मनरेगा योजना के तहत पौधा रोपण के नाम पर मैनपुर विकासखण्ड में करोंडों का गडबड झाला,01 करोंड 20 लाख रूपये के लागत से 20 हजार पौधों का करना था रोपण, नर्सरी मे 100 पौधे भी जीवित नही
संवाददाता – प्रतीक मिश्रा
मैनपुर – सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्रो के विकास के लिए करोडों रूपये की बजट जारी किया जाता है, और इन शासकीय राशियों का कैसा संबधित विभाग के अफसर तथा सरपंच सचिव द्वारा मिलकर बंदरबांट किया जा रहा है, जिसकी बानगी गरियाबंद जिले के जनपद पंचायत मैनपुर अंतर्गत ग्राम पंचायत बिरीघाट में देखी जा सकती है, जंहा शासन के काफी महत्वपूर्ण योजना महात्मा गांधी रोजगार गारंटी के तहत करोडों रूपये राशि का पौधरोपण के नाम पर शासन के सारे नियमों को ताक पर रखकर सिर्फ कागजी खानापूर्ति कर करोंडो रूपये की राशि का आहरण किया गया है, और मामले की शिकायत क्षेत्र के भाजपा विधायक तथा कांग्रेस के नेताआें व जनप्रतिनिधियों के द्वारा करने के बावजूद अब तक करोडों रूपये के शासकीय राशि को हजम करने वालों पर कोई कार्यवाही न हो पाना अनेक संदेह को जन्म देता है, जिससे क्षेत्र के लोगो में भारी आक्रोश दिखाई दे रहा है और इस मामले को लेकर तथा दोषियों पर कडी कार्यवाही की मांग को लेकर भाजपा व युवा कांग्रेस द्वारा उग्र आंदोलन करने की चेतावनी भी दिया गया है।
जनपद पंचायत मैनपुर अंतर्गत ग्राम पंचायत बिरीघाट में मनरेगा योजना के तहत पौधा रोपण करने वर्ष 2018-19 में एक करोंड 20 लाख रूपये की भारी भरकम राशि स्वीकृत किया गया, और इसका कार्य एजेंसी ग्राम पंचायत बिरीघाट था यहा सबसे बडी सोचने वाली बात यह है कि ग्राम पंचायत को 20 लाख रूपये से ज्यादा के कार्य नही किया जा सकता इसलिए सबंधित विभाग के अफसराें और ग्राम पंचायत के सचिव तथा सरपंच ने भ्रष्ट्राचार को अंजाम देने एक नया तरीक ढूढ निकाला और बकायदा एक ही निर्माण कार्य के लिए जिसकी लागत एक करोंड 20 लाख है उस कार्य को सात अलग अलग भागो कागजो में अंजाम दे दिया गया, ग्राम पंचायत बिरीघाट में लगभग 45 हेक्टेयर जमीन को चारो तरफ से कटीले तारों से सीमेंट के छोटे छोटे स्तरहीन पोल से घेराव किया गया, और 20 हजार पौधों का कागजो में पौधा रोपण कर दिया, आज की स्थिति में मौके पर 100 पौधे भी जीवित नही है , चारो तरफ खरपतवार, और रेगिस्तान की तरह नजर आ रहा है, बकायदा इस योजना में सिंचाई का भी प्रावधान था लेकिन चार सौर सुजला योजना के तहत यहा बोर खनन कर सौर उर्जा सिस्मट प्लेट लगाया गया है लेकिन आज तक यह प्रारंभ नही हो पाया, और तो और इस सौर उर्जा प्लेट में भी भारी गडबडझाला किया गया, बताया जाता है कि नर्सरी में लगाये गये सौर उर्जा प्लेट गांव के किसी किसान के नाम पर है, और उक्त किसान के द्वारा इसकी शिकायत ग्राम पंचायत में करते हुए अपना सौर उर्जा प्लेट को उखाडकर ले जाने की बात कही गई है।
कार्यस्थल पर नही है सूचना बोर्ड
जनपद पंचायत मैनपुर से मिली जानकारी के अनुसार वर्ष 2018-19 मे इस पौधा रोपण के लिए एक करोंड 20 लाख रूपये स्वीकृत हुआ था, लेकिन कोई भी निर्माण कार्य से पहले निर्माण स्थल पर सूचना बोर्ड लगाना अनिवार्य है, लेकिन इस करोडों के पौधा रोपण स्थल पर कोई भी सूचना बोर्ड नही है, जो यह बता सके कि किस योजना के तहत यह निर्माण कार्य किया गया है।