क्या है सुहाग की निशानियों का धार्मिक और वैज्ञानिक कारण… जाने सिंदूर लगाने और पायल पहनने का कारण
हिन्दू धर्म में सुहाग का बहुत महत्व है। सुहागन महिलाओं के लिये ये श्रृंगार जरूरी माने गये हैं। लड़कियों के जीवन में विवाह के बाद बहुत कुछ बदल जाता है उनका घर, परिवार, रहने का तरीका, काम करने का तरीका और भी बहुत कुछ। शादी के बाद उनके जीवन शामिल हो जाते हैं ये सोलह श्रृंगार धार्मिक तर्क के अनुसार पति की लंबी उम्र और सुखमय वैवाहिकजीवन के लिये महिलाओं का श्रृंगार करना जरूरी बताया गया है। आज हम आपको बताते हैं किइन धार्मिक परंपराओं के पीछे कौन से वैज्ञानिककारण हैं।
- कुमकुम
कुमकुम भौहों के बीच में लगाया जाता है। यह बिंदु अज्ना चक्र कहलाता है। सोचिए जब भी आपको गुस्सा आता है तो तनाव की लकीरें भौहों के बीच सिमटी हुई नजर आती हैं। इस बिंदु पर कुमकुम लगाने से शांति मिलती है और दिमाग ठंडा रहता है। यह बिंदु भगवान शिव से जुड़ा होता है।
2. सिंदूर
सिर के बीचोंबीच मांग में सिंदूर इसलिये लगाया जाता है क्योंकि इस बिंदु को महत्वपूर्ण और संवेदनशील माना जाता है। सिंदूर लगाने से दिमाग हमेशा सतर्क और सक्रिय रहता है। दरअसल, सिंदूर में मरकरी होता है जो अकेली ऐसी धातु है जो लिक्विड रूप में पाई जाती है। इससे शीतलता मिलती है और दिमाग तनावमुक्त रहता है। सिंदूर शादी के बाद लगाया जाता है क्योंकि ये रक्त संचार के साथ ही यौन क्षमताओं को भी बढ़ाने का भी काम करता है।
3. चूडिय़ां
सुहागनों के लिये कांच की चूडियां पहनना शुभ माना जाता है। कांच की चूडिय़ों की खनक से घर में बहू की मौजूदगी का अहसास होता है। इसके पीछे वैज्ञानिकों का कहना है कि कांच में सात्विक और चैतन्य अंश प्रधान होते हैं। इस वजह से चूडिय़ों के आपस में टकराने से जो आवाज होती है। वह नेगेटिव एनर्जी को दूर भगाती है।
4. मंगलसूत्र
प्रत्येक विवाहित महिला को मंगलसूत्र अवश्य पहनना चाहिये। बड़े- बुजुर्गों का कहना है कि इसे छुपाकर ररखना चाहिये। इसके पीछे वैज्ञानिकतर्क यह है कि भारतीय हिंदू महिलाएं काफी शारीरिक श्रम करती हैं, इसलिए उनका ब्लड प्रेशर नियंत्रित रहना जरूरी है। मंगलसूत्र छिपाकर रखने से ये हमारे शरीर से स्पर्श करेगा और इसका अधिक से अधिक लाभ हमें मिल पाएगा।
5.पायल
चांदी की पायल पहनने से पीठ, एड़ी, घुटनों के दर्द और हिस्टीरिया रोगों से राहत मिलती है। साथ ही चांदी की पायल हमेशा पैरों से रगड़ती रहती है, जो स्त्रियों की हड्डियों के लिए काफी फायदेमंद होती है। इससे उनके पैरों की हड्डी को मजबूती मिलती है, साथ ही ये शरीर की बनावट को नियंत्रित भी करती है।