December 23, 2024

मध्य प्रदेश में भारी बारिश से 10 लोगों की मौत, 11,000 लोगों को बचाया गया

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भोपाल, 30 अगस्त (भाषा) पिछले दो दिन से हो रही भारी बारिश से मध्य प्रदेश में अब तक कुल 10 लोगों की मौत हो गई है। इनमें से छह लोगों की मौत शनिवार को हुई, जिनमें से चार की मौत कटनी में और दो की छतरपुर में हुई, जबकि रायसेन, सीहोर एवं भोपाल में चार लोगों की मौत की पुष्टि रविवार को हुई है। प्रदेश के बाढ़ प्रभावित 12 जिलों के 454 गाँवों से लगभग 11,000 लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया है। हालांकि, आज प्रदेश के कई इलाकों में भारी बारिश कुछ थम गई है। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज दूसरे दिन पुन: प्रदेश के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हेलीकॉप्टर से निरीक्षण किया और होशंगाबाद, सीहोर, रायसेन, देवास, हरदा तथा विदिशा जिलों के जलमग्न क्षेत्रों का निरीक्षण किया। मुख्यमंत्री चौहान के प्रमुख सचिव मनीष रस्तोगी ने बताया कि बाढ़ से जुडी घटनाओं में रविवार को तीन लोगों की मौत की पुष्टि हुई है। इनमें से दो लोगों की मौत रायसेन जिले में उफनते हुए नालों को पार करते समय हुई है, जबकि एक व्यक्ति की सीहोर जिले में मकान ढहने से मृत्यु हो गई। वहीं, भोपाल नगर निगम के एक अधिकारी ने बताया कि कोलार पुलिस थाना इलाके में एक परिसर की दीवार झोपड़ी में गिरने से रविवार शाम को 30 साल के एक व्यक्ति की मौत हो गई। बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण करने के बाद मुख्यमंत्री चौहान ने कहा, ‘‘गत दो दिनों में प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में हो रही अनवरत वर्षा के कारण प्रदेश के बड़े हिस्से में बाढ़ की स्थिति निर्मित हो गई है। देवास, हरदा, सीहोर, होशंगाबाद, रायसेन, विदिशा, बालाघाट, सिवनी, छिंदवाड़ा, खंडवा आदि जिलों में बाढ़ का अधिक असर हुआ है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘कई गाँव चारों ओर से बाढ़ के पानी से घिर गए हैं। वहां मकानों की पहली मंजिल तक पानी भर गया है। खेत पूरी तरह डूब गए हैं। पेड़ों के ऊपरी हिस्से ही दिखाई दे रहे हैं।’’ चौहान ने बताया कि नर्मदा नदी के दोनों ओर 10 किलोमीटर तक के क्षेत्रों में बाढ़ का असर है। नर्मदा नदी की सहायक नदियों का पानी नर्मदा में जाने के बजाय वापस आने से उनके आसपास के क्षेत्र जलमग्न हो गए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा बचाव व राहत कार्य 24 घंटे युद्ध स्तर पर चलाए जा रहे हैं। चौहान ने कहा कि बाढ़ में फंसे एक-एक व्यक्ति को सुरक्षित निकालेंगे तथा सभी बाढ़ पीड़ितों को हर संभव सहायता देंगे। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘बाढ़ हमारे लिए चुनौती है और पीड़ित मानवता की सेवा धर्म। हम दोनों मोर्चों पर सफल होंगे।’’ चौहान ने कहा कि अभी बारिश की तीव्रता कम होने से बारिश का पानी उतर तो रहा है, परन्तु ऐसे में मौसमी बीमारियों के बढ़ने का खतरा रहता है। अत: सभी संबंधित विभाग पूरी मुस्तैदी एवं कर्मठता के साथ निरंतर प्रभावित व्यक्तियों को हर आवश्यक सहायता पहुंचाने का कार्य करें। कार्य में थोड़ी भी ढिलाई अथवा लापरवाही न हो। मुख्यमंत्री ने बताया, ‘‘प्रदेश के बाढ़ प्रभावित 12 जिलों के 454 गाँवों से लगभग 11,000 लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया है। प्रदेश में 170 राहत शिविर संचालित हैं, जिनमें भोजन, दवाओं एवं शुद्ध पेयजल आदि सभी की व्यवस्थाएं की गई हैं।’’ उन्होंने बताया कि वायु सेना के हेलीकॉप्टर द्वारा प्रदेश के विभिन्न स्थानों से 267 व्यक्तियों को सुरक्षित निकाला गया है। बचाव कार्यों में वायुसेना के साथ ही, सेना, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), मध्य प्रदेश आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ), पुलिस, होमगार्ड सहित राजस्व का पूरा अमला निरंतर लगा हुआ है। इनके साथ ही समाजसेवी संगठन, संस्थाएं, हिम्मती नौजवान निरंतर सेवा कर रहे हैं। चौहान ने कहा कि हम निरंतर बाढ़ की स्थिति पर नजर रखे हुए हैं। उन्होंने निर्देश दिए कि राजस्व विभाग बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में फसलों आदि की क्षति का आकलन वैज्ञानिक तरीके से करे, जिससे फसल बीमा की राशि मिलने में दिक्कत न आए। जान-माल की क्षति का तुरंत आकलन कर सहायता दें। इससे पहले चौहान ने भोपाल में संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैंने आज प्रात:काल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से चर्चा की और प्रदेश में आई बाढ़ के बारे में पूरी स्थिति की जानकारी दी है। मैंने कल रात को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से भी बात कर मदद मांगी।’’ उन्होंने कहा कि भारतीय वायुसेना के तीन हेलिकॉप्टरों को बाढ़ में फंसे लोंगों को बचाकर सुरक्षित स्थानों में लाने के लिए लगाया गया है। हमने दो और हेलिकॉप्टरों की मांग की है। चौहान ने बताया कि बाढ़ में फंसे लोगों में से किसी भी व्यक्ति को जान नहीं गवानी पड़ी है। उन्होंने कहा, ‘‘यह मेरे लिए संतोष की बात है।’’ उन्होंने कहा कि जिन 12 जिलों में पिछले दो दिनों से हो रही भारी बारिश ने तबाही मचाई है, उन जिलों में आज बारिश में कमी आई है, क्योंकि अब बादलों का रुख पश्चिमी मध्य प्रदेश की ओर हो गया है। चौहान ने कहा कि अनुमान है कि पश्चिमी मध्य प्रदेश के इंदौर, उज्जैन, शाजापुर, रतलाम, देवास, झाबुआ, अलीराजपुर, मंदसौर एवं नीमच में अगले 24 घंटे में भारी बारिश होगी। उन्होंने बताया कि पश्चिमी मध्य प्रदेश के इन जिलों के अधिकारियों को भी पूरी तरह से सतर्क कर दिया गया है। इसी बीच, सिवनी से मिली रिपोर्ट के अनुसार सिवनी जिला मुख्यालय से करीब 60 किलोमीटर दूर करीब तीन करोड़ रुपए की लागत से प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत भीमगढ़-सुनवारा सड़क में वैनगंगा नदी पर एक महीने पहले बनकर तैयार हुआ पुल रविवार को बाढ़ के सैलाब में बह गया। सिवनी कलेक्टर डॉ. एफ राहुल हरिदास ने बताया कि इस पुल के बहने की जांच की जाएगी।

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