सहायक प्राध्यापक भर्ती परीक्षा में पूर्व सीएम के बच्चे का नाम, जांच के बाद होगी कार्रवाई : मंत्री केदार कश्यप
छत्तीसगढ़ में पीएससी मामलों को लेकर भाजपा शुरू से ही कांग्रेस सरकार के खिलाफ मुखर रही है। वर्तमान में भाजपा सरकार बनने के पश्चात मामले में सीबीआई जांच करवाई जा रही है। आज वन मंत्री केदार कश्यप ने मीडिया को बयान देते हुए कहा कि पूर्व में कांग्रेस सरकार ने छत्तीसगढ़ को भ्रष्टाचार का गढ़ बना दिया था। इनके शासनकाल में पीएसएसी में होनहार बच्चों का चयन नहीं किया गया। अयोग्य प्रतिभागियों का चयन कर दिया गया। मंत्री ने कहा कि ये गड़बड़ी पूर्व सीएम भूपेश बघेल और पीएससी चेयरमैन टामन सोनवानी ने की है। सरकार के सरंक्षण के बिना गड़बड़ी नहीं हो सकती।
वन मंत्री ने पूर्ववर्ती भूपेश सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार ने छत्तीसगढ़ में सीबीआई को बैन कर दिया था। भूपेश सरकार नहीं चाहती थी कि उनके भ्रष्टाचार की जांच हो। भाजपा सरकार आने के बाद मामले को सीबीआई को सौंपा गया है। अब भ्रष्टाचारियों के खिलाफ जांच होगी। मामले में कड़ी कार्रवाई होगी। दोषियों को बख्शा नही जाएगा।
मंत्री कश्यप ने कहा कि एक ही परिवार के तीन चार लोगों का चयन सरनेम बदलकर किया गया। इन लोगों ने सीजीपीएससी को भ्रष्टाचार का गढ़ बना दिया था। उनकी कोशिश थी कि टॉपर उनके परिवार के हो। टॉपरों की सूची में कांग्रेस परिवार और अफसरों के बच्चे आए थे। इस पर कांग्रेस सरकार का हाथ था। ये प्रदेश के लिए दुर्भाग्य की बात है। कांग्रेस नेताओं ने सिस्टम हाथ में लेकर समर्थक अधिकारियों के बच्चों का चयन कराया गया। ऐसा कर होनहार बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया गया।
पीएससी सहित व्यापम भर्तियों के मामले में भी गड़बड़ी की आशंका
वन मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि सीएमओ, सहायक प्राध्यापक के परीक्षा में पूर्व सीएम के बच्चों का नाम है। सीबीआई की जांच रिपोर्ट सामने आएगी तो इसका खुलासा होगा।