December 25, 2024

रामचरित मानस पर विवादित बयान पर CM बघेल बोले – रामायण में भगवान राम समेत अनेक चरित्रों का वर्णन, सार तत्व को करें आत्मसात, भाजपाइयों की दिल्ली दौरे पर कही ये बात…

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बिहार के शिक्षा मंत्री ने रामचरितमानस को नफरत फैलाने वाला ग्रंथ कहा है.

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बिहार के शिक्षा मंत्री ने रामचरितमानस को नफरत फैलाने वाला ग्रंथ कहा है. इस पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, रामचरित्र मानस समाज के लिए महत्वपूर्ण ग्रंथ है. मानस में भगवान राम सहित अनेक चरित्रों का वर्णन है. हमें सार तत्व को ग्रहण करना चाहिए. किसी को भी फिजूल विवादों में नहीं पड़ना चाहिए. कुछ भी बोलना गलत है. भाजपा नेताओं की दिल्ली दौरे पर सीएम बघेल ने कहा, लोकसभा में सबका टिकट काटकर देख लिए. अभी गुजरात में सबका टिकट काट दिए. विधानसभा में सबकी टिकट कटने वाली है तो कैसे अपने आप को बचाएं, इस कवायद में लगे हुए हैं.

सीएम बघेल ने कहा, कोई भी ग्रंथ है उसमें विनोबा भावे जी का जो वर्जन है उसको मैं कोट करूंगा. उन्होंने कहा है कि कोई भी ग्रंथ है और किसी ग्रंथ में कोई विषय दिया गया है तो उसे बहुत गहन चिंतन करके उसके सूक्ष्म से सूक्ष्म तत्व को ग्रहण करना चाहिए. आज दिक्कत यह है कि हम ऊपरी ऊपरी बातें कहते हैं रामायण में बहुत गुड़ तत्व दिया गया है तो उन गुड़ तथ्यों को विवेचना कर हमें ग्रहण करना चाहिए.

सीएम बघेल ने कहा, उस समय तत्कालीन जो परिस्थितियां थी उसके तहत रचना की गई. आज 600 साल हो गए रामायण रचना किए, उससे पहले कई भाषाओं में रचना हुई है तो उसके जो मूल तत्व हैं उसे हमें लेना चाहिए. चाहे किसी भी धर्म ग्रंथ का हो उसमें जैसे लिखा है वैसे नहीं मानना चाहिए बल्कि आज की परिस्थिति में उनकी विवेचना करके जो उनके मूल तत्व है उसे ग्रहण करना चाहिए. यह विनोवा भावे जी ने कहा है. आजकल यह सोशल मीडिया और इसके माध्यम से बिल्कुल सतही तौर पर सारी विवेचना की जाती है. इससे समाज का भला नहीं होता. इससे समाज में विद्वेष ही फैलता है.

विवादों में न पड़े, सूक्ष्म तत्व का ग्रहण करें

सीएम ने कहा, रामायण के मूल तत्व है कि राम का चरित्र क्या है, भरत, हनुमंत जी, लक्ष्मण जी, गुहा राज निषाद, जटायु का चरित्र क्या है तो इन चरित्रों को उनके जो गुड़ तत्व है उनको हमें आत्मसात करना चाहिए न कि सतही बातों का, उससे किसका भला होगा. चाहे किसी भी ग्रंथ की बात हो, जो 500 साल, 600 साल, 2000 साल पहले लिखी गई है आज के समय में वह रिलेवेंट हैं क्या, लेकिन उस समय वही बहुत बड़ा था और आज उसमें जो सूक्ष्म तत्व है उसको ग्रहण करना चाहिए. विवादों में नहीं पड़ना चाहिए. यह सब गलत है.

शरद यादव का जाना देश और समाज के लिए नुकसानदायक

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शरद यादव के निधन पर शोक जताया. उन्होंने कहा, शरद यादव ने जबलपुर यूनिवर्सिटी से अपनी राजनीतिक जीवन की शुरूआत की और धीरे-धीरे वह राष्ट्रीय राजनीति में आए और जब तक के वह राजनीति में सक्रिय थे भारतीय राजनीति को बहुत प्रभावित करते रहे. अपने कार्यों और विचारों से उनके जाने से एक युग की समाप्ति हुई है. एक बड़े राजनेता का जाना निश्चित रूप से देश और समाज के लिए नुकसानदायक है. मैं उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित करता हूं.

टिकट बचाने की कवायद में लगे हैं भाजपा नेता

मुख्यमंत्री ने कहा, बीजेपी 4 सालों से नजर नहीं आ रही थी, अब चुनावी वर्ष में अचानक से सड़क पर उतर आई है. अब दिल्ली तक जोर लगा रही है. इस पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, इनको तो पहले ही कह दिया था सारे बड़े जो 14 बचे हैं उन्हें भी कह दिया है कि तुम्हें टिकट मिलने वाली नहीं है. अपने किसी दूसरे को देख ले उन्हें टिकट मिलेगी, क्योंकि लोकसभा में सबका टिकट काटकर देख लिए. अभी गुजरात में सब का टिकट काट दिए तो विधानसभा में सबकी टिकट कटने वाली है तो कैसे अपने आप को बचाएं, इस कवायद में लगे हुए हैं.

बस्तर के विकास के लिए लगातार कर रहे प्रयास

मुख्यमंत्री बघेल ने कहा, बस्तर के विकास के लिए लगातार आप प्रयास कर रहे हैं, लेकिन रावघाट परियोजना को लंबित किया जा रहा है. बस्तर को जोड़ने के लिए सिर्फ एक सड़क मार्ग है और एक फ्लाइट चलती है. रेल मार्ग ओडिशा से होकर जो जाते हैं वह बहुत लंबा पड़ता है. अगर रेल मार्ग जुड़ जाएगा तो लोगों को आगमन के हिसाब से बड़ी सुविधा होगी.

चिटफंड कंपनियों में हजारों करोड़ डूबे, इसकी जांच हो

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, पहले इनके जो भ्रष्टाचार है उनकी शिकायत या जांच करवा ले. नान की जांच करना चाहते थे, हाईकोर्ट में इसका स्टे लेकर बैठे हैं. झीरम घाटी की जांच करने की बात करते हैं तो एनआईए जांच नहीं करती. कोर्ट में स्टे लेकर बैठ जाते हैं. चिटफंड कंपनी में लोगों के हजारों करोड़ रुपए डूबे हैं. हम लोग उसकी जांच करने बोलते है तो जांच नहीं करते. छत्तीसगढ़ का हर आदमी बोलता है कि चिटफंड कंपनी में उसके पैसे डूबे हैं. देशभर में पहले सरकार है जो चिटफंड कंपनियों में जिनके पैसे डुबे हैं उनके खाते में डालने काम कर रहे हैं, लेकिन अभी तक हम लोग जो कि यह बहुत कम किए हैं. हजारों करोड़ों रुपए है हम कुछ करोड़ वापस कर पाए हैं. कहीं ना कहीं मनी लॉन्ड्रिंग हुआ है. ईडी उसकी जांच करे, लेकिन वह नहीं करते हैं.

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