दिल्ली की तरफ पैदल आगे बढ़े 101 किसान, पुलिस सतर्क, अंबाला में इंटरनेट सेवाएं बंद
चंडीगढ़. किसान आंदोलन को लेकर बड़ी खबर है. एक बार फिर से किसान आज यानी शनिवार को दिल्ली कूच की कोशिश करेंगे. 101 किसानों का मरजीवड़ा जत्था दिल्ली के लिए कूच करेगा. हालांकि, हरियाणा पुलिस इस बार भी कोशिश करेगी कि किसान शंभू बॉर्डर से आगे ना जा पाएं. बीती दो कोशिशों में किसान असफल रहे हैं. उधर, जींद के खनौरी बॉर्डर पर जगजीत सिंह डल्लेवाला का अनशन लगातार जारी है और अब उनकी तबीयत ज्यादा खराब हो रही है.
उधर, किसानों के दोबारा से दिल्ली कूच के एलान को लेकर अंबाला प्रशासन की तरफ से और भी पुख्ता इंतजाम किए गए. अंबाला के डीसी पर्थ गुप्ता ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने बॉर्डर पर यथास्थिति बनाए रखने के लिए कहा है और अब दिल्ली के लिए परमिशन मांगी थी, वो अभी उन्हें नहीं दी गई है.
उधर, शंभू बॉर्डर पर सीमेंटेड बैरिकेडिंग के ऊपर जाली और अब जाली के ऊपर भी एक पूरी शील्ड बनाई गई है, क्योंकि पिछली बार देखा गया है कि आगे से ऊपर चढ़ कुछ किसान जाने की कोशिश कर रहे थे. इसीलिए अब इसको भी सील लगाकर बंद किया गया है. हरियाणा की सरकार पहले ही साफ कर चुकी है कि परमिशन न होने की वजह से किसी को भी आगे जाने नहीं दिया जाएगा.
शनिवार को मीडिया से बातचीत में सरवण सिंह पंधेर ने कहा कि विरोध-प्रदर्शन 307वें दिन में प्रवेश कर गया है और 101 किसानों का हमारा तीसरा जत्था 12 बजे तक दिल्ली के लिए रवाना होगा. पूरा देश इस विरोध प्रदर्शन से जुड़ा हुआ है, लेकिन हमारे प्रधानमंत्री इसे दूरी बनाए हुए हैं और केंद्रीय कृषि मंत्री इस बारे में कुछ नहीं कह रहे हैं. सरकारी एजेंसियां यह सुनिश्चित करने की पूरी कोशिश कर रही हैं कि मोर्चा जीत न पाए. लेकिन हम कोशिश करेंगे.
बजरंग पुनिया ने क्या कहा
उधर, किसान आंदोलन को लेकर कांग्रेस नेता और कुश्ती खिलाड़ी बजरंग पुनिया ने कहा कि हम बिल्कुल शांतिपूर्वक जा रहे हैं. जो हमारी ड्यूटी लगाई जाएगी, हम उसके साथ खड़े हैं. बोलने और करने में फर्क होता है, आप बोलते हैं कि 24 फसलों पर एमएसपी दे रहे हैं, लेकिन 24 तो फसल ही नहीं है…हरियाणा में, पहली बात. आप कह रहे है कि आप किसान को नहीं रोक रहे हैं तो रोड पर कील, बड़े बड़े कंटेनर हैं, किसलिए इतनी फोर्स रखी गई हैं. वो इंडिया – पाकिस्तान का बॉर्डर नहीं हैं. वो चीन का बॉर्डर नहीं हैं. सरकार ही झूठ बोल रही है. ये बहुत दुर्भाग्यपूर्ण हैं. आप लोग दिल्ली जा रहे है तो आप किससे परमिशन लेते है. ये तो पैदल जाना चाहते हैं. अगेर लिखित में सरकार ने गारंटी दी थी, फिर क्यों मुकर गए वो ? सरकार मुकर गई. किसान कहा जाएंगे? किसान बस एमएसपी चाहते हैं और उसके बदले में उससे लाठी, डंडे, आंसू गैस के गोले, जहरीली गैसे मिल रही हैं.