ग्राहक सेवा केंद्र के जैसी फर्जी वेबसाइट बना कर लाखों की ठगी करने वाले गिरोह के 6 सदस्य गिरफ्तार, अन्य फरार…
रायपुर। ग्राहक सेवा केंद्र के नाम पर लाखों की ठगी करने वाले अंतरराज्यीय गिरोह को पुलिस ने धर दबोचा है बता दें यह गिरोह अलग-अलग राज्यों में ग्राहक सेवा केंद्र से धोखाधड़ी कर पैसे उड़ाते थे और अलग-अलग व्यक्तियों के खाते में पैसे डाल कर उनको कुछ प्रोत्साहन राशि पकड़ा कर बाकी अपनी काली कमाई करते थे।
पूरा मामला
दरअसल 23 नवम्बर को पीड़ित बैंक ग्राहक सेवा केंद्र के (कियोस्क) नाम पर भारत सरकार की वेबसाईट www.csc.gov.in का प्रतिरूपण कर उसके साथ की गई एक लाख सौलह हजार रूप्ये की ऑनलाईन धोखाधड़ी की लिखित सूचना पर राज्य साइबर पुलिस ने अपराध कमांक 02/2020 अंतर्गत धारा 420, 465, 468, 471, 34 IPC & 66(C), 66(D) IT Act कायम कर विवेचना में लिया गया।
इस उक्त फर्जी वेबसाईट मोबाईल नंबर 90735-70674 से संबद्ध है। प्राप्त जानकारी के अनुसार इस प्रकार की और भी करीब 30 वेबसाईट फर्जी तरीके से चलाई जा रही हैं, जो कि सभी एक कॉमन उपरोक्त मोबाईल नंबर से ही संबंधित हैं।
स्पेशल महानिदेशक आर. के. विज के द्वारा राज्य साइबर पुलिस थाना के उप पुलिस अधीक्षक अभिषेक केसरी के हमराह कुल 9 अधिकारी/कर्मचारियों की टीम का गठन उन्हें बिहार/झारखंड तरफ रवाना किया गया टीम ने जिला कोडरमा में रहकर अपनी पहचान छुपाते हुए लगातार रेकी की गई और परिणामस्वरूप दिन-रात एक करते हुए अलग-अलग जगहों से एक महिला आरोपी एवं एक अपचारी किशोर सहित कुल 6 लोगों को हिरासत में लिया गया और उनके कब्जे से विभिन्न कंपनियों के 15 नग मोबाईल, एक 32 Inch LED, रंगीन प्रिंटर, Lenovo कंपनी का 01 लैपटॉप, 01 स्कार्पियो सहित विभिन्न बैंको के एटीएमए पासबुक, समेत अन्य चीज़ जप्त की गई।
आरोपियों से पूछताछ करने पर उन्होंने बताया कि उनका गिरोह लोगों से ऑनलाईन ठगी करने के लिए सिंडीकेट के तौर पर का काम करता है। एक व्यक्ति जो पटना में रहता है, वह Accounts उपलब्ध कराने का काम करता है, जो कि प्रति खाता 20000/- से 25000/- रूप्ये लेता है। इस संगठन का एक अन्य व्यक्ति जो कि बिहार में रहता है, उसका काम ऐसे लोगों की पहचान कर उनकी जानकारी एकत्रित कर उनसे संपर्क करके उन्हें बरगलाने वाली टीम को देना है।
यह टीम लोगों से संपर्क कर उन्हें बैंक ग्राहक सेवा केंद्र, LPG वितरण केंद्र, बैंक लोन आदि दिलाने का झांसा देकर उन्हें अपने विश्वास में लेकर प्रोसेसिंग फी आदि चार्जेस के नाम पर उनसे राशि विभिन्न बैंक खातों में डलवाकर उसे अलग-अलग खातों में अंतरित कर फिर यथा संभव बिना सीसीटीवी वाली एटीएम मशीनों से पैसा निकालने का काम करते हैं। फिर डाटा इक्कठा करने वाला व्यक्ति 80-90% पैसा स्वयं रखते हुए शेष लोगों को उनका शेयर देता है।
अभी इनके संगठन के कुल 06 लोगों की गिर्फतारी राज्य साइबर पुलिसथाना की टीम के द्वारा मौके पर पाये गए सबूतों के आधार पर प्रकरण में धारा 120(B), 489(A), 489(D) & 489(E) IPC जोड़ते हुए उनकी गिर्फतारी बिहार/झारखंड के अलग-अलग क्षेत्रों से की जाकर उन्हें न्यायिक अभिरक्षा में भेजा गया है। इनके गिरोह के शेष लोगों की पतासाजी जारी है।