छत्तीसगढ़ में आज से शुरू होगा कोरोना वैक्सीनेशन, वैक्सीन लांच के लिए राज्य में बनाए गए 97 सेशन साइट
रायपुर।छत्तीसगढ़ में कोरोना वैक्सीनेशन का कार्य आज से सभी जिलों में शुरू हो रहा है।वैक्सीनेशन के लिए आज 97 वैक्सीनेशन साइट बनाए गए हैं। स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रोटोकॉल के अनुसार प्रदेश के सभी जिलों में इन टीकों का वितरण किया जा चुका है । वैक्सीन लांच के टू-वे इंटरेक्शन के लिए रायपुर के पंडित जवाहरलाल नेहरू स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय और जगदलपुर के महारानी अस्पताल को चिन्हित किया गया है।
राष्टीय स्वास्थ्य मिशन की संचालक डाॅ प्रियंका शुक्ला ने बताया कि सभी जिलों में टीकाकरण के लिए मॉकड्रिल और आपात स्थिति से निपटने का पूर्वाभ्यास भी किया जा चुका है। छत्तीसगढ़ को भारत सरकार द्वारा पहली खेप में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा निर्मित ‘कोविशील्ड’ के तीन लाख 23 हजार टीके उपलब्ध कराए गए हैं। ये टीके आईसीएमआर द्वारा प्रमाणित हैं। इन सब की जानकारी कोविन पोर्टल में एंट्री की गई है। टीकाकरण के लिए 7116 टीकाकरण कर्मियों को चिन्हांकित कर इसका प्रशिक्षण दिया गया है। सभी 28 जिलों में 83 स्थानों पर कोविड-19 टीकाकरण का पूर्वाभ्यास किया जा चुका है।
टीकाकरण के बाद किसी भी तरह की प्रतिकूल घटना या आपात स्थिति के प्रबंधन के लिए राज्य स्तर से लेकर टीकाकरण स्थलों तक एईएफआई (ंएडवर्स इवेंट फालेाइंग इम्यूनाइजेशन ) प्रबंधन प्रणाली को सुदृढ़ किया गया है। सभी टीकाकरण केंद्रों को नजदीकी एईएफआई प्रबंधन प्रणाली जैसे मेडिकल कॉलेज, जिला अस्पताल या सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से जोड़ा गया है। टीकाकरण के दौरान एवं बाद में जैव चिकित्सकीय अपशिष्टों के प्रबंधन के लिए भी समुचित व्यवस्था की गई है। सभी कोल्ड चैन प्वाइंट में डीप-पिट एवं शार्ट-पिट तैयार किए गए हैं।
स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रोटोकॉल के अनुसार प्रदेश के सभी जिलों में इन टीकों के परिवहन और भंडारण की पुख्ता व्यवस्था की गई है। वैक्सीन लगाने के बाद व्यक्ति को आधे घंटे तक निरीक्षण कक्ष में रखा जाएगा और तबीयत खराब लगने पर तुरंत उपचार की व्यवस्था की जाएगी। वैक्सीन लगाने वाले वैक्सीनेटर को भी समुचित प्रशिक्षण दिया गया है। एक वैक्सीनेटर एक दिन में 100 लोगों को टीका लगाएगा। वैक्सीन की पहली खुराक के 28 दिनों के अंदर दूसरी खुराक लेना होगा। सेकंड डोज लेने के दो सप्ताह के अंदर आम तौर पर एंटीबाडी का सुरक्षात्मक स्तर इम्यूनिटी विकसित होती है। वैैैक्सीन लगाने के बाद भी कोविड अनुरूप व्यवहार करना आवश्यक होगा जिससे कोरोना के खतरे को कम किया जा सकेगा।