महंगे हो सकते हैं तेल, साबुन समेत दैनिक उपयोग में आने वाले चीज
नई दिल्ली। आने वाले दिनों में उपभोक्ताओं को तेल, साबुन, दंतमंजन जैसे रोजमर्रा के उपयोग वाले सामान पर अधिक खर्च करना पड़ सकता है। इनका उत्पादन करने वाली कंपनियां कच्चे माल के दाम बढऩे की वजह से अपने उत्पादों के दाम बढ़ाने पर विचार कर रहीं हैं। इनमें से कुछ कंपनियों ने तो पहले ही दाम बढ़ा दिए हैं, जबकि कुछ अन्य करीब से स्थिति पर नजर रखे हुए हैं और मामले पर गौर कर रहीं हैं।
रोजमर्रा के उपभोग का सामान बनाने वाली एफएमसीजी मैरिको तथा कुछ अन्य पहले ही दाम बढ़ा चुकीं हैं, जबकि डाबर, पारले और पतंजलि जैसी अन्य कंपनियां स्थिति पर करीब से निगाह रखे हुए हैं। नारियल तेल, दूसरे खाद्य तेलों और पाम तेल जैसे कच्चे माल का दाम बढऩे से एफएमसीजी कंपनियां पहले तो इस वृद्धि को खुद ही वहन करने का प्रयास कर रही हैं, लेकिन वह लंबे समय तक अपने उत्पादों के दाम को स्थिर नहीं रख पाएंगी क्योंकि ऐसा करने से उनके सकल मार्जिन पर असर पड़ सकता है।
पारले प्रॉडक्ट्स के वरिष्ठ श्रेणी प्रमुख मयंक शाह ने कहा कि, ‘पिछले तीन-चार माह के दौरान हमने खाद्य तेल जैसे सामान में उल्लेखनीय वृद्धि को देखा है। इससे हमारे मार्जिन और लागत पर असर पड़ रहा है। फिलहाल हमने कोई मूल्य वृद्धि नहीं की है, लेकिन हम स्थिति पर करीबी नजर रखे हुए हैं और यदि कच्चे माल में वृद्धि का क्रम जारी रहता है तो फिर हम दाम बढ़ाएंगे। यह वृद्धि सभी उत्पादों में होगी क्योंकि खाद्य तेल का इस्तेमाल सभी उत्पादों में होता है। यह वृद्धि कम से कम चार से पांच फीसदी की हो सकती है।’
डाबर इंडिया के मुख्य वित्तीय अधिकारी ललित मलिक ने कहा कि हाल के महीनों में कुछ खास सामानों जैसे कि आंवला और सोने के दाम में वृद्धि देखी गई है। आने वाले समय में हमें कुछ प्रमुख जिंसों में महंगाई बढऩे की संभावना लगती है। हमारा प्रयास होगा कि कच्चे माल के दाम की वृद्धि को खुद ही वहन करें और केवल कुछ चुने मामलों में ही न्यायोचित मूल्य वृद्धि होगी। यह वृद्धि बाजार की प्रतिस्पर्धा को देखते हुए भी तय हो सकती है।