VIDEO: लफ़री पर्यटक स्थल में उमड़ रही लोगो की भीड़, परिवार संग बाट रहें हैं खुशियाँ
संवाददाता : इमाम हसन
सूरजपुर। सूरजपुर जिला दार्शनिक स्थलों एवं पर्यटन केन्द्रों से परिपूर्ण है। यहां 2 दर्जन से अधिक दार्शनिक व पर्यटन स्थल हैं लेकिन सभी अपने विकास की बाट जोह रहे हैं। प्रशासनिक उदासीनता के कारण ये अपनी पहचान खोते जा रहे हैं।
ग्रामीण एवं वनांचल क्षेत्रों में स्थित इन मनोहारी दार्शनिक स्थलों एवं पर्यटन केन्द्रों के उत्थान और जन सामान्य की पहुंच के अनुरूप बनाने के साथ-साथ सुविधाएं विकसित करने की आवश्यकता है।
जिला बनने के बाद जिले के पर्यटन प्रेमियों को यह उम्मीद जगी थी कि पर्यटन केन्द्रों को संरक्षित और विकसित कर राज्य और देश के पर्यटन नक्शे में प्रमुखता के साथ स्थान मिलेगा। लेकिन प्रशासनिक स्तर पर पर्यटन विकास के क्षेत्र में अपेक्षित पहल नहीं किये जाने से जिले के पर्यटन केन्द्रों की चमक फिकी पड़ती जा रही है। यदि पर्यटन केन्द्रों की देख-रेख और सुविधा विस्तार की कार्य योजना बनाकर कार्य किया जाये तो यह जिला पर्यटन के क्षेत्र में अलग पहचान बना सकता है।
बात करें सूरजपुर जिला मुख्यालय से 40 की मी की दूरी पर स्थित ओडगी विकाश खंड के ग्राम पंचायत टमकी में स्थित लफरी घाट नदी जो आज कल पर्यटकों के लिए सबसे जाना पहचाना सुगम और मनोरम बना हुआ है इससे पहले बांक बिहारपुर में स्थित रकसगन्डा जाया करते थे वहीँ लफ़री घाट में गिने चुने पर्यटक पहुँचते थे वहीँ बात कुछ वर्षों और इन दिनों की तो हर रोज़ यहां पर्यटकों की मौजूदगी हजारों की संख्या में देखी जाती है।
गाड़ियों का काफ़िला यहाँ देखने को मिलता है लोग यहाँ अपने परिवार दोस्तों के साथ पिकनिक पार्टी सहित छुट्टियों में घूमने पहुँच रहे हैं जिसे देखते हुए जिलेवासियों सहित यहाँ घूमने आने वालें प्रशासन से माँग कर रहे कि पर्यटन विकास की दिशा में सार्थक कदम, लफ़री घाट के मनोहारी प्राकृतिक छटा से ओत-प्रोत पर्यटन स्थल में सुविधा विस्तार की जरूरत को देखते हुए सड़क, शेड्स, बेरिकेट्स, व इंडिकेशन की सुविधा का विस्तार किया जाए।
वहीँ फॉरेस्ट अधिकारियों का इस पर कहना है कि लफ़री पर्यटक स्थल की लोकप्रियता और यहाँ आने वाले पर्यटकों की बढ़ती संख्या को देखते हुए जल्द ही यहाँ पर पर्यटन की दृटिकोण से वह तमाम सुविधाएं विकसित की जाएंगी जिसकी यहाँ जरूरत है पर्यटन विकास की हर संभावनाओं के लिए कार्य किये जायेगे।बहरहाल अब यह देखने वाली बात है कि प्रशासनिक स्तर पर इस सुविधाविहीन पर्यटक स्थल को विकसित करने की कवायद कब रँग लाती है।