विकास उपाध्याय के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने लकड़ी तस्करी के मामले में DFO कार्यालय का किया घेराव
रायपुर – पूर्व विधायक विकास उपाध्याय ने आज करोड़ों रूपये के छत्तीसगढ़ में हो रहे लकड़ीयों के तस्करी के मामले में दर्जनों साथियों सहित विकास उपाध्याय ने रायपुर डीएफओ कार्यालय में डीएफओ को घेराव किया।घेराव के दौरान रायपुर डीएफओ कार्यवाही के बारे में उचित जवाब देने से बचते रहे। उपाध्याय ने बताया कि लकड़ी परिवहन में बहुत बड़ा भ्रष्टाचार हुआ है, जिसमें फॉरेस्ट विभाग द्वारा शासन की मिलीभगत से उड़िसा, छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश में अवैध लकड़ी का परिवहन किया जा रहा है। जो गोला लट्ठा लकड़ी उड़िसा में बैन है वह गोला लकड़ी कैसे छत्तीसगढ़ बॉर्डर पर पहुँच जा रहा है और छत्तीसगढ़ बॉर्डर में जो बैरियर होता है फॉरेस्ट डिपो का वहाँ पर बिल्टी में ट्रक को पकड़ा जाता है और ट्रक में बिल्टी को चेक किया जाता है तो बिल्टी में चिरान लकड़ी लिखा होता है जबकि वास्तविक रूप से ट्रक के अंदर माल होता है गोला लकड़ी। तो इसे कैसे परमिट किया गया यह पहला सवाल खड़ा होता है और दूसरा सवाल रायपुर डीएफओ से पूछने पर कि जिस गोला लकड़ी को रायपुर में 19 सितम्बर को जब्त किया गया क्या उस फर्म या कम्पनी प्रिमाईसेस के ऊपर कार्यवाही हुई तो उनका जवाब मिलता है कि अभी इस पर कार्यवाही चल रही है। जबकि आज 17-18 दिन हो गये जिस पर फॉरेस्ट विभाग अभी तक कार्यवाही के नाम पर सिर्फ और सिर्फ लिपापोती कर इस बड़े भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने का काम कर रही है।
विकास उपाध्याय ने बताया कि छत्तीसगढ़ के कुछ टिम्बर कंपनी, ट्रेडर्स व ठेकेदार उड़ीसा से गलत दस्तावेज द्वारा लकड़ी मंगवा रहे हैं जिसकी जाँच छत्तीसगढ़ वन विभाग कर रही है। वहीं उड़ीसा के लकड़ी व्यापारी भी उड़ीसा वन विभाग से गलत दस्तावेज बनवाकर लकड़ी को रायपुर भेज रहे हैं। उड़ीसा राज्य की प्राइवेट पार्टी को किसी अन्य राज्य में इमारती लकड़ी (गोला लट्ठा) के बिक्री की अनुमति नहीं है वहीं उड़ीसा वन विभाग के अधिकारी और रायपुर के कुछ लकड़ी ठेकेदारों की मिली भगत से अवैध लकड़ी रायपुर लाया जा रहा है।