाँ राहुल गांधी गए थे, उस इलाके को आरक्षित किया गया है.

भारत सरकार ने 452 वर्ग किलोमीटर की बात कही थी ,हम तो 1995 वर्ग किलोमीटर का दायरा रख रहे हैं, इशारों-इशारों में कैबिनेट मंत्री टीएस सिंहदेव पर निशाना साधते हुए कहा कि पैसा लेकर अब तक ड्राफ्ट तैयार नहीं है. (CM)जिनकी जिम्मेदारी थी चर्चा करके ड्राफ्ट तैयार करना था, उन्होंने अब तक दस्तावेज़ नहीं सौंपे हैं, ये कौन लोग हैं आप जानते हैं. राज्यपाल संवैधानिक प्रमुख है, उनकी तरफ से जो भी आदेश निर्देश होगा, उसका हम पालन करेंगे.


क्या मुख्यमंत्री रहते डॉ रमन ने दूसरे राज्यों में मदद नहीं की
(CM)लखीमपुर पीड़ितों को मुआवज़ा दिए जाने पर डॉ रमन सिंह के हमले पर कहा कि क्या मुख्यमंत्री रहते डॉ रमन ने दूसरे राज्यों में मदद नहीं की है. लखीमपुर से किसी और घटना की तुलना नहीं की जानी चाहिए, वो घटना भाजपा की मानसिकता दिखाने वाली घटना है.

CWC की बैठक को लेकर कहा-नई तारीख की होगी घोषणा
CWC की बैठक को लेकर कहा कि इस विषय पर चर्चा होगी और अध्यक्ष चुने जाने के लिए नई तारीख की घोषणा हो सकती है.कल हुई कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक सामंजस्य बिठाना लगातार चलने वाली प्रक्रिया है, पुनिया जी की जिम्मेदारी है कि इसकी व्यवस्था करते चलें

डॉ रमन सिंह के जन्मदिन नहीं मनाने पर कही ये बात
डॉ रमन सिंह के कवर्धा की घटना को लेकर जन्मदिन ना मनाने पर कहा कि किसी घटना पर दुखी होना ठीक है,लेकिन क क्या वो लखीमपुर की घटना से दुखी हैं। किसानों के प्रदर्शन से दुखी नहीं हैं.मैं उन्हें जन्मदिन की अग्रिम बधाई बधाई देता हूँ। कोयला आपूर्ति को लेकर मुख्यमंत्री ने फिर साधा केंद्र पर निशाना कोयले की पूर्ति होती तो पावर प्लांट बंद क्यूँ होते। कोयले की व्यवस्था नहीं कर पा रहे हैं,ना तो पहले ऑक्सीजन की व्यवस्था कर पाए, ना अब कोयले की व्यवस्था कर पा रहे हैं.

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