VIDEO: 7 पार्षेदो सहित NSUI के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष, उपाध्यक्ष ने अस्पताल में किया तोडफोड… जाने पूरा मामला
संवाददाता : कामिनी साहू
राजनांदगाव| राजनांदगाव जिला मेडिकल अस्पताल के डिलवरी वार्ड मे ड्यूटी डाँक्टर नही होने और मरीजो के परिजनों से डिलवरी के रूपये मांगे और अस्पताल अवस्था को लेकर नगर निगम के 7 पार्षेदो सहित एनएसयूसीआई के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष उपाध्यक्ष अपने समर्थकों के साथ सरकार की बदनामी हो रही है, करके पुलिस अधिक्षक के आफिस को किया तोडफ़ोड़ ।
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राजनांदगाव जिले से सबसे बडे अस्पताल भारत रत्न अटल बिहारी अस्पताल के 100 बिस्तर मातृ शिशु अस्पताल मे रात मे ड्यूटी डाँक्टर नही होने और मरीज के परिजनों से डिलवरी के लिए रूपये मांगने के साथ साथ नर्सों के द्वारा संतोष जनक व्यवहार नही करने की रोजाना शिकायत मिल रही थी| वही यही शिकायत बुधवार रात को मिली जिसके बाद अस्पताल के पास से लगे वार्ड के पार्षेदो सहित नगर निगम के 7 पार्षेदो और एनएसयूसीआई के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष उपाध्यक्ष अपने सैकडो समर्थकों के साथ अस्पताल पहुचकर अस्पताल मे डिलीवरी डाँक्टर है की नही का जायजा लिया|
वहां ड्यूटी डाँक्टर नही मिले, वही तीन ऐसे डिलवरी मरीज थे जो डिपिकलट केस थे जिसे सुचना के बाद भी नही पहुंचे डाँक्टर जिसके बाद कांग्रेस के पार्षेदो ने अपने समर्थकों के साथ अस्पताल मे डाँक्टरो की व्यवस्था और तुरंत डिलीवरी मरीज महिलाओ का इलाज हो और अस्पताल मे अव्यवस्था से कांग्रेस सरकार की बदनामी कर रहे अस्पताल अधिक्षक को अस्पताल मे बुलाने के लिए दरवाजे के सामने बैठ गये|
वही पुलिस प्रशासन भी मौके पर पहुच कर मामला सभालने की कोशिश किया परंतु लगाता बसंतपुर थाना प्रभारी के अधिक्षक प्रदीप बैग को फोन किया लेकिन अधिक्षक प्रदीप बैग राजनांदगाव मे नही मिले जिसके बाद कांग्रेस के पार्षेदो ने अस्पताल के सामने धरने पर बैठ गये और सरकार की बदनामी करने का आरोप लगाते कुछ देर बाद अस्पताल के अंदर जाकर अधिक्षक के आफीस को तोड-फोड करने लगे जिस पर बसंतपुर थाना प्रभारी लोकेश सोनवानी और कांग्रेस के पार्षेदो के साथ कहा सुनी और थका मुक्की हुई और अधिक्षक को बुलाने और डिलवरी वार्ड मे डाँक्टरो की व्यवस्था को लेकर बात चलती रही और लगभग 1 बज गये लेकिन अधिक्षक आया ना किसी डाँक्टर को आपतकालीन इलाज की व्यवस्था कर पाये जिससे सत्ता के कार्याकर्ता नारज रहे।
वही डिलवरी मरीज लेकर आई मितानीन ने बताया की वह शाम 6 बजे से मरीज लेकर आई है लेकिन कोई भी जिम्मेदार डाँक्टर नही है और नर्स देखने को तैयार और मितानीन से रूपये की मांग किया और कही प्राइवेट अस्पताल जाने की राय दे रहे थे।
जिला मेडिकल अस्पताल मे डिलवरी वार्ड मे ड्यूटी डाँक्टर नही रहने और नर्सों के द्धारा मरीजो और उनके परिजनो से अच्छा व्यवहार नही करने और डिलवरी के लिए रूपये मांगने और प्राईवेट अस्पताल जाने को कहने पर सत्ता सरकार कांग्रेस पार्षेदो के द्धारा अस्पताल की व्यवस्था पर अधिक्षक. को लेकर हंगामा कर रहे कांग्रेस कार्यकर्ताओं को समझाने और अस्पताल व्यवस्था देखने जिला स्वास्थ्य अधिकारी डाँ मिथलेश चौधरी पहुचे और जब 100 बिस्तर मातृ शिशु वार्ड पहुचे तो 4 नर्स ड्यूटी पर थे पर वो अपने नर्स रूम के अंदर दरवाजा बंद कर आराम कर रहे थे बाहर स्वास्थ्य अधिकारी थे और सिक्युरिटी गाड लगातार आवाज दे रहे थे की साहब आये है पर नर्स कमरे से निकल नही रहे थे|
वही सिक्युरिटी गार्ड दरवाजे को बार बार धक्का दिये तब जाकर दरवाजा खोले.जिसके बाद नर्सो को समझाया और लेडी डाँक्टर को फोन स्थिति से अवगत.कराया और बुलाया जिसके बाद घूसाये कांग्रेसी शांत हुए वही रात 1 से 2 के बीच तहसीलदार भी पहुचे और कांग्रेसी कार्यकर्ताओं को समझाया और व्यवस्था सुधाने का आश्वासन दिया।
जिला मेडिकल अस्पताल मे ड्यूटी के दौरान डाँक्टर नही रहने नर्सो के द्धारा मरीजों के साथ परिजनों से संतोष जनक व्यवहार नही करने डिलीवरी के लिए रूपये की मांग करना और प्राइवेट अस्पताल जाने की सलाह देने की शिकायत लगातार अस्पताल से लगे पार्षेदो को मिली जिस पर नगर निगम के 7 पार्षदों ,एनएसयूसीआई के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष उपाध्यक्ष अपने सैकडो कार्याकर्ताओ के साथ अस्पताल अधिक्षक के खिलाफ मोर्चो खोल दिया और कांग्रेस सरकार की बदनामी करने का आरोप लगाते व्यवस्था सुधारने और डिलवरी वार्ड मे तत्कालीन डाँक्टरो की व्यवस्था को लेकर अधिक्षक के आफिस का तोडफ़ोड़ किया वही 8 तरीक को 12 बजे हजारो समर्थकों के साथ अस्पताल पहुचकर अधिक्षक को तमाजा मारने की बात भी कही है।