बिहार के किसान बेहद मुसीबत में हैं और अब प्रधानमंत्री मोदी ने पूरे देश को इसी कुएं में धकेल दिया है : राहुल गांधी
नई दिल्ली: सरकार द्वारा लागू किए गए कृषि कानूनों को लेकर किसानों का दिल्ली की सीमा पर प्रदर्शन जारी है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने किसानों को समर्थन दिया है। राहुल लगातार किसानों के समर्थन में सरकार को निशाने पर ले रहे हैं। इसी कड़ी में राहुल ने शनिवार को कहा कि बिना न्यूनतम समर्थन मूल्य और एपीएमसी के बिहार के किसान बेहद मुसीबत में हैं और अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरे देश को इसी कुएं में धकेल दिया है। कांग्रेस नेता ने शनिवार को ट्वीट कर कहा, ‘बिहार का किसान एमएसपी-एपीएमसी के बिना बेहद मुसीबत में है और अब पीएम ने पूरे देश को इसी कुएं में धकेल दिया है।
ऐसे में देश के अन्नदाता का साथ देना हमारा कर्तव्य है।’ इससे पहले, राहुल गांधी ने किसान नेताओं और केंद्र सरकार के बीच दूसरे दौर की बातचीत को लेकर कहा कि कृषि संबंधी ‘काले कानूनों’ को पूरी तरह से रद्द करने से कम कुछ भी स्वीकार करना किसानों के साथ विश्वासघात होगा। उन्होंने ट्वीट किया, काले कृषि कानूनों को पूर्ण रूप से रद्द करने से कम कुछ भी स्वीकार करना भारत और उसके किसानों के साथ विश्वासघात होगा। गौरतलब है कि कृषि कानून के खिलाफ किसानों का आज 10वें दिन भी विरोध जारी है।
दिल्ली बॉर्डर पर जमे किसान संगठनों और सरकार के बीच आज पांचवें दौर की बातचीत होगी। गुरुवार को हुई चौथे दौर की बातचीत में कोई सहमति नहीं बन पाई थी। किसान संगठन कानून को पूरी तरह वापस लेने पर अड़े हैं। इसके लिए संसद का विशेष सत्र बुलाने की भी मांग की गई है। दूसरी तरफ, किसानों के समर्थन में शुक्रवार को भी हस्तियों ने पुरस्कार और सम्मान वापस किए। भारत को पहला ओलंपिक मेडल दिलाने वाले राष्ट्रीय बॉक्सिंग कोच गुरबक्स सिंह संधू ने कहा, अगर सरकार किसानों की मांग नहीं मानती तो वे द्रोणाचार्य अवार्ड लौटा देंगे। साहित्य अकादमी पुरस्कार जीतने वाले डॉ मोहनजीत, डॉ जसविंदर सिंह और पंजाबी पटकथा लेखक स्वराजबीर ने पुरस्कार वापस करने की घोषणा की।