ट्विटर पर आपत्तिजनक मटेरियल, बाल अधिकार आयोग ने पुलिस अधिकारी को भेजा समन
नई दिल्ली} राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (Children Rights Commision-NCPCR) ने ट्विटर (Twitter) पर बाल यौन उत्पीड़न और पोर्नोग्राफी से सबंधित कंटेंट की कथित तौर पर उपलब्धता होने के मामले में अपने पहले के निर्देश पर अमल नहीं होने पर दिल्ली पुलिस के साइबर सेल के DCP को समन जारी किया है. आयोग ने DCP (साइबर सेल) अन्येश रॉय को लिखे पत्र में कहा है कि वह 29 जून को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए अब तक की गई कार्रवाई की रिपोर्ट के साथ NCPCR के सामने उपस्थित हों.
इससे पहले, पैनल ने 3 दिनों के भीतर कार्रवाई की रिपोर्ट नहीं देने पर दिल्ली पुलिस के खिलाफ समन कार्यवाही शुरू करने की धमकी दी थी. हालांकि, आयोग का कहना है कि चूंकि 26 मई के बाद से पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की है, इसलिए समन जारी किया गया है. इससे पहले NCPCR ने दिल्ली पुलिस को पत्र लिखकर पैनल को गुमराह करने के लिए ट्विटर के खिलाफ FIR दर्ज करने की मांग की थी.
ट्विटर ने दिया था ये जवाब
बाल अधिकार आयोग ने कहा था कि ट्विटर पर चाइल्ड पोर्न और डार्क वेब के कई लिंक उपलब्ध होने की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए NCPCR ने ट्विटर अधिकारियों को तलब किया है. हालांकि, ट्विटर ने अपने जवाब में कहा था कि ट्विटर इंडिया और ट्विटर इंक दो अलग-अलग निकाय हैं और वेबसाइट पर कंटेंट पर कोई नियंत्रण नहीं है, लेकिन आगे की जांच में यह पाया गया है कि ट्विटर इंक के पास ट्विटर इंडिया के 99 प्रतिशत शेयर हैं. ये बात सामने आने के बाद आयोग को गुमराह करने के लिए दिल्ली पुलिस को ट्विटर के खिलाफ FIR दर्ज करने के लिए कहा गया था.
‘वेबसाइट को बच्चों की पहुंच से रखें दूर’
इसी के साथ, आयोग ने सूचना और प्रौद्योगिकी मंत्रालय को भी पत्र लिखा था, जिसमें कहा गया था कि ‘जब तक ट्विटर भारत सरकार को बच्चों के यौन उत्पीड़न की शिकायतों को उजागर करना शुरू नहीं कर देता, तब तक वेबसाइट पर बच्चों की पहुंच को रोकें’. NCPCR का कहना है कि उसने अपने अध्ययन में पाया था कि ट्विटर पर बाल यौन उत्पीड़न और पोर्नोग्राफी से सबंधित सामग्री उपलब्ध हैं जो बच्चों की पहुंच में है.
इसके बाद उसने दिल्ली पुलिस आयुक्त को 29 मई को पत्र लिखकर ट्विटर के खिलाफ FIR दर्ज करने के लिए कहा था. उसने आठ जून को एक रिमाइंडर भी दिल्ली पुलिस के पास भेजा था, लेकिन अब भी उसे कार्रवाई रिपोर्ट का इंतजार है. आयोग के मुताबिक, पुलिस आयुक्त के कार्यालय की तरफ से बताया गया है कि इस मामले को अन्येश रॉय के पास भेजा गया था और ऐसे में उन्हें तलब किया गया है.