अब सभी स्कूली बच्चों के होंगे कोरोना टेस्ट, कलेक्टर ने दिए निर्देश
बलौदाबाजार। छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमण का प्रकोप अब भी जारी है, रोजाना लगभग 100 मरीजों की पुष्टि हो रही है, इसके बावजूद स्कूलों को खोल दिया गया है।
बलौदाबाजार। छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमण का प्रकोप अब भी जारी है, रोजाना लगभग 100 मरीजों की पुष्टि हो रही है, इसके बावजूद स्कूलों को खोल दिया गया है। जिससे बच्चो में संक्रमण का खतरा फैलने का डर बना हुआ है। वहीँ कई जिलों में स्कूलों को खोलने के बाद कई बच्चे कोरोना की चपेट में आ चुके है। इसी सिलसिले में बलौदा बाजार कलेक्टर सुनील कुमार जैन ने एहतियात के तौर पर बड़ा फैसला लेते हुए सभी स्कूल के बच्चों का कोरोना टेस्ट कराने के निर्देश दिए हैं। जिससे बच्चों में संक्रमण खतरा कम हो सकता है।
कलेक्टर ने सभी अनुविभागीय अधिकारी को आदेश देते हुए शासकीय और निजी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों का कोविड टेस्ट कराने कहा है। लगातार संक्रमण के बढ़ते प्रभाव और कोविड गाइडलाइंस पालन में लापरवाही बरतने के साथ ही स्कूली छात्र-छात्राओं के स्वास्थ्य को देखते हुए कोरोना टेस्ट कराने का आदेश जारी किया है।
अभिभावकों से ली जाएगी अनुमति
छात्र- छात्राओं के कोविड टेस्ट के पहले अभिभावकों से लिखित अनुमति ली जाएगी। इसके लिए शिक्षा और स्वास्थ्य विभाग को निर्देश जारी कर दी गई है। इसके साथ ही कलेक्टर ने जिला मुख्य स्वास्थ्य एवं चिकित्सा अधिकारी डॉ खेमराज सोनवानी को निर्देश देते हुए कहा कि प्रत्येक विकासखंड में प्रतिदिन 3 हजार से अधिक टेस्टिंग कराने कहा है, जिसमें एंटीजन, ट्रू नॉट और आरटीपीसीआर टेस्ट शामिल है। शिक्षा एवं पंचायत विभाग ने जारी किये निर्देश उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के टीम को निर्देशित करते हुए कहा कि आम लोगों के साथ स्कूली बच्चों का भी टेस्टिंग करना अब अनिवार्य होगा। कलेक्टर ने कहा कि इससे संक्रमण के प्रभाव को देखने मे मदद मिलेगी। मरीजों के पहचान होने पर उन्हें ट्रेसिंग कर तत्काल इलाज, दवाइयों सहित अन्य जरूरी सुविधाएं मुहैया कराया जाएगी। उन्होंने आगे बताया कि जिलें में कोविड मरीजों के लिए पर्याप्त सुविधाएं उपलब्ध हैं। बेडों के साथ ही बच्चों के लिए भी वेंटिलेटर अब न्यू कोविड हॉस्पिटल मंडी परिसर में तैयार हैं। बच्चों और उनके अभिभावकों में कोविड का संक्रमण का विस्तार ना हो इसके लिए अब स्कूली छात्रों का भी कोविड टेस्ट कराने का निर्णय लिया गया है। शिक्षा एवं पंचायत विभाग को भी इस संबंध में अलग से निर्देश दिया गया है।