किसानों के समर्थन में उतरी कांग्रेस पार्टी के चक्का जाम में नही मिली एम्बुलेंस को जाने की जगह, ये विरोध प्रदर्शन हैं या कोई साजिश?
संवाददाता : सत्य प्रकाश
कोरिया। केंद्रीय कृषि कानून के खिलाफ आज किसानों के समर्थन में कांग्रेस पार्टी के द्वारा चक्का जाम है। कोरिया से खबर आ रही हैं की सड़क जाम के चक्कर में एसडीएम, एम्बुलेंस, व बीमार लोगो को हॉस्पिटल भी जाने की जगह नही मिली पा रही, बता दें, पुलिस बल भी मौजूद रही लेकिन उनकी भी जहमत नही हुई कि एम्बुलेंस जैसी जरूरी परिवहन को जाने दिया जाए।
जब मीडिया ने इस सम्बंध ब्लॉक अध्यक्ष से बात की तो उन्होंने एमरजेंसी सेवाओ जाने की बात कही और उन्हें जाने की जगह मिली। ज्ञात हो किसान आंदोलन का आज 73 वा दिन है। संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा था कि स्कूल बस और एंबुलेंस को नहीं रोका जाएगा। लेकिन उसके बावजूद भी मनेन्द्रगढ़ में चक्का जाम कर रहे कांग्रेसियों के द्वारा एम्बुलेंस, सेंट्रल हॉस्पिटल में ड्यूटी में लगे ट्रेनी नर्सेज, व बीमार बच्चे को लेकर इलाज कराने हास्पिटल जा रही महिला को भी जाने से दिया गया।
3 घंटे के चक्का जाम को लेकर पुलिस प्रशासन भी भारी संख्या में मौजूद रही जो किसी तरह की चूक नहीं करना चाहती है। कांग्रेसियों के द्वारा बीच सड़क पर टायर को आग लगाकर रास्ते को पूर्ण रूप से जैम किया गया, सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि जिस तरह से बीच सड़क में टायर को जला कर रखा गया था इस बीच अगर कोई अप्रिय घटना हो जाती तो इसका जिम्मेदार कौन होता? या फिर एमरजेंसी पड़ जाती जिसे उस मार्ग से ही होकर गुजरना पड़ता तो उस स्थिति में क्या होता, इसका जिम्मेदार कौन होता?
तसवीरों में आप साफ देख सकते है की बीच रास्ते पर जल रहे टायर को देखकर रास्ते से जा रही एक छोटी बच्ची किस कदर भय में है और वो रो रही है। अब सवाल यह उठता है कि रास्ता जाम में अगर पीछे से आकर एमरजेंसी फसती है तो उसे जाम सड़कों के बीच में से निकाला कैसे जाएगा?
कांग्रेसियो के द्वारा किए जा रहे चक्का जाम में एसडीएम की गाड़ी भी फास गई जिसे प्रदर्शनकारियों ने जाने नही दिया। 5 मिनट तक चक्का जाम में फंसे रहने और रास्ता नही मिलने के कारण एसडीएम ने अपनी गाड़ी को पीछे वापस मोड़ लिया। किसानों का अपनी मांगों के लिए धरना देना प्रदर्शन करना जायज है लेकिन जिस सड़क जाम का तरीका वे अपना रहे हैं उससे आम आदमियों के लिए मुश्किल बढ़ जाएगी।