December 23, 2024

बने रहेंगे NCP के अध्यक्ष, कमेटी ने नामंजूर किया इस्तीफा

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शरद पवार राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के अध्यक्ष पद पर बने रहेंगे.

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शरद पवार राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के अध्यक्ष पद पर बने रहेंगे. एनसीपी के नए अध्यक्ष के चयन के लिए जो समिति बनी थी उसने शरद पवार का इस्तीफा नामंजूर कर दिया. समिति की आज बैठक बुलाई गई थी. शरद पवार के अध्यक्ष पद पर बने रहने के बाद मुंबई स्थित एनसीपी के ऑफिस के बाहर जश्न का माहौल है. कार्यकर्ता शरद पवार के समर्थन में नारेबाजी किए.

प्रफुल्ल पटेल ने क्या कहा?

एनसीपी के उपाध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल ने बैठक के बाद कहा, शरद पवार ने 2 मई को अचानक अपने इस्तीफे की घोषणा कर दी. उन्होंने आगे की कार्रवाई के लिए और नए अध्यक्ष का चुनाव करने के लिए पार्टी नेताओं की एक समिति नियुक्त की. आज हमने समिति की बैठक की.NCP की कोर कमेटी ने पार्टी प्रमुख शरद पवार से पार्टी का नेतृत्व जारी रखने का अनुरोध करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया. कमेटी के प्रस्ताव पर शरद पवार फैसला लेंगे. शरद पवार ने मंगलवार को मुंबई में अपनी आत्मकथा ‘लोक माझे सांगाती’ के अद्यतन संस्करण के विमोचन कार्यक्रम में एनसीपी प्रमुख के पद से इस्तीफा देने की घोषणा कर सभी को चौंका दिया था. उन्होंने अपने उत्तराधिकारी पर फैसला लेने के लिए पार्टी की एक समिति भी गठित की थी, जिसमें अजित पवार, सुप्रिया सुले, पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रफुल्ल पटेल और छगन भुजबल शामिल हैं.

शरद पवार ने गुरुवार को कहा था कि एनसीपी अध्यक्ष के पद से इस्तीफा देने का उनका फैसला पार्टी के भविष्य और नया नेतृत्व तैयार करने के लिए है. उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं द्वारा लगातार अपने फैसले पर पुनर्विचार करने का अनुरोध किए जाने के बीच यह टिप्पणी की थी.

शरद पवार ने क्या कहा था?

सोनिया गांधी के विदेशी मूल का मुद्दे उठाने की वजह से कांग्रेस द्वारा निष्कासित किए जाने के बाद शरद पवार ने एनसीपी का गठन किया था. एनसीपी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने की पवार की घोषणा के बाद राज्य में कुछ जगहों पर जिला इकाई के पदाधिकारियों ने कहा कि वे (पवार के) फैसले पर पुनर्विचार की मांग को लेकर अपने पद छोड़ रहे हैं.

कार्यक्रम के पश्चात शरद पवार के घर चले जाने के बाद भी अनेक कार्यकर्ताओं ने कार्यक्रम स्थल छोड़ने से इनकार कर दिया था. उन्होंने भूख हड़ताल करने की भी धमकी दी थी. वहीं, एक कार्यकर्ता तो यहां तक धमकी देते देखा गया कि यदि शरद पवार अपना फैसला वापस नहीं लेते तो वह आत्महत्या कर लेगा. इस्तीफा देते हुए पवार ने कहा था कि उनकी राजनीतिक यात्रा एक मई, 1960 को शुरू हुई थी और पिछले 63 वर्ष से अनवरत जारी है. उन्होंने कहा कि इतने वर्षों में उन्होंने विभिन्न पदों पर रहते हुए महाराष्ट्र और देश की सेवा की है.

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