बेटियां नहीं होती बोझ, घोड़ी पर सवार होकर निकली दुल्हन… चौकें बाराती
सतना। मध्यप्रदेश के सतना जिले के वलेचा परिवार की इकलौती बेटी घोड़ी पर चढ़कर रवाना हुई। बड़ी धूमधाम से बारात सतना से कोटा के लिए दूल्हे के घर के लिए रवाना हुई। परिवार ने बेटी की घोड़ी पर चढ़ने की ख्वाहिश न केवल पूरी की बल्कि समाज को यह संदेश भी दिया कि बेटियां किसी पर बोझ नहीं है।
परिवार ने कहा कि बेटा और बेटी में कोई अंतर भी नहीं है। समाज में जितना अधिकार बेटों को है उतना ही अधिकार बेटियों को भी दिया जाए। वहीं दुल्हन वलेचा ने कहा कि मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं कभी घोड़ी पर बैठूंगी। जब मैंने देखा कि इन लोगों ने इतना कुछ प्लान किया है तो मुझे बहुत अच्छा लगा कि मेरा परिवार मेरे बारे में इतना सोचता है।
मैं यह संदेश देना चाहती हूं कि लड़कियां अपने परिवार के लिए कभी बोझ नहीं होती हैं। सभी को सोचना चाहिए कि लड़कियां भी लड़कों के बराबर होती हैं। इसलिए उन्हें उतना ही प्यार मिलना चाहिए जितना लड़कों को दिया जाता है। परिवार की मानें तो उनके यहां सालों बाद एक बेटी हुई है। वे अपनी बेटी को बेटे से भी ज्यादा प्यार करते हैं।