January 14, 2025

माओवादी कैंसर को समाप्त करना है तो इसकी जड़ पर प्रहार करना जरूरी – मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय

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रायपुर – माओवाद एक कैंसर की तरह है। कैंसर को समाप्त करना है तो इसकी जड़ पर प्रहार करना जरूरी होता है। माओवादी बस्तर के कुछ इलाकों में जोंक की तरह चिपक गये थे और यहां के स्थानीय लोगों को डरा-धमका कर शोषण कर रहे थे। ये स्थल उनके सबसे सुरक्षित पनाहगाह थे। हमने माओवादियों की माँद में घुसकर उन पर हमले का निर्णय लिया। हमारे सुरक्षाबलों के जवानों के अदम्य साहस से हमने इन माओवादियों का मुकाबला किया और उनको धूल चटाई। बीते एक साल में विभिन्न मुठभेड़ों में हमारे सुरक्षाबलों ने 230 से अधिक माओवादियों को मार गिराया है। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने सुकमा जिले के मिनी स्टेडियम में विकास कार्यों के लोकार्पण शिलान्यास के अवसर पर आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए यह बात कही।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि जिस पावन भूमि पर भगवान श्रीराम के पुण्य चरणों का स्पर्श हुआ। उस भूमि का मैं सादर अभिनंदन करता हूँ।माओवादी हिंसा ने बस्तर संभाग के साथ ही सुकमा जिले को भी हिंसा की आग में झोंक दिया था। इससे सुकमा जिले का विकास बुरी तरह प्रभावित हुआ था।एक साल में हमारी सरकार ने सुकमा जिले के विकास के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिये और इस पर तेजी से क्रियान्वयन किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इसी कड़ी में आज हमने यहां 205 करोड़ रुपए के 137 कार्यों का लोकार्पण-भूमिपूजन किया है।इन कार्यों में 39 करोड़ रुपए की राशि के 82 कार्यों का लोकार्पण एवं 166 करोड़ रुपए के 55 कार्यों का भूमिपूजन शामिल है। इन कार्यों में सबसे महत्वपूर्ण कार्य सुकमा नगरपालिका में 83 करोड़ रुपए की लागत से जल प्रदाय योजना का भूमिपूजन है। इसके साथ ही 14 करोड़ रुपए की राशि से केरलापाल से पोंगाभेज्जी मार्ग के निर्माण का भूमिपूजन भी हमने किया। उन्होंने कहा कि सुकमा में खेल अधोसंरचना बेहतर हो, इसके लिए 11 करोड़ रुपए की लागत से हम स्पोर्ट्स कांप्लेक्स बनाने जा रहे हैं। इसका भी हमने आज भूमिपूजन किया है।

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि सुनियोजित रणनीति के तहत हमने माओवाद प्रभावित इलाकों में कैंपों का विस्तार किया और सुरक्षा का नेटवर्क विस्तृत किया।अब माओवादी बहुत सीमित इलाके में सिमट गये हैं और बौखलाहट में हैं। इसके चलते वे कायराना हरकत कर रहे हैं। माओवादियों द्वारा हमारे जवानों के काफिले पर आईईडी ब्लास्ट की घटना में जो जवान शहीद हुए, वे बस्तर के माटीपुत्र ही थे।मुख्यमंत्री ने कहा कि आज सुकमा की इस धरती पर हम सब पुनः संकल्प लेते हैं कि माओवाद को जड़ से नष्ट करेंगे। हमारे शहीद जवानों की शहादत का बदला लेंगे।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि हम कैंपों के माध्यम से लोगों को सुरक्षा दिलाने के साथ ही विकास के लिए भी काम कर रहे हैं। इसके लिए हमने कैंप के पांच किमी की परिधि में आने वाले गांवों के विकास के लिए नियद नेल्ला नार योजना आरंभ की जिसके माध्यम से सभी बुनियादी सुविधाएं इन ग्रामीण क्षेत्रों में उपलब्ध कराई जा रही है।
जो माओवादी अपने लिए सबसे अच्छे हथियार, संचार के नये उपकरण का इस्तेमाल करते हैं उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों को इतने दहशत में रखा कि यहां के लोग टेलीविजन से भी दूर रहे।
माओवादी कमांडर का गांव पूवर्ती विकास के मामले में कई बरस पिछड़ा हुआ था। लोगों ने बिजली नहीं देखी थी, टेलीविजन नहीं देखा। अब पूवर्ती गांव सोलर लाइट से रौशन है। आजादी के 78 साल बाद पहली बार दूरदर्शन लोगों ने देखा। यह लोगों के लिए चमत्कार की तरह था। ग्राम सालातोंग में 78 साल बाद बिजली आई है। बिजली के आने से यहां विकास का उजाला भी तेजी से फैला है। अब यहां के बच्चे अच्छी तरह से पढ़ाई कर पाएंगे। विकास की मुख्य धारा में शामिल हो पाएंगे। लोगों को आवागमन के लिए राहत हो, इसके लिए यहां पर हक्कुम मेल चलाई जा रही है। इन बसों के चलते लोगों का जीवन आसान हो गया है। स्वास्थ्य केंद्रों तक पहुंचना आसान हो गया है।इस योजना के माध्यम से पहली बार लोगों के आधार कार्ड बने, आयुष्मान कार्ड बने और किसान क्रेडिट कार्ड भी बने।

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