लॉकडाउन में बेरोजगार हुई लड़कियों ने शुरु कर दिया सेक्स रैकेट, पुलिस ने दी दबिश, अंदर का नजारा देख पुलिस भी हैरान
नोएडा| कोरोना की वजह से कई लोगों को अपनी नौकरी भी गंवानी पड़ी है। कई उद्योग धंधों पर भी ताला लग गया है। इंसान पूरी तरह से बेबस हो गया है। इस बीच दिल्ली से सटे नोएडा में पुलिस ने सेक्स रैकेट का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने सेक्टर 122 स्थित एक मकान पर छापा मारकर वहां कथित रूप से चलाए जा रहे देह व्यापार के अड्डे का खुलासा किया है।पूछताछ के दौरान गिरफ्तार युवतियों तथा अड्डे की संचालिका ने पुलिस को बताया कि लॉकडाउन के दौरान वे बेरोजगार हो गई थीं, इसलिए देह व्यापार के धंधे में उतर गई। पुलिस को यह जानकारी मिली है कि गिरोह के लोग विभिन्न माध्यमों से ग्राहकों से संपर्क करते थे तथा उनसे मोटी रकम लेते थे।
पुलिस ने देर रात को सेक्टर-122 में छापा मारकर तीन महिलाओं समेत छह लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपियों में सेक्स रैकेट की महिला संचालिका भी शामिल है। पुलिस ने मौके से 4 मोबाइल, पर्स, 9860 रुपये समेत आपत्तिजनक सामग्रियां बरामद की हैं।प्रभारी निरीक्षक जितेंद्र दीक्षित ने बताया कि एक सूचना के आधार पर रात को पुलिस की टीम ने सी ब्लॉक में एक मकान में चल रहे सेक्स रैकेट का खुलासा किया है।
इसमें 3 महिलाओं समेत छह लोगों को आपत्तिजनक सामग्रियों के साथ गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तार आरोपियों में शामली निवासी अरुण, सेक्टर-71 निवासी नरेंद्र पाल, हाथरस निवासी पुनीत, सेक्टर-122 निवासी शीला देवी, मुरादनगर गाजियाबाद निवासी नेहा और रोहिणी दिल्ली निवासी कोमल शामिल है। सरगना शीला देवी है जो अपने घर में अनैतिक कार्य करवाती है। पूछताछ में पता चला कि यह लोग करीब चार-पांच महीने से सेक्स रैकेट चला रहे थे।
पुलिस को पूछताछ में शीला ने बताया कि यह लोग पहले फैक्ट्रियों-कंपनियों में काम करते थे। बाद में धीरे-धीरे अपना काम बदल दिया और सेक्स रैकेट शुरू कर दिया। लॉकडाउन में इन लोगों के पास जब पैसों की कमी हुई तो इस धंधे को और बढ़ा लिया। एसएचओ ने बताया कि इन लोगों ने हाल के दिनों में रेट भी बढ़ा दिए थे और अब 800 की जगह 1000 रुपये ले रहे थे।
यह सेक्स रैकेट पूरी तरह से परिचय पर आधारित था। इसमें किसी तरह का ऑनलाइन सिस्टम नहीं था। शीला मोबाइल से बात कर देह व्यापार कराने के लिए पुरुषों को बुलाती थी और उन्हें रेट बताती थी।यहां केवल उन लोगों को ही बुलाया जाता था जो शीला या उनके जानकार लोगों के परिचित होते थे। किसी अनजान शख्स की एंट्री नहीं थी।यहां काम करने वाली महिलाएं अपनी मर्जी से देह व्यापार करती थीं और इससे जो कमाई होती थी वह आपस में सभी लोग बांट लेते थे। इससे इनका खर्च चलता था।