December 24, 2024

PCC की सूची पर विवाद शुरू, किसी भी प्रकोष्ठ के अध्यक्ष को सूची में नहीं मिली जगह

0

पीसीसी के प्रतिनिधियों की सूची कल ही जारी हुई है और आज इसको लेकर शिकायतों का दौर शुरू हो गया है।

RAJIV-BHAVAN-RPR-1

रायपुर। पीसीसी के प्रतिनिधियों की सूची कल ही जारी हुई है और आज इसको लेकर शिकायतों का दौर शुरू हो गया है। कहा जा रहा है कि प्रदेश के 27 प्रकोष्ठों के किसी भी अध्यक्ष को प्रतिनिधि नहीं बनाया गया है। अब प्रतिनिधियों की 18 सितम्बर को होने वाली बैठक में मामला गर्माने की आशंका जताई जा रही है।

प्रदेश कांग्रेस के 310 प्रतिनिधियों की सूची जारी की गई है। जिसमे से कई दिग्गजों के नाम गायब हैं। इनमें सरकार के मंत्री टीएस सिंहदेव, संसदीय सचिव विकास उपाध्याय, कुलदीप जुनेजा, पूर्व विधायक हर्षद मेहता, दीपक दुबे, किरणमयी नायक समेत कई नेताओं के नाम नहीं हैं।

बताया जा रहा है कि कुछ ने प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया, और प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम तक अपनी बात पहुंचाई है। यह भी बताया गया है कि प्रदेश के 27 प्रकोष्ठों के किसी भी अध्यक्ष को प्रतिनिधि नहीं बनाया गया है।

सूचि को लेकर यह बात भी सामने आ रही है कि बड़ी संख्या में ऐसे भी नेता हैं, जो कि दूसरे जिलों में प्रतिनिधि बनने में कामयाब रहे। कोंग्रेसी इसके लिए डीआरओ और बीआरओ पर सवाल खड़े कर रहे हैं। कई डीआरओ के खिलाफ तो लेनदेन की मौखिक शिकायत भी हुई है।
स्थानीय जिले के नेता भी बाहरी नेताओं को प्रतिनिधि बनाने पर आपत्ति कर रहे हैं। पता चला है कि पारस चोपड़ा बिलाईगढ़ से प्रतिनिधि बने हैं जबकि वो रायपुर के रहने वाले हैं। इसी तरह पीयूष कोसरे पलारी, मुस्कान देशमुख गरियाबंद, महमूद अली देवभोग, पंकज मिश्रा पिथौरा, पप्पू बंजारे बागबाहरा शहर, राजेश चौबे बागबाहरा ग्रामीण, राजीव वोरा गुंडरदेही, शिव सिंह ठाकुर वैशालीनगर, सुबोध हरितवाल डोंगरगढ़, सकलैन कामदार तखतपुर, सूर्यकांत तिवारी रायगढ़ से प्रदेश प्रतिनिधि बनाए गए हैं। इसी तरह रायपुर के रहवासी सद्दाम सोलंकी चिरमिरी, इरफान मनेन्द्रगढ़, और विकास बजाज मरवाही से प्रदेश प्रतिनिधि बनाए गए हैं।

दिग्गज नेता मौजूद रहेंगे बैठक में

18 सितम्बर को प्रदेश प्रतिनिधियों की बैठक हो रही है। इसमें पीआरओ हुसैन दलवई, प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया और सीएम भूपेश बघेल भी मौजूद रहेंगे। कहा जा रहा है कि इन नियुक्तियों पर कई नेता बैठक में अपनी आपत्ति दर्ज करा सकते हैं। हालांकि यह भी कहा जा रहा है कि बैठक में सर्वसम्मिति से प्रस्ताव पारित कर हाईकमान को नए नाम जोड़ने के अधिकार दिए जा सकते हैं। इससे छूट गए नामों को जोड़ा जा सकता है। फ़िलहाल सभी को इस बैठक का इंतजार है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed