December 23, 2024

औद्यागिक क्षेत्र के ग्रामीणों को बुनियादी सुविधाओं का अभाव, ज़हरीले धुँए व दूषित पानी से जीवन संकट में…

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सूरजपुर–  दुरस्थ क्षेत्रो के ग्राम पंचायतो के समस्याओ से भरी तस्वीर देखना कोई अचरज की बात नही है।लेकिन सूरजपुर जिला मुख्यालय से सटा गिरवरगंज नयनपुर गांव मे रोजगार सङक जैसी समस्याओ के साथ बिमारीयो से जुझते ग्रामिणो की सुध लेने वाला कोई नही।
दरअसल सूरजपुर जिले के विकास के लिए कई पहल किए गए।जिसमे एक छत्तीसगढ स्टेट इण्डस्ट्रीयल डेव्हलेपमेंट कार्पोरेशन के द्वारा जिला मुख्यालय से सटा नयनपुर और गिरवरगंज ग्राम पंचायत को औद्यौगिक क्षेत्र कि स्थापना कर नए उद्योग स्थापित करना था। और हुआ भी यही…अविभाजित सरगुजा के दौरान साल 2007-08 मे गिरवरगंज और नयनपुर को औद्योगिक क्षेत्र बनाने कि प्रक्रिया शुरु हुई।ऐसे मे लोगो को लगा कि नए उद्योगो के साथ आसपास के गांव का विकास होगा और रोजगार मिलेगा।लेकिन बितते समय के साथ 2012 मे सूरजपुर जिला अस्तित्व मे आ गया। और देखते ही देखते कई उद्योग शुरु हो गए। लेकिन समय के साथ गिरवरगंज और नयनपुर के ग्रामिणो कि समस्याए बढती गई। गांव के युवाओ को रोजगार तो दुर कि बात गांव की सड़के खस्ताहाल होते चले गई।जहां फैक्टरीयो से निकलने वाले धुंए प्रदुषण और गंदे पानी ने गांव को सौगात मे बीमारियों  का भंडार दे डाला। जहां ग्रामिणो ने बताया कि गांव मे उद्योगो कि शुरुआत से पहले ग्रामीणो को बेवकुफ बनाया गया।जहां ग्रामीणों को कहा गया था कि गांव मे लघु और कुटीर उद्योग लगेंगे। गांव का विकास होगा। लेकिन हुआ सब उल्टा….वहीं इस दौरान उद्धोग पतियों के ख़जाने और बंगले और बड़े होते गए तो औधोगिक क्षेत्र के ग्रामीण आज भी झोपड़ी में रहने को मजबूर हैं ।अब ऐसे मे ग्रामिण आंदोलन करते भी है तो उन्ही पर कार्यवाही होती है।लेकिन ग्रामिण भी अपनी समस्याओ को दुर करने के लिए आंदोलन करते रहने कि दावे किए।

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