अपर संचालक डीपीआई,जेडी शिक्षा संभाग दुर्ग और डीओ रायपुर के ख़िलाफ़ लोक आयोग में पहुँची शिकायत
रायपुर – कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता विकास तिवारी ने आज लोक आयोग में अपर संचालक डीपीआई,जेडी शिक्षा संभाग दुर्ग और डीओ रायपुर के ख़िलाफ़ लिखित शिकायत दस्तावेज़ो के साथ की.लगातार राजधानी रायपुर सहित पूरे प्रदेश में ग़ैर मान्यता वाले स्कूल को गली-कूचे के किराये के मकानों में खोलकर छात्र-छात्राओ के मौलिक अधिकार,बाल संरक्षण के अधिकारो की खुले तौर पर अवहेलना की जा रही है. प्रवक्ता विकास तिवारी ने बताया कि राजधानी रायपुर के गली कूचों में किराये के घरों में संचालित ग़ैर मान्यता वाले स्कूल के संरक्षक है स्कूल शिक्षा विभाग के आला अधिकारी और ज़िला शिक्षा कार्यालय के कर्मचारी इनकी बड़े स्कूल समूहों के साथ मिली भगत और साँठ-गाँठ के कारण राजधानी रायपुर के हज़ारो ज़रूरतमंद और ग़रीब छात्र-छात्राओ को आरटीई की सुविधा से वंचित रखा जा रहा है.
प्रवक्ता विकास तिवारी ने बताया कि लगातार प्रदेश के सबसे बड़े प्राइवेट स्कूल समूह के द्वारा गली-कूचों में संचालित ग़ैर मान्यता वाले स्कूलों की लिखित सबूत के साथ की गयी शिकायत को संयुक्त संचालक शिक्षा संभाग रायपुर और ज़िला शिक्षा अधिकारी रायपुर द्वारा किसी भी प्रकार की कार्यवाही न करते हुवे उन ग़ैर मान्यता वाले स्कूलों के संरक्षक के रूप में खड़े रहने का कार्य किया जा रहा है इन ग़ैर मान्यता वाले स्कूलों में फ़ीस नियामक के नियमों की अवहेलना करते हुवे पालकों से मोटा पैसा वसूला जाता है जो की अवैध वसूली की श्रेणी में आता है.शिक्षा विभाग के आला अधिकारियो और ज़िला शिक्षा कार्यालय के कर्मचारियों के द्वारा संगठित रूप से प्राइवेट स्कूल समूह के साथ मिलकर इस संगठित अपराध को अमलीजामा पहनाया जाता है.संयुक्त संचालक शिक्षा और ज़िला शिक्षा अधिकारी कार्यालय के आस पास ही कई ग़ैर मान्यता वाले स्कूल संचालित हो रहे है और शिक्षा विभाग के आला अधिकारी इन स्कूलों के संरक्षक की भूमिका अदा कर रहे है.
प्रवक्ता विकास तिवारी ने बताया कि शिक्षा विभाग में प्राइवेट स्कूलों को दिये जाने वाले मान्यता के नाम पर बहुत बड़ा खेल चल रहा है जिसका ख़ामियाज़ा निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा में पढ़ने वाले बच्चो को उठाना पड़ रहा है शिक्षा विभाग के अधिकारियों के भ्रष्टाचार के कारण इन ग़रीब बच्चो से निःशुल्क शिक्षा प्राप्त करने का अधिकार छीना जा रहा है प्रदेश के सबसे बड़े प्राइवेट स्कूल समूह के ख़िलाफ़ की गयी शिकायत शिक्षा विभाग के जाँच कमेटी द्वारा सही पाये जाने के बाद भी उक्त स्कूल समूह के ग़ैर मान्यता वाले स्कूलों को मान्यता देने के लिये शिक्षा विभाग के भ्रष्ट अधिकारी लालायित दिखाई दे रहे है.इन स्कूलों द्वारा सालों से पालकों से वसूले गये करोड़ों रुपयों की उगाही पर शिक्षा विभाग के अधिकारी मौन है और इन ग़ैर मान्यता वाले स्कूलों को छग शिक्षा संहिता के नियमों के विरुद्ध जाकर अवैध मान्यता दे रहे है.