December 24, 2024

ऐतिहासिक देवबलौदा को BSP ने लिया गोद

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13वीं शताब्दी के देवबलौदा स्थित शिवमंदिर (DURG NEWS) और आसपास के क्षेत्र को संवारने का समय आ गया है।

DEVBALODA

भिलाई। 13वीं शताब्दी के देवबलौदा स्थित शिवमंदिर (DURG NEWS) और आसपास के क्षेत्र को संवारने का समय आ गया है। पिछले कुछ वर्षों में मंदिर की दीवारों व परिसर में बनी कलाकृतियां टूट-फूट रही थी। इसे सहेजने का जिम्मा स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) व भिलाई इस्पात संयंत्र ने उठाया है।
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की देख-रेख में इसका पुनरुत्थान किया जाएगा। सेल ने इसे लेकर एमओयू किया है। सेल के गोद लेने के बाद यहां बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। मंदिर की दीवारों में बनी कलाकृतियों को सहेजने की जिम्मेदारी एएसआई की है। इसके लिए विशेषज्ञों को दूसरे राज्यों से बुलवाया जाएगा। सेल चेयरमैन सोमा मंडल ने भिलाई प्रवास के दौरान संकेत दिए थे कि जल्द एमओयू हो जाएगा।

कर्ण और अर्जुन युद्ध
मंदिर की दीवारों में एक स्थान पर कर्ण और अर्जुन युद्ध (DURG NEWS) का दृश्य है। इसमें अर्जुन के रथ ध्वज पर हनुमान और कर्ण के धनुष पर प्रतिशोध के लिए तत्पर नागराज अश्वसेन बाण रूप में नजर आ रहे हैं।
शिवमंदिर के ठीक सामने भगवान शिव के द्वारपाल नंदी की प्रतिमा है। इस पर भक्त दशकों से जल चढ़ाते आ रहे हैं। करीब दो साल पहले इस प्रतिमा में दरार आ गई। इसके बाद इस पर पॉलीथिन चढ़ाकर प्रतिमा को नुकसान से बचाने की कोशिश की जा रही है।

मूर्तियां भी टूट-टूट कर गिर रही
मंदिर के दीवार पर भगवान गणेश की मूर्ति बनी है। इसे भी पॉलीथिन (DURG NEWS) से ढक दिया गया है। इस मूर्ति से भी सामने का हिस्सा टूटकर गिर चुका है।

बाहर से आएगी टीम
एएसआई के अनुसार, सेल-बीएसपी से एमओयू के बाद यहां सबसे अहम मूर्तियों के पुर्नउत्थान का काम शुरू किया जाएगा। इसके लिए एक्सपर्ट दूसरे प्रदेश से आएंगे।

कलचुरी काल का है यह मंदिर
देवबलौदा में महादेव मंदिर छत्तीसगढ़ में भगवान शिव को समर्पित है। यह मंदिर कलचुरी काल का है। मंदिर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के तहत एक संरक्षित स्मारक है। महाशिवरात्रि के दौरान बड़ी संख्या में भक्त पहुंचते हैं। फिलहाल भक्तों के लिए सुविधाएं नहीं हैं।

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