सीएम भूपेश बघेल ने दूसरा अनुपूरक बजट विधानसभा में किया पेश, विपक्ष ने नियम विरुद्ध का आरोप ..
सीएम भूपेश बघेल ने दूसरा अनुपूरक बजट विधानसभा में पेश किया। यह बजट 4337 करोड़ का है।
रायपुर। सीएम भूपेश बघेल ने दूसरा अनुपूरक बजट विधानसभा में पेश किया। यह बजट 4337 करोड़ का है। विपक्ष ने विशेष सत्र में अनुपूरक बजट पेश करने को नियम विरुद्ध बताया। नियम के उलंघन का हवाला देकर विपक्ष ने वाक आउट किया। भाजपा विधायक अनुपूरक बजट की चर्चा में भाग नहीं लेंगे। और सदन में बहिर्गमन कर दिया।
बीजेपी सदस्य अजय चंद्रकार ने मोहन मरकाम के खिलाफ विशेषाधिकार भंग का मामला उठाया। सदन मेंअजय चंद्राकर ने कहा सत्र की घोषणा होने से पहले ही मोहन मरकाम ने सत्र की जानकारी ट्वीटर में दी। मरकाम जी को कैसे मालूम चल गया कि सत्र इस दिन ही आहूत होगा। उन्होंने कहा कि सीएम और मरकाम को विशेष सत्र और विषय की जानकारी कैसे मिली।
ये विधानसभा की अवमानना है। विशेषाधिकार भंग पर आसंदी से चर्चा की मांग। संसदीय कार्यमंत्री रविन्द्र चौबे ने कहा कि कार्यमंत्रणा समिति की बैठक में सरकार की सहमति से सत्र तय होता है। विशेष सत्र हम आरक्षण को लेकर बुलाए है।सत्र आहूत कैसे किया जाता है इस प्रक्रिया को आप अच्छे से जानते है। आरक्षण को लेकर सत्र बुलाया गया उस पर भी आपको को अप्पति है।पक्ष विपक्ष के बीच तीखी बहस हुई।नेता प्रतिपक्ष नारायण चन्देल ने चर्चा को 9 दिसम्बर तक टालने की उठाई मांग।नेता प्रतिपक्ष ने स्पीकर चरणदास महंत से कहा कि आरक्षण से भानुप्रतापपुर में लाभ लेने की कोशिश की जा रही है। इसलिए आरक्षण पर चर्चा को 9 तारीख तक टाला जाए ।
आरक्षण के मसले पर विधानसभा के विशेष सत्र के दूसरे दिन की शुरुआत हंगामे से हुई। सदन की कार्यवाही शुरू होते ही बीजेपी विधायक अजय चंद्राकर ने व्यवस्था का प्रश्न उठाया। चंद्राकर ने कहा, पीसीसी अध्यक्ष मोहन मरकाम के ख़िलाफ़ विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया है। सदन की कार्यवाही को पूर्व प्रचारित किया गया। ट्वीट कर कहा- हम आदिवासियों के साथ हैं। मुख्यमंत्री ने भी लिखा कि हमने सत्र आहूत करने का आग्रह किया है।
चंद्राकर ने कहा, पीसीसी चीफ़ और मुख्यमंत्री को यह कैसे पता चल गया कि सत्र 1 और 2 दिसंबर को आहूत किया जाएगा। हम विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया है। इस पर चर्चा कराई जाए। कौन सा विधेयक है, जिसे अब तक वितरित नहीं किया गया है। सदन का राजनीतिक दुरुपयोग किया जा रहा है। चंद्राकर ने कहा कि विधानसभा में जितने सत्र हुए हैं, वह विषय केंद्रीय हुआ है। यदि आरक्षण के लिए विशेष सत्र बुलाया जा रहा है तो फिर अनुपूरक बजट कैसे लाया जा रहा है?संसदीय कार्यमंत्री रविंद्र चौबे ने कहा कि कार्यमंत्रणा समिति की बैठक में सत्र के विषय तय किए गए। हमने आरक्षण के विषय पर ही विशेष सत्र आहुत कराया है। पूरे प्रदेश के अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति और पिछड़ा वर्ग के आरक्षण के लिए विशेष सत्र बुलाया गया है। क्या आप इसका विरोध कर रहे हैं?
स्पीकर डॉक्टर चरणदास महंत ने कहा कि सदन में जो भी बिज़नेस आया है, यह कार्यमंत्रणा समिति की तरफ़ से ही आया है। बीजेपी विधायक ननकी राम कंवर ने कहा कि आरक्षण के मामले में सरकार ने कोर्ट में ठीक ढंग से जवाब नहीं दिया। इस पर मंत्री शिव डहरिया ने कहा कि बीजेपी की सरकार ने जो ग़लत किया है, आज उसे ही ठीक किया जा रहा है।
बीजेपी विधायक शिव रतन शर्मा ने कहा कि विधानसभा का अपमान है कि सत्र की अधिसूचना जारी होने के पहले पीसीसी चीफ़ मोहन मरकाम को सत्र की जानकारी कैसे मिली? यह विधानसभा की गरिमा का अपमान है। नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने कहा कि कार्य संचालन की पुस्तक में ये कहां लिखा है कि विशेष सत्र बुलाया जा सकता है। ये गंभीर विषय है कि जब किसी को यह नहीं पता कि सत्र कबसे शुरू होगा। क्या सरकार ने चुनाव आयोग से अनुमति मांगी कि हम विशेष सत्र बुलाया जा रहा है। 19 सितम्बर को आरक्षण को लेकर हाईकोर्ट का फ़ैसला आया था। दो महीने बाद तक सरकार का ध्यान इस ओर नहीं आया। सरकार अधिसूचना जारी कर सकती थी। भानुप्रतापपुर उप चुनाव 5 दिसम्बर को है। हमारा अनुरोध है कि सत्र 9 दिसंबर को बुलाया जाए। 8 दिसंबर को उप चुनाव के नतीजे आ जाएंगे।