छतीसगढ़ में पहली बार होगा डिजिटल जनगणना, 3 माह में ही पता चल जाएगा राज्य में हैं कितने लोग
रायपुर| राज्य में जनगणना इस बार बिना कागज-कलम के की जाएगी। पहली बार प्रदेश में मोबाइल पर डिजिटल जनगणना कराई जाएगी। इसके लिए टेस्टिंग भी शुरू कर दी गई है। प्रशिक्षित अधिकारी और कर्मचारी घर-घर जाकर मोबाइल ऐप पर लोगों की गिनती, घर, परिवार, मकान व अन्य जानकारी लेकर भरेंगे। यह डाटा प्रतिदिन सीधे दिल्ली पहुंचेगा। इसके चलते इस बार प्रदेश में रहने वालों की संख्या पता करने के लिए ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़ेगा। वर्षों में मिलने वाली जानकारी तीन महीने में ही लोगों को मिल जाएगी।
राज्य सरकार ने लोगों की गिनती करने के लिए नए बजट में ढाई करोड़ रुपए का प्रावधान रखा है। जनगणना की तैयारी दो साल पहले शुरू करनी होती है। तब जाकर समय पर यह काम शुरू हो पाता है। वर्तमान में डेटा इंट्री हो रही है। नए ब्लॉकों और तहसीलों को सीज किया जा रहा है, ताकि सरहद तय किया जा सके। पहले यह काम 31 दिसंबर तक पूरा करना होता था, लेकिन केंद्र सरकार ने इसके लिए अब 31 मार्च तक की समय सीमा तय कर दी है। नई तहसीलों व ब्लॉकों की हदों के अनुसार नक्शे बनाएं जाएंगा और उसी के आधार पर गिनती की जाएगी।
गणक ऐप के जरिए अपने मोबाइल पर सारी जानकारी हासिल करेंगे। प्रश्न टाइप करने का भी कोई झंझट नहीं होगा, क्योंकि ऐप में आप्शन दिए होंगे -जैसे मकान कच्चा है या पक्का? यानी फार्मेट में जितने सवाल पूछे जाएंगे या जितनी जानकारी एकत्र की जा रही है, वह पूरी की पूरी जानकारी ऐप में होगी। इस वजह से यह माना जा रहा है कि कोरोना की वजह से हुई देरी का कोई असर जनगणना पर नहीं पड़ेगा।