January 5, 2025

4 सूत्रीय मांग को लेकर पदयात्रा,ख़ुटपदर सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल प्रोजेक्ट को रद्द करने के खिलाफ – पीसीसी अध्यक्ष दीपक

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रायपुर– 4 सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज बस्तर में एक दिवसीय पदयात्रा करेंगे, एनएमडीसी नगरनार के विनिवेशीकरण का विरोध, एनएमडीसी का मुख्यालय बस्तर लगाने की मांग, सीएसआर मद का पैसा स्थानीय युवाओं को रोजगार देने तथा बस्तर के खूटपदर में सुपरस्पेशलिस्ट अस्पताल के प्रोजेक्ट रद्द करने के खिलाफ पीसीसी अध्यक्ष दीपक बैज 4 जनवरी को खूटपदर से बस्तर तक एक दिन की पदयात्रा करेंगे। नगरनार संयंत्र की स्थापना के समय संयंत्र के लिये प्रभावित गांव खूटपदर गांव में एनएमडीसी द्वारा सुपर स्पेशलिटी अस्पताल बनाने का वादा किया था, भाजपा सरकार इस अस्पताल को बनने से रोकने का षड़यंत्र कर रही है। बस्तर विकास प्राधिकरण की बैठक में पारित 22 एकड़ जमीन खूंटपदर में जमीन आबंटित की गई थी जिस पर एनएमडीसी की साफ प्रतिक्रिया आई है कि अब हम अस्पताल नहीं बनाएंगे एनएमडीसी ने वादा किया था कि अस्पताल हम बनायेंगे किंतु भारतीय जनता पार्टी की सरकार उस प्रोजेक्ट पर पूर्णतः ग्रहण लगा चुकी है कुल मिलाकर यह सरकार स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर गंभीर नहीं है,लगातार जनता की आवाज को अनसुना किया जा रहा है यह लोकतांत्रिक मूल्यों का अपमान है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि नगरनार स्टील प्लांट का विनिवेशीकरण एक घातक निर्णय है नगरनार स्टील प्लांट का विनिवेशीकरण जनता के हितों के खिलाफ और इसे केवल निजीकरण की साजिश के रूप में देखा जा सकता है। राष्ट्रीय सम्पत्ति की लूट नगरनार जैसे नवरत्न प्लांट का विनिवेशीकरण और इसके बाद का निजीकरण भाजपा सरकार और प्रबंधन की पूंजीपतियों को खुश करने की नीति को उजागर करता है। यह जनता की संपत्ति को पूंजीपतियों के हाथों सौंपने का एक घातक प्रयास है। आर्थिक अस्थिरता विनिवेशीकरण के बाद इस क्षेत्र में रोजगार के अवसर समाप्त हो आएंगे और स्थानीय अर्थव्यवस्था पर इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि सी.एस.आर. मद की राशि प्रभावित गांवों के लोगों का हक है जिसको छीना जा रहा है सी.एस.आर. के तहत प्रभावित क्षेत्र के विकास के लिए निर्धारित राशि अभी तक जारी नहीं की गई है यह एक बड़ी विफलता है। जनता के अधिकार का हनन सी.एस.आर. फंड को जारी नहीं करना प्रभावित क्षेत्रों की जनता के अधिकारों का हनन करने जैसा है। कुल मिलाकर भाजपा सरकार ने बस्तर वासियों को सिर्फ छला है, साथ ही विकास कार्य से हमेशा वंचित रखा है,सिर्फ पूंजीपतियों की सेवा में सी.एस.आर. का उपयोग पूंजीपतियों के लाभ के लिए किया जा रहा है।

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