December 23, 2024

VIDEO: जानिए बरसात के मौसम में कैसी होती हैं नक्सलियों की जंगल की जिंदगी? इन दिनों नक्सलियों के खिलाफ जवानों को मिलती है बड़ी सफलता

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संवाददाता : विजय पचौरी बस्तर

छत्तीसगढ़| बस्तर के कई क्षेत्र नक्सल प्रभावित है जहां नक्सलियों के खिलाफ सरकार और जवानों ने नक्सलियों के खात्मे के लिए कई अभियान चला रखे हैं यह तो सभी जानते हैं कि नक्सली जंगल में रहते हैं जंगल की नक्सलियों के लिए सबसे सुरक्षित ठिकाना माना जाता है लेकिन आप यह जानते हैं की बरसात के मौसम में नक्सली कैसे रहते होंगे क्योंकि बरसात के मौसम में जानवरों का खतरा बढ़ जाता है और पूरा जनरल दलदल में बदल जाता है छत्तीसगढ़ के कई इलाके में नक्सलियों की सरकार और हुकूमत चलती है कई इलाके घोर नक्सल प्रभावित हैं जहां नक्सली जंगल में रहते हैं जंगल ही उनके लिए सुरक्षित होता है जंगलों में सर्दी गर्मी का वक्त तो वह काट ही देते हैं दरअसल नक्सली सालों से अपनी जड़ों को जंगल में जमाए हुए हैं और यह के चप्पे-चप्पे से वाकिफ भी है सुरक्षाबलों की नजर से बचने के लिए कई साधन होते हैं लेकिन बरसात के मौसम में जंगल में रहना काफी मुश्किल होता है क्योंकि बरसात मैं मच्छर साफ अन्य जानवर का खतरा बढ़ जाता है ऐसे में जान भी जा सकती है लेकिन आप जानते हैं कि नक्सली आखिर जंगलों में कैसे रहते हैं दरअसल बारिश के मौसम में नक्सली किसान और मजदूरों का होलिया बनाकर गांव में रहने लगते हैं जिससे लोग उन्हें गांव वाला ही समझते हैं गांव वाले नक्सलियों के डर से उनका विरोध नहीं कर पाते छत्तीसगढ़ से कई बॉर्डर लगी है उड़ीसा आंध्र प्रदेश तेलंगाना महाराष्ट्र यहीं से नक्सली आना-जाना करते हैं बरसात का मौसम शुरू होते ही नक्सली 1 अंचलों के गांव में छिप जाते हैं और गांव वाले के घरों में जबरदस्ती कब्जा कर लेते हैं नक्सलियों के खौफ के चलते गांव वाले ना चाहते हुए भी उनकी सेवा करते हैं नक्सली ऐसा बरसात के मौसम में करते हैं|

देखें वीडियो:

हमारे संवाददाता विजय पचौरी बस्तर के जंगलों में हमेशा ही दिखाई दे जाते हैं इस बार भी बस्तर के जंगल में बरसात होते ही पहुंचे और वहां उन्होंने देखा कि जंगल में क्या हालात हो जाते हैं बरसात के बाद इन जंगलों में चलना मुश्किल हो जाता है क्योंकि बरसात के समय में जंगल पूरे गीले हो जाते हैं और कीचड़ से लबालब भर जाते हैं वहां चलना भी मुश्किल हो जाता है यही कारण है कि नक्सलियों को बरसात में कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है|

खूंखार नक्सली बद्रनना उर्फ रमेश ने इसका खुलासा किया है क्या कुछ कहते हैं समर्पित नक्सली रमेश बचपन से ही नक्सली संगठन में चले गए थे और 13 साल का नक्सलियों का साथ दिया कमांडर तक पहुंचे उन्होंने अपनी पत्नी के साथ 2000 में समर्पण किया और 3 साल जेल में रहे छूटने के बाद उनकी पत्नी को पुलिस में नौकरी दी गई और उन्हें पार्क में नौकरी दी गई आज वह अपना बेहतर जीवन जी रहे हैं अपनी पत्नी का भी हाथ बटाते हुए नजर जाते हैं बरसात के मौसम में नक्सलियों को क्या तकलीफ होती है यह भी बताया पार्टी तीन चीजों का मुकाबला करना होता है गर्मी में भी तकलीफ होती है पानी सबसे बड़ी समस्या नदी नाले सूख जाते हैं और पुलिस की नजर भी होती है सर्दी में कोई तकलीफ नहीं होती बरसात में बहुत तकलीफ होती है दुश्मनों से युद्ध में तकलीफ नहीं होती प्रकृति से लड़ना मुश्किल होता है बरसात के मौसम में बिजली गिरने का खतरा हवा तूफान पेड़ भी गिरने का डर बना रहता है नदी नाले पार करते समय नदी की गहराई का पता नहीं होता कई साथी डूब कर मर चुके हैं सांप बिच्छू का डर जूते कपड़े गीले हो जाते हैं बरसात में पार्टी को कई तकलीफ होती है बुखार मलेरिया पीलिया इलाज भी नहीं होता गांव के ग्रामीणों की झोपड़ी का सहारा लेना पड़ता है मगर अब इन इलाकों में मुखबिर की संख्या बढ़ गई है कई बार गांव में रुकने से पुलिस को जानकारी हुई है और मुठभेड़ में कई साथी मारे भी गए हैं

बरसात के दिनों में नक्सलियों को तो तकलीफ होती ही है जवानों को भी कई मुश्किलों का सामना करना होता है जंगलों में तीन से चार दिन रहकर नक्सलियों की तलाश करना कपड़े जूते भीग जाना नदी नाले उफान पर रहते हैं तब नदी नालों को पार करते समय नक्सलियों का सबसे बड़ा खतरा बना रहता है सांप बिच्छू जानवरों का खतरा भी बना रहता है

नगर पुलिस अधीक्षक हेमसागर सिदार जिन्होंने नक्सल क्षेत्र में ढाई साल गुजारा है नक्सलियों के हर एक गतिविधियों को जानते हैं उन्होंने बताया कि बरसात के समय में नक्सली कई कठिनाइयों में रहते हैं और जंगल छोड़कर गांव की तरफ चले जाते हैं ग्रामीण के साथ मिलजुल कर में रहते हैं ताकि कोई उन्हें पहचान ना पाए जवान इस इलाके में सर्च अभियान पर निकलते हैं और बरसात के समय में बड़ी कामयाबी भी मिल जाती है

दक्षिण बस्तर दंतेवाड़ा पुलिस अधीक्षक अभिषेक पल्लव ने बताया है कि नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन चलाए जा रहे हैं और आने वाले समय में मानसून ऑपरेशन चलाया जाएगा इससे पहले भी कई फायदे मिल चुके हैं नक्सली की हर गतिविधियों पर नजर भी रखी जा रही है मानसून ऑपरेशन में बड़े नक्सली टारगेट में होंगे जो जवान सर्च अभियान में जाते हैं उन्हें बरसात से बचने के लिए हर वह सुविधा मुहैया करा दी गई है आने वाले समय में पुलिस को बड़े फायदे मिल सकते हैं

बाइट : पूर्व नक्सली रमेश उर्फ बदरन्ना

बाइट : नगर पुलिस अधीक्षक हेमसागर सिदार

बाइट : दंतेवाड़ा पुलिस अधीक्षक अभिषेक पल्लव

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