पुलिस-नक्सली मुठभेड़ पर सवाल: परिजनों का आरोप- रस्सी लेने जंगल गए थे तीनो युवक, पुलिस ने कर दिया एनकाउंटर
कांकेर में पुलिस नक्सली मुठभेड़ एक बार फिर सवालो के घेरे में है. कांकेर पुलिस ने दावा किया था कि 25 फरवरी को जवानो और नक्सलियों के बीच थाना कोयलीबेड़ा क्षेत्रांतर्गत ग्राम भोमरा, हुरतराई, मिच्चेबेड़ा व उसके आसपास क्षेत्र में नक्सल कंपनी नंबर-05 के साथ मुठभेड़ हुई है जिसमे सर्चिंग पर कथित 3 नक्सली के शव बरामद हुए है.
फर्जी मुठभेड़ कर तीन लोगों को मारने का आरोप
पुलिस के कहानी पर ग्रामीणों और परिजनों ने सवाल उठाए है और फर्जी मुठभेड़ कर तीन लोगों को मारने का आरोप परिजनों ने लगाया है. परजिन अपने साथ मारे गए लोगो के बैंक पास बुक, आधार कार्ड, मनरेगा कार्ड, पेन कार्ड, वोटर आईडी कार्ड लेकर आए थे. परिजनों का आरोप है कि ये नक्सली है तो इतने सारे ड्यूमेन्ट कहा से आए.
वहीं आज कांकेर जिला मुख्यालय में तीनों कथित मारे गए लोगो के परिजन सामने आए है, पहले कोयलीबेड़ा में ग्रामीण और परिजन इकट्ठा हुए और कांकेर जिला मुख्यालय पहुंचे, मारे गए तीनो लोग कोयलीबेड़ा क्षेत्र के मरदा गांव के रहने वाले जिनके रामेश्वर नेगी सुरेश तेता है और एक उनका रिश्ते में भाचा लगता है जो अन्तागढ़ क्षेत्र के पैरावी गांव का रहने वाला अनिल कुमार हिडको था.
बदरंगी पंचायत के सरपंच मनोहर गावड़े, मारे गए अनिल हिडको की पत्नी सुजाता, और मारे गए अन्य दो लोगो की पत्नियों ने कहा कि चावल दाल लेकर रस्सी लेने जा रहा हूं बोलकर निकले थे, अभी तेंदूपत्ता बूटा कटाई का समय है, अप्रेल में तेंदूपत्ता तोड़ाई होता है उसके लिए अभी रस्सी जुगाड़ कर लेते है, उसी को लेने जंगल गए थे हमारे पति नक्सली नही है. और जो समान दिखा रहे वैसा कुछ नही है हमारे पति को नक्सली बता कर मारा गया.
इधर पूरे मामले को लेकर कांकेर एसपी कांकेर आई के एलेसेला ने कहा कि हर मुठभेड़ के बाद नक्सली ग्रामीण और परिजनों को सामने रखकर इस तरह के आरोप लगाते है, पुलिस ने कुछ गलत नही किया है. अगर ग्रामीण परिजन को लगता है गलत है तो मजिस्ट्रियल जांच में अपनी बात कहेंगे.