दिवाली में भरपूर प्रदूषित रहा रायपुर….हवा नहीं चलती तो दुगना होता प्रदूषण
छत्तीसगढ़ नागरिक संघर्ष समिति ने छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल के दावे को झूठा बताया है कि रायपुर में वायु प्रदूषण कम हो रहा है
रायपुर। छत्तीसगढ़ नागरिक संघर्ष समिति ने छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल के दावे को झूठा बताया है कि रायपुर में वायु प्रदूषण कम हो रहा है, बल्कि हकीकत यह है कि इस दिवाली में रायपुरवासियों को भरपूर प्रदूषण युक्त हवा की सांस लेने को मजबूर होना पड़ा। दिवाली के दिन रात को लगातार 9 से 10 किलोमीटर प्रति घंटे की हवा चलने के कारण वायु प्रदूषण कम हो गया अगर हवा नहीं चलती तो यह प्रदूषणवायु में सूक्ष्म कण जिन्हें पार्टिकुलेट मैटर कहा जाता है के पीएम 2.5 का वर्ष भर का अधिकतम औसत 40 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर होना चाहिए, परंतु किसी भी दिन 24 घंटो में अधिकतम 60 से अधिक नहीं होना चाहिए। इसी प्रकार पीएम 10 का वर्ष भर का अधिकतम औसत 60 होना चाहिए परंतु किसी भी दिन 24 घंटो में अधिकतम 100 से अधिक नहीं होना चाहिए। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के अनुसार पीएम 2.5 की अधिकतम मात्रा किसी भी 24 घंटे में 15 से अधिक नहीं होना चाहिए।
समिति के डॉ राकेश गुप्ता ने बताया की पीएम 2.5 वह छोटा कण होता है जो कि मानव के बाल के व्यास से 30 गुना छोटा होता है। यह सीधे फेफड़ों को नुकसान पहुंचाता है, सांस की बीमारी, एलरजी बढ़ रही है। वायु प्रदूषण विशेष रुप से पीएम 2.5 और पीएम 10 का असर मानव के स्वास्थ्य पर बढ़ रहा है। विशेष रुप से इससे अचानक ह्रदय घात और ह्रदय रोग, फेफड़ों का कैंसर, ब्रेन स्ट्रोक होता है, भ्रूण के विकास में इसका असर पड़ता है, प्रीमेच्योर डिलीवरी बढने का एक कारण यह भी है इसके कारण विश्व भर में 70 लाख मौत समय पूर्व हो जाती है जिसमे से 16 लाख भारत में ही होती है।
क्या रही दिवाली की स्थिति?
पीएम 2.5 की स्थिति–शासन की संस्था स्टेट हेल्थ रिसर्च सेंटर रायपुर के ऑनलाइन रियल टाइम आंकड़ों के अनुसार दिवाली के दिन रात को यह अधिकतम आंबेडकर आवास गुढियारी में 362 था, सरोना उरला में 208 वीरगांव में 160 और टाटीबंध में 203 था।
शंकर नगर में दिवाली के पहले 23 अक्टूबर को पीएम 2.5, अधिकतम 126 था। दिवाली की रात 8.45 पर 222 था तथा रात को 11 बजे 346 हो गया। देवेंद्र नगर चौक (अधिकारी कॉलोनी के पास) पर रात 9 बजे यह 156 था तथा कलेक्टर चौक पर 208 था।
पीएम 10 की स्थिति–स्टेट हेल्थ रिसोर्स सेंटर के आंकड़ों के अनुसार दिवाली के दिन रात को यह अधिकतम आंबेडकर आवास गुढियारी में 401 था सरोरा उरला में 227 वीरगांव में 168 टाटीबंध में 206 था।दिवाली पूर्व 23 अक्टूबर को शंकर नगर में यह अधिकतम 146 था। दिवाली की रात को 8.45 पर 257 तथा रात को 11 बजे अधिकतम 401 था। देवेंद्र नगर चौक (अधिकारी कॉलोनी के पास) पर रात 9 बजे 180, कलेक्टर चौक पर अधिकतम 299 था।
जनता को गुमराह कर रहे है छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल के अधिकारी
छत्तीसगढ़ पर्यावरण मंडल ने अपने मुख्यालय नया रायपुर में ऑनलाइन डिस्पले सिस्टम लगा रखा है। यहाँ पर सदस्य सचिव से लेकर वैज्ञानिक भी बैठते है, जिन्हें मानकों की सभी जानकारी रहती है। यहाँ पर अधूरी जानकारी दी जा रही है पीएम 2.5 का मानक नहीं बताया जा रहा है। रायपुर में शहरी इलाके सबसे ज्यादा प्रदूषित है परन्तु कृषि कॉलेज और भटगांव के ही आंकड़े नयारायपुर में प्रदर्शित किये जा रहे है। कलेक्ट्रेट रायपुर में लगा छत्तीसगढ़ पर्यावरण मंडल का मीटर पीएम 10 के आंकड़े 00 बता रहा है जबकि दिवाली की रात 9 बजे वह 300 था। समिति की सदस्य मनजीत कौर बल ने कहा है कि अगर पर्यावरण संरक्षण मंडल के मीटर खराब है तो उन्हें बंद क्यों नहीं कर दिया जाता? जनता को क्यों गुमराह किया जा रहा है? शहर के बीच में जहाँ सबसे ज्यादा प्रदुषण रहता है वहां अलग-अलग जगह पर ऑनलाइन रियल टाइम मीटर क्यों नहीं लगाए गए हैं? क्या रायपुर का नागरिक शहर के प्रदुषण स्तर के आंकड़े देखने नया रायपुर जायेगा? जबकि पूरे देश में 21 राज्यों में 121 शहरो में 215 मीटर लगे हैं जिसका एयर क्वालिटी इंडेक्स मोबाइल पर भी देखा जा सकता है परन्तु रायपुर शहर में ये मीटर नहीं लगा है।