लाल आतंक का साथ छोड़ने वाले आत्मसमर्पित नक्सलियों का घर बसाएगी छत्तीसगढ़ सरकार, स्वरोजगार के लिए मिलेगा लोन
रायपुर। आत्मसमर्पित नक्सलियों के पुनर्वास की नीति राज्योत्सव के अवसर पर लांच होगी। इसके प्रमुख प्रविधानों के अनुसार मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय सरकार मुख्यधारा से जुड़ने वालों का घर बसाएगी। उन्हें उनकी जरूरत की सभी चीजें दी जाएंगी। आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों और उनके स्वजन विकास के लिए सरकार अलग से बजट भी निर्धारित करेगी।
पुनर्वास की नीति के ज्यादातर प्रविधान असम से लिए गए हैं। प्रदेश के उपमुख्यमंत्री व गृहमंत्री विजय शर्मा ने असम का दौरा करके यहां अध्ययन किया है और वहां की नीति का 80 प्रतिशत हिस्सा छत्तीसगढ़ में भी लागू किया जा सकता है।
उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि आत्मसमर्पित नक्सलियों के लिए हमारी सरकार उनके आवास की व्यवस्था करेगी। सरकार की सभी योजनाओं के लाभ तो मिलेगा ही साथ ही उनके लिए विशेष नीति हम जल्द ही लांच कर लेंगे।
पुनर्वास नीति में ये हो सकते हैं प्रविधान
– नक्सलियों को आवास देने का प्रविधान किया जाएगा।
– स्वरोजगार के लिए बैंक से ब्याज मुक्त लोन मिलेगा।
– मासिक गुजारे के लिए अनुदान राशि दी जाएगी।
– समर्पित किए गए गोला-बारूद के लिए भी प्रोत्साहन।
– आत्मसमर्पण व पुनर्वास के लिए शिविर का आयोजन।
पुनर्वास नीति इसलिए जरूरी
रक्षा विशेषज्ञों के अनुसार जिस तरह से पूर्वोत्तर राज्यों में खासकर असम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड और त्रिपुरा में आतंकवादियों के आत्मसमर्पण व पुनर्वास की नीति के बाद यहां आतंकवाद में नियंत्रण पाया गया है, उसी फार्मूले से छत्तीसगढ़ में भी नक्सलियों का अंत किया जा सकता है।
इसके लिए पुनर्वास नीति बहुत जरूरी है, क्योंकि ऐसे गुमराह युवक जो कि हार्डकोर नक्सलियों के दुष्चक्र में फंस गए हैं। उन्हें मुख्यधारा में लाने के बाद वह दोबारा नक्सलियों के चंगुल में न फंसे इसे रोकने की चुनौती होगी।
पिछले नौ महीनों में लगातार कार्रवाई
नक्सलियों के खिलाफ साय सरकार लगातार कार्रवाई कर रही है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार जनवरी से लेकर अब तक छत्तीसगढ़ में 194 नक्सलियों को मुठभेड़ में मारा गया है। 801 नक्सली गिरफ्तार और 742 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है।