UPDATE: श्मशान घाट हादसा से अस्पताल के मोर्चरी में जगह पड़ गई कम, बर्न वार्ड में रखे गए शव
नई दिल्ली। हादसे में मरने वालों के शव एमएमजी अस्पताल में उतरते देख हर किसी का दिल कांप उठा। तत्काल जिला एमएमजी अस्पताल में मेडिकल स्टाफ को बुला लिया गया। आनन-फानन एमएमजी अस्पताल की इमरजेंसी के पीछे बने बर्नवार्ड को अस्थाई मोर्चरी में तब्दील कर दिया। इमरजेंसी के सामने शव उतारकर स्ट्रेचर से मोर्चरी तक पहुंचाए गए। सुबह लगभग 11 बजे मुरादनगर हादसे की सूचना मिली थी। इसके बाद अस्पताल में घायलों के उपचार की व्यवस्था करने के निर्देश प्रशासन की ओर से दिए गए। लगभग एक बजे से अस्पताल में घायलों के आने का सिलसिला शुरू हुआ जो शाम पांच बजे तक चलता रहा। चार शव सीएचसी मुरादनगर भेजे गए। बाद में सभी शव एमएमजी अस्पताल ले जाकर वहां बर्न वार्ड में बनाई गई अस्थाई मोर्चरी में रखे गए। पोस्टमार्टम करने के लिए चार डॉक्टरों की टीम लगाई गई।
मुरादनगर श्मशान घाट हादसे में अब तक 26 लोगों की मौत हो चुकी है। हादसे के बाद हर तरफ हाहाकार मचा हुआ है। इस मामले में ईओ निहारिका सिंह, ठेकेदार अजय त्यागी, जेई सीपी सिंह, सुपरवाइजर आशीष समेत अन्य अज्ञात लोगों पर गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज किया गया है। आपको बता दें कि मुरादनगर श्मशान घाट हादसे में कई लोगों पर गाज गिरी है। शासन के निर्देश पर मामले में रविवार रात मंडलायुक्त अनीता सी. मेश्राम और पुलिस महानिरीक्षक प्रवीण कुमार ने मोदीनगर तहसील में समीक्षा बैठक ली। बैठक में डीएम व एसएसपी से मामले की विस्तृत रिपोर्ट ली गई।
फिर मंडलायुक्त के निर्देश पर मुरादनगर कोतवाली पुलिस ने नगर पालिका की ईओ निहारिका सिंह, जेई चंद्रपाल, सुपरवाइजर आशीष, ठेकेदार अजय त्यागी के साथ अन्य पर गैर इरादतन हत्या, भ्रष्टाचार, काम में लापरवाही सहित अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया है। मामले में मृतक जयराम के पुत्र दीपक की ओर से मुरादनगर पुलिस को दी गई तहरीर में बताया गया है कि उनके पिता जयराम की शनिवार रात मौत हो गई थी। अंतिम संस्कार को लेकर कई रिश्तेदारों के साथ तमाम पड़ोसी श्मशान घाट पहुंचे थे।
अंत्येष्टि के साथ श्रद्धांजलि देने के दौरान लिंटर गिर गया। तहरीर में 20 से अधिक लोगों की मौत के साथ 20 से अधिक के घायल होने का हवाला दिया गया है। तहरीर में ईओ सहित अन्य अधिकारियों और ठेकेदार पर मिलीभगत कर निर्माण कार्य में घटिया सामग्री का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया गया है। घटिया सामग्री को ही हादसे की प्रमुख कारण बताया गया है।
तहरीर में अधिकारियों और ठेकेदार को हादसे और हादसे में हुई मौत का जिम्मेदार बताया गया है। साथ ही मामले में सभी आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की गई है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कलानिधि नैथानी ने बताया कि मृतक जयराम के बेटे की तहरीर पर मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है। मामले में मुरादनगर कोतवाली पुलिस ने दो से तीन लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है।