मीडिया के लिए अच्छी खबर- मीडिया के साथियों के हर सुख-दुख में हम उनके साथ खड़े हैं : श्री भूपेश बघेल
मुख्यमंत्री ने कोविड-19 से दिवंगत 11 पत्रकारों के परिजनों को सहायता राशि के चेक वितरित किए
रायपुर – मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि छत्तीसगढ़ सरकार मीडिया के साथियों के हर सुख-दुख में साथ खड़ी है। उनकी पेशेगत चुनौतियों और मुश्किलों को कम करने के लिए राज्य सरकार लगातार कदम उठा रही है। मीडिया कर्मियों की मुश्किलें जितनी आसान होंगी छत्तीसगढ़ में पत्रकारिता की राह भी उतनी ही आसान होगी। राज्य सरकार छत्तीसगढ़ की गौरवशाली पत्रकारिता और उसके उच्च आदर्शों को संरक्षण देते रहने के लिए प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री बघेल कोविड-19 से दिवंगत पत्रकारों के परिजनों को आज यहां अपने निवास कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में पत्रकार कल्याण कोष से स्वीकृत सहायता राशि के चेक वितरित कर रहे थे।
पत्रकार कल्याण कोष से आज 53 मीडिया कर्मियों के विभिन्न प्रकरणों में स्वीकृत कुल एक करोड़ 15 लाख रूपए की आर्थिक सहायता की राशि जारी कर दी गई। इन मीडिया कर्मियों में 18 मीडिया कर्मियांे को, जिनकी मृत्यु कोविड-19 से हुई है, उनके परिजनों को पांच-पांच लाख रूपए के मान से कुल 90 लाख रूपए की आर्थिक सहायता मंजूर की गई है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज यहां अपने निवास कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में कोविड-19 से दिवंगत 18 मीडिया कर्मियों में से 11 मीडिया कर्मियों के परिजनों को आर्थिक सहायता के चेक वितरित किए। अन्य मीडिया कर्मियों के परिजनों तक स्वीकृत सहायता राशि के चेक पहुंचाए जा रहे हैं। कार्यक्रम में दिवंगत मीडिया कर्मियों को दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दी गई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ के पत्रकार आर्थिक चिंताओं से मुक्त होकर निष्पक्ष पत्रकारिता के अपने दायित्वों को अच्छी तरह पूरा कर सकें, इसीलिए पत्रकार कल्याण कोष की स्थापना की गई है। पत्रकार कल्याण कोष से पत्रकारों और उनके परिजनों को बीमारियों के उपचार के लिए पूर्व में 50 हजार रूपए तक सहायता दी जाती थी, राज्य सरकार ने इन नियमों में संशोधत करते हुए इस राशि को बढ़ाकर 2 लाख रूपए तक कर दिया है। आकस्मिक मृत्यु के प्रकरण में पत्रकार कल्याण कोष से 5 लाख रूपए की आर्थिक सहायता देने का प्रावधान किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मीडिया के साथियों ने हर बार की तरह कोरोना संकट के समय में भी अपने दायित्वों को पूरी जिम्मेदारी के साथ पूरा किया। छत्तीसगढ़ की पत्रकारिता के इतिहास में कोरोना-काल की पत्रकारिता आने वाली पीढ़ी के लिए हमेशा उदाहरण प्रस्तुत करेगी। संक्रमण के खतरों के बावजूद मीडिया के साथियों ने फील्ड में लगातर सक्रिय रहकर काम किया। बहुत से मीडिया-कर्मी संक्रमित भी हुए। उनके परिजन भी संक्रमित हुए। इन मीडिया कर्मियों और उनके परिजनों के उपचार की बेहतर से बेहतर व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए शासन ने हर जरूरी इंतजाम किए। इलाज के बावजूद इनमें से अनेक साथियों को बचाया नहीं जा सका। कोरोना काल में हमने जिन साथियों को खो दिया। मुख्यमंत्री ने दिवंगत मीडिया कर्मियों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए, उनके परिजनों के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त की।
बघेल ने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर के दौरान हम सभी ने बहुत सी चुनौतियों का सामना किया। संक्रमित लोगों की पहचान करने से लेकर उनके उपचार की व्यवस्था करने का काम शासन के लिए जितना चुनौतीपूर्ण था, मीडिया के लिए उतना ही चुनौतीपूर्ण लोगों तक सही सूचनाएं पहुंचना, अफवाहों को लेकर आगाह करना और सकारात्मक वातावरण को बनाए रखना भी था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के वरिष्ठ मीडिया कर्मियों के लिए वरिष्ठ मीडिया कर्मी सम्मान निधि योजना संचालित की जा रही है। इस योजना में पूर्व में सम्मान निधि के रूप में 05 हजार रुपए प्रति माह दिए जाने का प्रावधान था, नई सरकार ने इसे बढ़ाकर 10 हजार रुपए प्रति माह कर दिया है। योजना में संशोधन करते हुए अर्हता की आयु 62 वर्ष से घटाकर अब 60 वर्ष कर दी गई है। इस योजना के लिए पात्र मीडियाकर्मी आजीवन लाभ उठा सकेंगे। पत्रकारों को अधिमान्यता प्रदान करने के नियमों में भी संशोधन करते हुए अब विकासखंड स्तरीय अधिमान्यता का भी प्रावधान किया गया है। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में जमीन स्तर पर काम करने वाले साथियों को भी सुविधाओं का लाभ मिलने लगा है।
बघेल ने कहा कि अपने वादे के अनुरूप राज्य सरकार पत्रकार सुरक्षा कानून के निर्माण की दिशा में भी लगातार आगे बढ़ रही है। शीघ्र ही यह कानून तैयार होकर विधानसभा में प्रस्तुत हो जाएगा। उन्होंने कोरोना-काल में छत्तीसगढ़ के पत्रकारों द्वारा की गई उत्कृष्ट सेवाओं के लिए उनकी सराहना की।