कंपनी के नाम 1200 करोड़ की संपत्ति, 4 करोड़ की ठगी, CBI भी कर रही जांच
रायपुर। छत्तीसगढ़ की रायपुर पुलिस ने करोड़ों रुपए की ठगी करने वाले सी-शोर ग्रुप की चिटफंड कंपनी के डायरेक्टर प्रशांत कुमार दास गिरफ्तार को किया है। प्रशांत कुमार दास 1200 करोड़ का मालिक है। आरोपी के खिलाफ 2013 में सिविल लाइन थाने में शिकायत दर्ज कराई गई थी, जिस पर कार्रवाई की गई है।
पुलिस ने बताया कि आरोपी ने रायपुर के अलग-अगल होटलों में सेमिनार लगाकर एजेंट को जमा राशि में 1 साल में 12 प्रतिशत और 6 साल में 24 प्रतिशत का प्रॉफिट देने की स्कीम और विदेश घुमाने का लालच दिया। करीब 370 निवेशकों से 4 करोड़ रुपए निवेश कराया। समय पूरा होने के बाद पैसा नहीं दिया और फरार हो गया।
किराए पर मकान लेकर रायपुर में खोला था ऑफिस
रायपुर पुलिस ने बताया कि सी-शोर ग्रुप कंपनी का मुख्यालय भुवनेश्वर और कटक में है। ओडिशा निवासी सी-शोर ग्रुप के CMD प्रशांत कुमार दास, चेयरमैन एलएलएन सत्पथी और ब्रांच मैनेजर दिलीप मोहंती ने 2012 में राजेश गुप्ता का मकान किराए पर लेकर रायपुर में ऑफिस खोला था।
2012 में कंपनी बंद कर भाग गया
मार्च 2007 में सिमरन होटल और अन्य स्थानों में सेमिनार लगाकर बड़े लाभांश, कमीशन और विदेश घुमाने का प्रलोभन देकर लगभग 370 निवेशकों से 04 करोड़ रुपए निवेश कराया गया। अवधि पूरी होने पर आरोपी रकम वापस नहीं कर मई 2012 में कपंनी बंद कर दिए और कंपनी का सामान लेकर भाग गए।
निवेशकों की शिकायत पर सिविल लाइन पुलिस लगातार आरोपियों की पतासाजी कर रही थी। इसी दौरान पुलिस टीम को प्रकरण के मुख्य आरोपी प्रशांत कुमार दास की ओडिशा में उपस्थिति के संबंध में जानकारी मिली। पुलिस ने प्रकरण के मुख्य आरोपी प्रशांत कुमार दास को गिरफ्तार किया।
प्रोफेसर से बना एजेंट फिर बना कंपनी का मालिक
रायपुर एडिशन एसपी लखन पटले ने बताया कि पूछताछ में आरोपी प्रशांत कुमार दास ने बताया कि वह पहले ओडिशा अंगुल के एक कॉलेज में अर्थशास्त्र का प्रोफेसर था। उसने बाद में SBI लाइफ प्राइवेट एजेंसी में काम किया।
इसके बाद सी-शोर ग्रुप के नाम से अलग – अलग प्रकार की एजेंसी जैसे – सी-शोर फार्मेसी, सी-शोरवाटर, सी-शोर डेयरी, सी-शोर राइस मील और अन्य एजेंसिया खोलकर प्रोडक्ट बनाता और उसकी बिक्री करता था।
इसके बाद आरोपी ने कंपनी को आगे बढ़ाने और अधिक लाभ कमाने के उद्देश्य से प्रिफरेंशियल शेयर स्कीम लाया, जिसमें ग्राहक को शेयर देकर मालिक बनाया जाता था। वह कई स्थानों में सेमिनार आयोजित कर अलग-अलग लोगों को अपने झांसे में लेकर शेयर देकर ग्राहक बनाकर रकम ऐंठता था।
वहीं रायपुर सिविल लाइन में आफिस खोलकर वह कार्बो कुरियर का काम करता था। रायपुर के अलग – अलग स्थानों में सेमिनार आयोजित कर लोगों को अपने झांसे में लेकर शेयर देकर मोटी रकम वापस करने सहित अन्य प्रलोभन देकर ग्राहकों से नगदी रकम प्राप्त करता था।
400 एकड़ जमीन और 1200 करोड़ का मालिक
एडिशनल एसपी लखन पटेल ने बताया कि 2012 में क्राइम ब्रांच ओडिशा ने कंपनी पर छापा मारकर आरओसी में बैलेंस शीट सही तरीके से दाखिल न करने के आरोप में कंपनी को सीज कर दिया था। इससे जुड़ी सभी कंपनियों को सील कर दिया गया था।
पुलिस ने बताया कि ओडिशा में ही आरोपी की कंपनी के नाम पर अलग – अलग स्थानों में स्थित 400 एकड़ की जमीन, फैक्ट्री, मकान, वाहनों और सोना-चांदी को क्राइम ब्रांच ओडिशा ने जब्त कर कार्रवाई की है। CBI भी मामले की जांच कर रही है।
आरोपी के खिलाफ 5 अपराधिक प्रकरण दर्ज होने के साथ ही आरओसी के 400 प्रकरण विभिन्न न्यायालय में दर्ज है, जिसकी विवेचना/जांच की जा रही है। आरोपी की संपत्ति लगभग 1200 करोड़ रुपए की है। आरोपी के ओडिशा में दर्ज मामले में 5 वर्ष जेल में भी रह चुका है।