रायपुर में बच्चों में लीवर प्रत्यारोपण की संख्या चिंताजनक, NRCC ने लगाएगी शहर में ओपीडी,डॉक्टर ललित वर्मा ने दी जानकारी
छतीसगढ़ और उससे जुड़े इलाकों में बच्चों में एलटीपी यानी लिवर ट्रांसप्लांट के मामले अत्यधिक देखने को मिल रहे हैं।
छतीसगढ़ और उससे जुड़े इलाकों में बच्चों में एलटीपी यानी लिवर ट्रांसप्लांट के मामले अत्यधिक देखने को मिल रहे हैं। हालाँकि इलाज के तरीकों में आधुनिकता आई है । लेकिन किफायती कीमतों पर इलाज न मिलना, सही इलाज तक पहुँच न होना आदि अभी भी बहुत से इलाकों में समस्या के रूप में सामने हैं। यह बात महानगरों से दूर रहने वाले लोगों पर ख़ास तौर पर लागू होती है। हाल ही में इन्हीं समस्याओं को ध्यान में रखते हुए एसआरसीसी चिल्ड्रेन्स हॉस्पिटल ने एमएमआई नारायणा सुपरस्पेशेलिटी हॉस्पिटल, रायपुर (एनएचएमएमआई) के सहयोग से शहर में ओपीडी लगाने का निर्णय लिया।
21 अक्टूबर होगी ओपीडी की शुरुआत
ओपीडी की शुरुआत 21 अक्टूबर, 2021 से की जायेगी, जो महीने में किसी एक दिन सुबह 11 बजे से दोपहर 2 बजे तक रायपुर (एमएमआई नारायणा सुपरस्पेशेलिटी हॉस्पिटल, रायपुर) में लगाई जायेगी। यहाँ डॉक्टर ललित वर्मा, कंसल्टेंट- पीडियाट्रिक गैस्ट्रोएंट्रोलाजी, हेपेटोलॉजी एंड लिवर ट्रांसप्लांट मरीजों को परामर्श देंगे।
डॉक्टर ललित वर्मा ने कहा कि बहुत से भारतीय घरों में बच्चों की पेट सम्बंधित समस्याओं को घरेलू नुस्खों से दूर करने का प्रयास किया जाता है। क्योंकि ऐसी पेट की ऐसी समस्याएं किसी बड़ी समस्या की भी शुरुआती लक्षण हो सकतीं हैं इसलिए ये उपाय उनके स्वास्थ्य को जोखिम में डाल सकते हैं। उसके अलावा खून की कमी, बाल झड़ना, त्वचा का पीला पड़ना, पीलिया जैसे लक्षणों में लीवर की गंभीर बीमारियों की ओर संकेत कर सकती हैं। इन्हें बिल्कुल भी नज़रंदाज़ न करें, तुरंत डॉक्टर से सलाह लें। चाहे फिर लिवर की कोई मामूली समस्या हो या गंभीर शुरुआती लक्षण पहचानें और जांच करवाएं व डॉक्टर की सलाह लें ताकि आने वाले जोखिम को रोका जा सके।”
लीवर ट्रांसप्लांट को टाला जा सकत है-ललित वर्मा डॉक्टर ललित वर्मा आगे बताते हैं, “जहां तक बात है लिवर ट्रांसप्लांट की , एसआरसीसी बच्चों के लिए सभी आधुनिक सुवधाओं से लैस अस्पताल है जहाँ अनुभवी डॉक्टर और मैनेजमेंट है। याद रखें जल्दी इलाज शुरु करने पर लिवर ट्रांसप्लांट की स्थिति को टाला जा सकता है, लेकिन बेहद गंभीर स्थितियां जैसे लिवर फेलियर की आखिरी स्टेज, लिवर सिरोसिस आदि में लिवर ट्रांसप्लांट अक्सर जीवन बचाने जैसा होता है। हम उम्मीद करते हैं कि इस ओपीडी के ज़रिये हमारे परामर्श मरीज़ों के लिए मददगार होंगे।“
क्या है नारायणा हेल्थ ?
सवास्थ्य जगत की सभी सुपरस्पेशलिटी टेरशरी केयर फैसिलिटी के साथ नारायणा हेल्थ वन स्टेप डेस्टिनेशन है। डॉक्टर देवी शेट्टी द्वारा फंडेड और बंगलूरु में स्थित नारायणा हेल्थ ग्रुप ऑपरेशनल बेड काउंट के हिसाब से भारत की दूसरी सबसे बड़ी स्वास्थ्य सुविधाएँ देने वाली इकाई है। साल 2000 में सबसे पहले तकरीबन 225 बेड्स के साथ एनएच हेल्थ सिटी की बंगलूरु में बुनियाद रखी गई थी। और अब पूरे देश में 23 अस्पतालों के नेटवर्क के साथ 7 हार्ट सेंटर और देश से बाहर केमन आइलैंड में 6200 से अधिक ऑपरेशनल बेड्स के साथ और अपने सभी सेंटर्स में 7300 बेड्स की क्षमता के साथ मल्टीस्पेशेलिटी, टरशरी और प्राथमिक स्वास्थय सुविधाएँ दे रहा है।लीवर ट्रांसप्लांट को टाला जा सकत है-ललित वर्मा
डॉक्टर ललित वर्मा आगे बताते हैं, “जहां तक बात है लिवर ट्रांसप्लांट की , एसआरसीसी बच्चों के लिए सभी आधुनिक सुवधाओं से लैस अस्पताल है जहाँ अनुभवी डॉक्टर और मैनेजमेंट है। याद रखें जल्दी इलाज शुरु करने पर लिवर ट्रांसप्लांट की स्थिति को टाला जा सकता है, लेकिन बेहद गंभीर स्थितियां जैसे लिवर फेलियर की आखिरी स्टेज, लिवर सिरोसिस आदि में लिवर ट्रांसप्लांट अक्सर जीवन बचाने जैसा होता है। हम उम्मीद करते हैं कि इस ओपीडी के ज़रिये हमारे परामर्श मरीज़ों के लिए मददगार होंगे।“
क्या है नारायणा हेल्थ ?
सवास्थ्य जगत की सभी सुपरस्पेशलिटी टेरशरी केयर फैसिलिटी के साथ नारायणा हेल्थ वन स्टेप डेस्टिनेशन है। डॉक्टर देवी शेट्टी द्वारा फंडेड और बंगलूरु में स्थित नारायणा हेल्थ ग्रुप ऑपरेशनल बेड काउंट के हिसाब से भारत की दूसरी सबसे बड़ी स्वास्थ्य सुविधाएँ देने वाली इकाई है। साल 2000 में सबसे पहले तकरीबन 225 बेड्स के साथ एनएच हेल्थ सिटी की बंगलूरु में बुनियाद रखी गई थी। और अब पूरे देश में 23 अस्पतालों के नेटवर्क के साथ 7 हार्ट सेंटर और देश से बाहर केमन आइलैंड में 6200 से अधिक ऑपरेशनल बेड्स के साथ और अपने सभी सेंटर्स में 7300 बेड्स की क्षमता के साथ मल्टीस्पेशेलिटी, टरशरी और प्राथमिक स्वास्थय सुविधाएँ दे रहा है।