December 24, 2024

न्यायालय से स्थगन आदेश प्राप्त फर्जी जाति प्रमाण पत्र वाले शासकीय सेवक होंगे बर्खास्त

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न्यायालय से स्थगन आदेश प्राप्त फर्जी जाति प्रमाण पत्र वाले शासकीय सेवक होंगे बर्खास्त

मुख्यमंत्री के निर्देश पर सामान्य प्रशासन विभाग ने शुरू की कार्रवाई

रायपुर, 12 नवम्बर 2020/ छत्तीसगढ़ शासन में फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर कार्यरत शासकीय सेवकों को सेवा से बर्खास्त किया जाएगा। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने ऐसे फर्जी, गलत जाति प्रमाण पत्र धारी शासकीय सेवकों को जिन्हांेने न्यायालय से स्थगन आदेश प्राप्त किया गया है, उन्हें सेवा से तत्काल बर्खास्त करने के निर्देश दिए हैं, साथ ही कहा है कि स्थगन आदेश प्राप्त सम्पूर्ण प्रकरणों में महाधिवक्ता छत्तीसगढ़ के माध्यम से शीघ्र सुनवाई करने हेतु उच्च न्यायालय से अनुरोध किया जाएगा। जिन सेवकों के जाति प्रमाण पत्र गलत पाए गए हैं, उन्हें तत्काल महत्वपूर्ण पदों से अलग किया जाएगा। ऐसे सभी प्रकरणों की सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा विभागवार नियमित समीक्षा की जाए। 
सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा प्राप्त जानकारी के अनुसार उच्च स्तरीय प्रमाणीकरण, छानबीन समिति रायपुर को वर्ष 2000 से लेकर 2020 तक फर्जी, गलत जाति प्रमाण पत्र के कुल 758 प्रकरण प्राप्त हुए थे, जिनमें से 659 प्रकरणों का जांच उपरांत निराकरण किया गया है। शेष 267 प्रकरणों में जाति प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए हैं। जिसे संबंधित विभागों को कार्रवाई के लिए भेजा गया है। इनमें से अधिकांश प्रकरण उच्च न्यायालय में विचाराधीन है अथवा स्थगन आदेश प्राप्त हैं। विगत दो वर्षों में 75 प्रकरण फर्जी, गलत पाए गए हैं। इन प्रकरणों में उच्च न्यायालय से स्थगन आदेश प्राप्ति के पश्चात कई अधिकारी, कर्मचारी अभी भी महत्वपूर्ण पदांें में कार्यरत हैं। 
उच्च स्तरीय प्रमाणीकरण छानबीन समिति द्वारा जिन विभागों के अधिकारियों, कर्मचारियों के जाति प्रमाण पत्र फर्जी, गलत पाए गए हैं उनमें सामान्य प्रशासन विभाग के 14, आदिमजाति तथा अनुसूचित जाति विभाग के 8, राजस्व विभाग के 7, लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के 9, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के 8, महिला एवं बाल विकास विभाग के 4, जल संसाधन विभाग के 14, समाज कल्याण विभाग के 1, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के 15, वाणिज्यकर विभाग के 1, गृह विभाग के 7, ग्रामोद्योग विभाग के 12, उर्जा विभाग के 7, वाणिज्य एवं उद्योग विभाग 4, कौशल विकास, तकनीकी शिक्षा एवं रोजगार विभाग के 5, उच्च शिक्षा विभाग 3, कृषि विभाग के 14, नगरीय प्रशासन विभाग और वन विभाग के 5-5, सहकारिता विभाग के 3, लोक निर्माण विभाग एवं योजना आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग के 2-2, पशुधन विभाग एवं मछलीपालन विभाग 6, खेल एवं युवा कल्याण विभाग 1, स्कूल शिक्षा विभाग 44, मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय, जनसम्पर्क विभाग, आवास एवं पर्यावरण विभाग, ग्रामीण बैंक, इंजीनियर्स इंडिया प्राईवेट लिमिटेड नई दिल्ली, केन्द्रीय विद्यालय संगठन मुम्बई, राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान रायपुर, केन्द्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क विभाग, दूरदर्शन केन्द्र रायपुर और छ.ग. राज्य इंडस्ट्रियल डेव्हलपमेंट कार्पोरेशन लिमिटेड, स्वास्थ्य विभाग(भारत सरकार) प्रत्येक में 1-1, महाधिवक्ता कार्यालय में 2, भारतीय स्टेट बैंक 3, भारतीय जीवन बीमा निगम और भारतीय रेलवे में 3-3, भिलाई इस्पात संयंत्र में 18, पंडित रविशंकर विश्वविद्यालय रायपुर, केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल, भारतीय डाकतार विभाग और कर्मचारी भविष्य निधि कार्यालय के प्रत्येक के 2-2 शासकीय सेवक शामिल हैं। इसके अलावा 18 जनप्रतिनिधियों के भी जाति प्रमाण पत्र फर्जी, गलत पाए गए हैं।

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