विधानसभा के आखिरी दिन जोर शोर से उठा किसान आत्महत्या का मुद्दा, विपक्ष ने की चर्चा की मांग, प्रस्ताव खारिज होने पर किया वॉकआउट
छत्तीसगढ़ विधानसभा के अंतिम दिन सदन में दिवंगत सदस्य लीलाधर भोजवानी और रामलाल भारद्वाज के निधन की सूचना स्पीकर डॉक्टर रमन सिंह ने सदन को दी। दिवंगत नेताओं के संबंध में नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत, सीएम विष्णु देव साय, धरमलाल कौशिक, अजय चंद्राकर, बृजमोहन अग्रवाल समेत अन्य सदस्यों ने दिवंगत नेताओं के जीवन चरित्र पर प्रकाश डालते हुए उनके निधन को प्रदेश के लिए अपूरणीय क्षति बताया । सभी सदस्यों का वक्तव्य को सुनने के बाद स्पीकर रमन सिंह समेत पूरे सदन के सदस्यों दिवंगत नेताओं को दो मिनट के लिए मौन श्रद्धांजलि दी। इसके बाद स्पीकर ने सदन की कार्यवाही 5 मिनट के लिए स्थगित करने की घोषणा की।
श्रद्धांजलि देने के बाद छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज नारायणपुर में हुए किसान की आत्महत्या का मामला जोर जोर शोर से उठा। विपक्ष ने इस पर स्थगन प्रस्ताव लाते हुए चर्चा कराने की मांग की । स्पीकर डॉक्टर रमन सिंह ने नियमों का हवाला देते हुए उनका स्थगन प्रस्ताव खारिज कर दिया। नाराज होकर विपक्ष ने सदन से बहिर्गमन करते हुए अपना विरोध जताया।
दरअसल विधानसभा में शीतकालीन सत्र के अंतिम कांग्रेस विधायक लखेश्वर बघेल ने नारायणपुर में एक आदिवासी किसान के आत्महत्या का मामला उठाते हुए इस पर स्थगन प्रस्ताव लाते हुए चर्चा कराने की मांग की। नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत, भूपेश बघेल समेत अन्य विपक्ष के अन्य सदस्यों ने भी इसे गंभीर मामला बताते हुए चर्चा कराने का आग्रह किया। स्थगन प्रस्ताव कर पर व्यवस्था का प्रश्न उठाते हुए भाजपा सदस्य धरमलाल कौशिक, अजय चंद्राकर, बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि पहला सत्र निर्धारित विषय पर आहूत होता है इसलिए इसमें स्थगन , शून्यकाल या ध्यानाकर्षण की सूचनाएं नहीं लिया जा सकता। इसे सदन में चर्चा में लेना सदन के नियमों के विपरीत है इसलिए इस पर चर्चा नहीं हो सकती। विपक्ष ने ऐसे गंभीर विषय पर नियमों को शिथिल कर चर्चा कराने का आग्रह किया। स्पीकर डॉक्टर ने पक्ष विपक्ष के सभी सदस्यों की बात सुनने के बाद स्थगन प्रस्ताव को खारिज कर दिया। इसके विरोध में विपक्ष के सभी सदस्यों ने सदन से वॉकआउट करते हुए अपना आक्रोश जताया।